लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 जनवरी, 2022

  • 13 Jan 2022
  • 9 min read

डॉ. एस सोमनाथ

प्रख्यात रॉकेट वैज्ञानिक एस. सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अध्यक्ष और अंतरिक्ष सचिव नियुक्त किया गया है। एस. सोमनाथ कैलासवादिवू सिवान की जगह लेंगे, जो शुक्रवार को अपना विस्तारित कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। डॉ. सोमनाथ लॉन्च व्हीकल डिज़ाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें लॉन्च व्हिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिज़ाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स, इंटीग्रेशन डिज़ाइन और प्रोसेड्योर, मेकैनिज़्म डिज़ाइन तथा पायरोटेक्नीक में महारत हासिल है। वर्तमान में डॉ. एस सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSV) के निदेशक हैं। अपने कॅरियर की शुरुआत में वह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के इंटीग्रेशन के दौरान टीम लीडर थे। डॉ. सोमनाथ एक ऐसे महत्त्वपूर्ण मोड़ पर इसरो की बागडोर संभाल रहे हैं, जब इस अंतरिक्ष एजेंसी की आगे की यात्रा को परिभाषित करने के लिये व्यापक सुधार और महत्त्वपूर्ण मिशन निर्धारित हैं। विचार यह है कि अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र अधिक जीवंत, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और आत्मनिर्भर बनना चाहिये। ऐसे समय में जब IN-SPACe एक नए मॉडल को परिभाषित कर रहा है, जिसे हमारी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का विस्तार करने के लिये भी डिज़ाइन किया गया है, इसे आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी नए अध्यक्ष की होगी। इसरो वर्ष 2022 में गगनयान मिशन की योजना पर कार्य कर रहा है, इस मिशन में भारत स्वयं के बल पर 3 भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इस योजना की सफलता के पश्चात् इसरो इस मिशन को जारी रखना चाहता है। इस परिप्रेक्ष्य में भारत को स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन की आवश्यकता है। भारत ने वर्ष 2017 में ही स्पेस डॉकिंग जैसी तकनीक पर शोध करने के लिये बजट का प्रावधान किया था। ऐसे महत्त्वपूर्ण मिशनों को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी भी नए अध्यक्ष के समक्ष होगी। 

लोहड़ी

भारत में फसल कटाई त्योहार को मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व जैसे विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्राति के एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी पौष के अंतिम दिन सूर्यास्त के बाद (माघ संक्रांति से पहली रात) मनाया जाता है। यह प्राय: 12 या 13 जनवरी को पड़ता है। यह मुख्यत: पंजाब का पर्व है, यह द्योतार्थक (एक्रॉस्टिक) शब्द लोहड़ी की पूजा के समय व्यवहृत होने वाली वस्तुओं के द्योतक वर्णों का समुच्चय होता है, जिसमें ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = 'लोहड़ी' के प्रतीक हैं। इसको मनाने के दौरान रात्रि में खुले स्थान पर परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं। इस दौरान रेवड़ी, मूंँगफली आदि खाए जाते हैं। 

राष्ट्रीय नवाचार सप्ताह

प्रगतिशील भारत के 75वें वर्ष, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के उद्देश्य से  शिक्षा मंत्रालय (एमओई), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (डीपीआईआईटी) संयुक्त रूप से 10 जनवरी से लेकर 16 जनवरी 2022 तक ‘राष्ट्रीय नवाचार सप्ताह’ का आयोजन कर रहे हैं। यह नवाचार सप्ताह शिक्षा मंत्रालय का प्रतीकात्मक सप्ताह भी है। यह नवाचार सप्ताह भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिये इन एजेंसियों द्वारा की गई विभिन्न पहलों को रेखांकित करेगा। 10 जनवरी से शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नवाचार प्रतियोगिता, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, युक्ति 2.0 और टॉयकैथॉन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों से चुनी गई 75 नवीन प्रौद्योगिकियाँ ई-प्रदर्शनी में भाग लेंगी और अपने नवाचारों का प्रदर्शन करेंगी। इस प्रदर्शनी के साथ-साथ 11 और 12 जनवरी के लिये निर्धारित पूरे दिन की गतिविधियों में उच्च शिक्षा संस्थानों और स्कूलों में नवाचार एवं उद्यमिता से संबंधित उभरते क्षेत्रों के बारे में कई महत्त्वपूर्ण व्याख्यान सत्र और पैनल चर्चा शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 11 और 12 जनवरी, 2022 को ‘शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के निर्माण’ विषय पर एक दो-दिवसीय ई-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में कई प्रख्यात उद्योगपति, उभरते हुए यूनिकॉर्न के संस्थापक, निवेशक और नीति निर्माण से जुड़ी हस्तियाँ नवाचार व स्टार्ट-अप के विभिन्न पहलुओं के बारे में अपने विचार एवं दृष्टिकोण साझा करने के लिये प्रमुख वक्ता एवं पैनलिस्ट के रूप में शामिल हुए। स्कूली बच्चों तथा युवाओं को नवाचार और उद्यमिता को करियर के विकल्प के रूप में अपनाने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरुआती दौर के स्टार्ट-अप के संस्थापकों व नवाचार में संलग्न छात्रों को शामिल करते हुए विशेष पैनल सत्र आयोजित किये जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के हिस्से के तौर पर विभिन्न हितधारकों को नवाचार के प्रति संवेदनशील और उन्मुख बनाना है।

मणिपुर को त्रिपुरा से जोड़ने वाली पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस 

संपूर्ण पूर्वोत्तर के लिये एक एतिहासिक उपलब्धि के तहत मणिपुर राज्य को असम के रास्ते त्रिपुरा से जोड़ने वाली पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को 8 जनवरी, 2022 को वीडियो लिंक के माध्यम से रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा रवाना किया गया। यह ट्रेन सेवा अगरतला से सिलचर (अरुणाचल स्टेशन के पास) और जिरिबाम तक यात्रा के समय को कम करेगी। यह ट्रेन सेवा पूर्वोत्तर क्षेत्र के व्यापार और पर्यटन को काफी बढ़ावा देगी। यह ट्रेन दो राज्यों की संस्कृति को जोड़ने वाली कड़ी है। इम्फाल-मोरेह रेल खंड एक रणनीतिक लाइन होगी, जिससे भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच संबंधों में वृद्धि होगी। लगभग 300 किलोमीटर दूरी के यात्रा समय को ट्रेन आधे से कम कर देगी, जबकि12 घंटे के सड़क मार्ग के मुकाबले यात्रा समय लगभग 06 घंटे का होगा। जनशताब्दी ट्रेन अब मणिपुर के लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु त्रिपुरा जाने के लिये सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा त्रिपुरा के लोगों को क्षेत्र की समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये व्यापार, पर्यटन आदि हेतु मणिपुर जाने का भी अवसर मिलेगा।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2