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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 दिसंबर, 2021

  • 13 Dec 2021
  • 7 min read

ऐनी राइस

विश्व प्रसिद्ध गॉथिक उपन्यास ‘इंटरव्यू विद द वैम्पायर’ की लेखिका ‘ऐनी राइस’ का हाल ही में 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ‘ऐनी राइस’ का जन्म वर्ष 1941 में ‘न्यू ऑरलियन्स’ (अमेरिका) में हुआ था और उनके कई उपन्यास इसी स्थान पर आधारित हैं। एक आयरिश कैथोलिक परिवार में पली-बढ़ीं राइस ने वर्ष 2008 के अपने संस्मरण- ‘कॉल आउट ऑफ डार्कनेस: ए स्पिरिचुअल कन्फेशन’ में अपनी उतार-चढ़ाव भरी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में लिखा। उनका पहला उपन्यास ‘इंटरव्यू विद द वैम्पायर’ वर्ष 1976 में प्रकाशित हुआ और उसी वर्ष ‘बेस्टसेलर’ बन गया। इस उपन्‍यास पर हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज और ब्रैड पिट को लेकर एक फिल्‍म भी बनाई गई थी। उन्होंने बाद में ‘द वैम्पायर क्रॉनिकल्स’ नामक एक शृंखला का निर्माण भी किया। इसके अलावा उनके एक अन्‍य उपन्‍यास ‘क्‍वीन ऑफ द डेम्‍ड’ पर वर्ष 2002 में भी एक फिल्‍म बनाई गई थी। 

महाकवि सुब्रह्मण्य भारती

11 दिसंबर, 2021 को उप-राष्ट्रपति ने महान स्वतंत्रता सेनानी और महाकवि सुब्रह्मण्य भारती को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। माना जाता है कि तमिल कविता और गद्य में भारती के अभिनव योगदान ने 20वीं सदी में तमिल साहित्य में पुनर्जागरण को जन्म दिया। उन्होंने अंग्रेज़ी में भी व्यापक स्तर पर लिखा। सुब्रमण्यम भारती का जन्म 1882 में सी. सुब्रमण्यम के रूप में ‘एट्टायपुरम’ में हुआ था, जो कि वर्तमान तमिलनाडु के ‘थूथुकुडी’ में स्थित है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी से प्राप्त की थी। वह मात्र 11 वर्ष के थे, जब एट्टायपुरम के तत्कालीन राजा ने उनकी कविता से प्रभावित होकर उन्हें 'भारती' की उपाधि दी थी, जिसका अर्थ है ‘देवी सरस्वती का आशीर्वाद’। यद्यपि उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ उनकी मातृभाषा तमिल में हैं, किंतु माना जाता है कि सुब्रमण्यम भारती को तीन विदेशी भाषाओं सहित 14 भाषाओं में प्रवीणता प्राप्त थी। उन्होंने बाल विवाह के विरुद्ध चिंता ज़ाहिर की और ब्राह्मणवाद की समाप्ति तथा धार्मिक सुधार की वकालत की। उन्हें अपने लेखन के कारण ब्रिटिश सरकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ा और अपना अधिकांश जीवन निर्वासन में बिताया। बाद में वह पांडिचेरी (वर्तमान पुद्दुचेरी) चले गए, जो कि उस समय फ्राँसीसी शासन के अधीन था। वहाँ उन्होंने साप्ताहिक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। वर्ष 1921 में 38 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हो गया। 

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस

प्रतिवर्ष विश्व भर में 11 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ (International Mountain Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पर्वतीय क्षेत्र के सतत् विकास के महत्त्व के बारे में जानने और पर्वतीय क्षेत्र के प्रति दायित्वों के लिये जागरूक करना है। यह दिवस पहाड़ों में सतत् विकास को प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस की थीम ‘सतत् पर्वतीय पर्यटन’ रखी गई है, जो पर्यावरणीय दृष्टि से सतत् एवं स्थायी पर्यटन के महत्त्व को रेखांकित करने और उसके समक्ष मौजूद चुनौतियों को संबोधित करने पर केंद्रित है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, विश्व के तकरीबन 15 प्रतिशत लोग पर्वतों पर निवास करते हैं और विश्व के लगभग आधे जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट पर्वतों पर मौजूद हैं। पर्वत पृथ्वी की सतह का तकरीबन 27 प्रतिशत भाग कवर करते हैं। पर्वत न केवल आम लोगों के दैनिक जीवन के लिये आवश्यक हैं, बल्कि सतत् विकास की दृष्टि से भी इनका काफी महत्त्व है। 

रॉयल गोल्ड मेडल-2022

अहमदाबाद स्थित ‘बालकृष्ण दोशी’ को ‘रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स’ (RIBA) द्वारा ‘रॉयल गोल्ड मेडल-2022’ प्रदान किया जाएगा, जो कि वास्तुकला के लिये विश्व का सर्वोच्च सम्मान है। 94 वर्षीय बालकृष्ण दोशी को उनके सात दशकों लंबे कॅरियर के दौरान देश भर में 100 से अधिक परियोजनाओं को पूरा करने के लिये यह सम्मान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि ‘रॉयल गोल्ड मेडल’ एक ऐसे व्यक्ति या समूह को प्रदान किया जाता है, जिनका वास्तुकला की उन्नति में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। ‘प्रित्ज़कर पुरस्कार’ विजेता बालकृष्ण दोशी ने वास्तुकला शिक्षा को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है और स्थानीय तकनीकों से समझौता किये बिना आधुनिकता के विचारों को नया रूप दिया है।

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