Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 अगस्त, 2021 | 13 Aug 2021
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में उत्कृष्टता हेतु राजीव गांधी पुरस्कार
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में ‘सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में उत्कृष्टता हेतु राजीव गांधी पुरस्कार’ की घोषणा की है। यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थानों और कंपनियों को दिया जाएगा। राज्य सरकार के सार्वजनिक उद्यम- महाराष्ट्र आईटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MAHA-IT) को पुरस्कार के लिये नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इस पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में राजीव गांधी के अग्रणी योगदान को रेखांकित करना है। उन्होंने देश में ‘सूचना प्रौद्योगिकी’ युग की शुरुआत की, जिसने भारत के सेवा क्षेत्र को बदलने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। यही कारण है कि राजीव गांधी को 'भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार क्रांति का जनक' और डिजिटल इंडिया के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। राजीव गांधी ने वर्ष 1984 से वर्ष 1989 के बीच देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। यह समय देश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण दौर था। इसी दौरान देश में अत्याधुनिक दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकसित करने और भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये अगस्त 1984 में ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स’ (C-DOT) की स्थपना की गई, वर्ष 1986 में ‘महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड’ की स्थापना हुई और इसी समय रेलवे का कंप्यूटरीकरण भी किया गया।
‘वाटर प्लस’ सिटी: इंदौर
भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2021’ के तहत देश का पहला 'वाटर प्लस' शहर घोषित किया गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के हिस्से के रूप में देश भर के शहरों और कस्बों में स्वच्छता, आरोग्यता व साफ-सफाई का एक वार्षिक सर्वेक्षण है। गौरतलब है कि सर्वेक्षण के मुताबिक, शहर के 30 प्रतिशत सीवेज जल का पुनर्चक्रण एवं पुन: उपयोग किया जा रहा है। शहर में ‘पुनर्चक्रित’ जल का उपयोग आम लोगों द्वारा अपने बगीचों और निर्माण स्थलों में किया जा रहा है। इसके अलावा शहर में कुल सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये गए हैं तथा उनमें प्रतिदिन लगभग 110 मिलियन लीटर जल का उपचार किया जाता है। स्वच्छ सर्वेक्षण के ‘वाटर प्लस’ प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इंदौर नगर निगम द्वारा 1,746 सार्वजनिक और 5,624 घरेलू सीवरों को 25 छोटे व बड़े नालों से जोड़ा गया है, इससे शहर की कान्ह और सरस्वती नदियों को सीवर लाइनों से मुक्त कर दिया गया है। ज्ञात हो कि देश में सर्वप्रथम 'वाटर प्लस' का टैग पाने के अलावा इंदौर को लगातार चौथी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।
मौसम एवं मानसून पूर्वानुमान हेतु भारत-अमेरिका समझौता
हाल ही में भारत और अमेरिका ने क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान में सुधार के लिये मानसून डेटा विश्लेषण एवं सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते में भारत की ओर से ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी’ और अमेरिका की ओर से ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ शामिल हैं। इस समझौते के तहत दोनों निकाय ‘रिसर्च मूरड ऐरे फॉर अफ्रीकन-एशियन-ऑस्ट्रेलियन मानसून एनालिसिस एंड प्रिडिक्शन’ (RAMA) प्रणाली और ‘ओसियन मूरड बॉय नेटवर्क इन नॉर्दन इंडियन ओसियन’ (OMNI) प्रणाली के विकास में तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देंगे, जो कि इस क्षेत्र में मानसून के पूर्वानुमान में सुधार करने में काफी मददगार होगा। यह समझौता भारत के ‘पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय’ और अमेरिका के ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ के बीच पृथ्वी अवलोकन तथा पृथ्वी विज्ञान में तकनीकी सहयोग के लिये हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का अगला चरण है।
स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट रैंकिंग
स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड रैंकिंग-2021 में कतर स्थित ‘दोहा हमद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ को विश्व के सबसे श्रेष्ठ हवाई अड्डे के रूप में चुना गया है। वहीं दिल्ली का ‘इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा’ इस रैंकिंग में लगातार तीसरी बार दुनिया के शीर्ष-50 सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डों में शामिल हुआ है। इसके अतिरिक्त मुंबई, हैदराबाद और बंंगलूरू ने दुनिया के 100 सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डों में स्थान हासिल किया है। स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट रैंकिंग के अनुसार, दिल्ली ने 45वीं रैंक हासिल की, जबकि हैदराबाद ने 64वीं, मुंबई ने 65वीं और बंंगलूरू ने 71वीं रैंक हासिल की है। विश्व स्तर पर दुनिया के शीर्ष-5 हवाई अड्डे हैं- ‘दोहा हमद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’, ‘टोक्यो हानेडा हवाई अड्डा’, ‘चांगी हवाई अड्डा (सिंगापुर), ‘सियोल इंचियोन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ और ‘टोक्यो नारिता’ हवाई अड्डा। ‘स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट रैंकिंग’ ग्राहकों की समीक्षाओं के आधार पर जारी की जाती है। इस रैंकिंग को विश्व हवाई अड्डा उद्योग के लिये गुणवत्ता बेंचमार्क के रूप में जाना जाता है।