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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 अगस्त, 2020

  • 13 Aug 2020
  • 5 min read

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना

12 अगस्त, 2020 तक भारत सरकार को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना योजना के अंतर्गत, इस योजना के लॉन्च किये जाने के के 41 दिनों के भीतर ही 5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ पहुँचाने के लिये यह योजना प्रारंभ की गई थी। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि’ योजना को संक्षेप में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के नाम से जाना जाता है। सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स को 10,000 रुपये तक का ऋण प्रदान करना है। यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण की सुविधा देना है। यह योजना प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान के रूप में प्रोत्साहन प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत 1,200 रुपये प्रति वर्ष तक का कैशबैक भी प्रदान किया जाता है। सूक्ष्म वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय  कम्पनियाँ इस योजना के तहत ऋण देने वाली संस्था के रूप में कार्यरत हैं। यह योजना जून 2020 में शुरू की गई थी। इसे स्ट्रीट वेंडर्स की सहायता के लिये लॉन्च किया गया था ताकि COVID-19 के कारण हुए लॉक डाउन के बाद वे अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें। 

लोकसभा में फ्रेंच कोर्स का शुभारंभ 

संसद के निम्न सदन लोकसभा ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिये प्रारंभिक स्तर पर एक फ्रांसीसी भाषा पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू किया है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत लगभग 57 अधिकारियों व कर्मचारियों को पंजीकृत किया गया है। इस पहल को संसदीय अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान लोकतंत्र द्वारा लागू किया जायेगा। भविष्य में लोकसभा में जर्मन, रूसी, स्पेनिश और अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक भाषाओं पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है। भारत में फ्रेंच भाषा की उपस्थिति वर्ष 1673 में दर्ज़ की गई जब फ्रांसीसियों ने फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की। हालाँकि, ब्रिटिशों की तुलना में देश में उनकी उपस्थिति बहुत कम थी। वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अन्य देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिये संसद सदस्यों को विदेशी भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है। भारत के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास, प्रौद्योगिकी उन्नयन, रक्षा तकनीकी, स्वास्थ्य और शिक्षा के तरीकों की निगरानी करना महत्त्वपूर्ण है। यह भारत को गतिशील बने रहने और वैश्विक स्तर पर व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि करने और सफलताएँ हासिल करने में सहायता करेगा। 

मनितोंबी सिंह

मोहन बागान फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान मनितोंबी सिंह का 8 अगस्त 2020 को निधन हो गया। वह 40 वर्ष के थे। मोहन बागान क्लब ने उनके निधन पर शोक जताया है। मनितोंबी सिंह पिछले कुछ समय से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। मनितोंबी सिंह ने वर्ष 2003 से 2005 तक मोहन बागान के लिये फुटबाल खेला। इस दौरान उन्होंने टीम की कप्तानी भी की थी। मोहन बागान के समर्थकों के बीच वह काफी लोकप्रिय थे। उन्हीं के नेतृत्व में मोहन बागान ने वर्ष 2004 में एयरलाइंस गोल्ड कप जीता था। मणिपुर के रहने वाले मनितोंबी सिंह राइट बैक पोजीशन पर खेलते थे। मोहन बागान के अलावा उन्होंने एयरलाइंस और सलगावकर फुटबॉल क्लब की तरफ से भी खेला। वर्ष 2002 में वह भारतीय फुटबॉल टीम के सदस्य भी थे। उन्होंने एशियन गेम्स में भी देश का प्रतिनिधित्व किया। बतौर फुटबॉलर संन्यास लेने के बाद वह कोच के तौर पर अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे थे।

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