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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अक्तूबर, 2022

  • 12 Oct 2022
  • 7 min read

विश्व अर्थराइटिस दिवस 

प्रत्येक वर्ष 12 अक्तूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आर्थराइटिस के बढ़ते खतरे को कम करना तथा इस बारे में लोगों को जागरूक करना है। विश्व अर्थराइटिस दिवस की स्थापना वर्ष 1996 में अर्थराइटिस और रूमेटिज़म इंटरनेशनल (ARI) द्वारा की गई थी। अर्थराइटिस जोड़ों से संबंधित एक समस्या है। इस रोग में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द होता है तथा उनमें सूजन आ जाती है। अर्थराइटिस शरीर के किसी एक जोड़ या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। वैसे तो अर्थराइटिस कई प्रकार का होता है लेकिन सामान्य तौर पर दो प्रकार काअर्थराइटिस अधिक देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के ये दो प्रकार हैं-  ‘ऑस्टियो अर्थराइटिस (Osteoarthritis)’ औररुमेटॉयड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)’। हमारी हड्डियों के जोड़ों में ऊतक पाए जाते हैं। इन्हीं ऊतकों में से एक ऊतक जिसे कार्टीलेज के नाम से जाना जाता है, हड्डियों के जोड़ों की फंक्शनिंग में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब व्यक्ति के शरीर में हलचल होती है अर्थात् वह चलता-फिरता है तो उसके जोड़ों पर काफ़ी दबाव पड़ता है। कार्टीलेज ऊतक ऐसी स्थिति में उस दबाव और प्रेशर को अवशोषित कर लेता है तथा हड्डियों को डैमेज होने से बचाता है। जब शरीर में कार्टीलेज उत्तकों की मात्रा में गिरावट होने लगती है तो ऐसे में शरीर गठिया का शिकार होने लगता है।

न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़  9 नवंबर, 2022 को दो साल की अवधि के लिये भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई. वी. चंद्रचूड़ के पुत्र हैं। 11 नवंबर, 1959 को जन्‍मे जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ का पूरा नाम 'धनंजय यशवंत चंद्रचूड़' है। इनके पिता वाई. वी. चंद्रचूड़ भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। 31 अक्तूबर, 2013 से सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति तक वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। 29 मार्च, 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति तक बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे और महाराष्ट्र न्यायिक अकादमी के निदेशक रहे। वर्ष 1998 से न्यायाधीश पद पर नियुक्त्ति होने तक भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे। जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किये गए। उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में भी काम किया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्त्वपूर्ण केसों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीज़ो के अधिकार, धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक अधिकार तथा श्रम एवं औद्योगिक कानून शामिल हैं।

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पद्म विभूषण

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। दिवंगत शिंजो आबे की पत्नी श्रीमती अकी आबे ने  11 अक्तूबर को जापान में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा से यह पुरस्कार ग्रहण किया। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, जो सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री पद पर रहे, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Libral Democratic Party) से जुड़े हुए थे। वे वर्ष 2006 में पहली बार जापान के प्रधानमंत्री पद के लिये चुने गए थे। पद्म विभूषण वर्ष 1954 में स्थापित भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है। पद्म भूषण और पद्म श्री के बाद पद्म पुरस्कारों के पदानुक्रम में पद्म विभूषण सर्वोच्च है। पद्म पुरस्कार कार्य में विशिष्टता के आधार पर दिये जाते हैं। कला, साहित्य, शिक्षा, समाजिक कार्य, खेल, चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग समेत कई क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को पद्म पुरस्कार दिये जाते हैं। स्पष्टतः इन पुरस्कारों के लिये चयन का आधार विशिष्टता है। इस पुरस्कार हेतु शिंजो आबे के चयन का कारण जनसेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य हैं। जापान में आर्थिक सुधार लागू करने के लिये उनके काम को खूब सराहा जाता है। जापान को भारत का विश्वसनीय दोस्त एवं आर्थिक सहयोगी बनाने में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अहम भूमिका रही है। आबे के कार्यकाल में ही भारत के साथ फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक बनाने के लिये समझौता हुआ। 

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