Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 जून, 2023 | 12 Jun 2023
"हमारी भाषा, हमारी विरासत" एवं 75वाँ अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार दिवस
संस्कृति राज्य मंत्रालय ने नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में आज़ादी के अमृत महोत्सव (AKAM) के तहत "हमारी भाषा, हमारी विरासत' प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो 75वें अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार दिवस के उपलक्ष्य में है। भारत यहाँ बोली जाने वाली 788 से अधिक भाषाओं के साथ दुनिया में भाषायी रूप से विविध राष्ट्रों में से एक है और यह प्रदर्शनी इस विविधता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है। इस प्रकार भारत पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया एवं नाइजीरिया के साथ विश्व के चार सबसे भाषायी रूप से विविध देशों में से एक है। इस प्रदर्शनी में शामिल प्राचीन गिलगित पांडुलिपियाँ (5वीं-6वीं शताब्दी CE के बीच लिखी गईं, जो भारत में सबसे पुराना जीवित पांडुलिपि संग्रह है), तत्त्वार्थ सूत्र (प्राचीन जैन पाठ), रामायण तथा श्रीमद भगवद् गीता आदि सहित कई मूल पांडुलिपियाँ हैं। इसके अलावा भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार ने 72,000 से अधिक पाण्डुलिपियों को भौतिक रूप से और डिजिटलीकरण के माध्यम से उपलब्ध कराया है, जिससे विश्व भर के लोगों तक उनकी पहुँच सुनिश्चित हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार दिवस, अभिलेखागार व पुरालेखपालों के महत्त्व एवं मूल्यों के उत्सव और जागरूकता का दिवस है। यह वर्ष 2008 से प्रत्येक वर्ष 9 जून को मनाया जाता है, जब 1948 में यूनेस्को के तत्त्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार परिषद (International Council on Archives- ICA) को स्थापिय किया गया था।
और पढ़ें…भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार, यूनेस्को
बिरसा मुंडा
भारतीय प्रधानमंत्री ने 9 जून को प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था, वे मुंडा जनजाति से संबंधित थे। उन्होंने बिरसैत नामक एक धर्म का प्रसार किया जिसने कई आदिवासी अनुयायियों को आकर्षित किया। उन्होंने आदिवासियों की ज़मीनों पर कब्ज़ा कर रहे और उन्हें अमानवीय कार्य परिस्थितियों में कार्य करने के लिये बाध्य कर रहे ब्रिटिश अधिकारियों और ज़मींदारों के खिलाफ "उलगुलान" या "मुंडा विद्रोह" (1899-1900) का आयोजन एवं नेतृत्व किया। उन्होंने शोषण मुक्त समाज की कल्पना की और जनजातीय समुदायों के अधिकारों और सम्मान की मांग की। व्यापक रूप से उन्हें लोक नायक तथा जनजातीय प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है। "झारखंड" का अर्थ है "वनों की भूमि", जिसे पौराणिक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती अर्थात् 15 नवंबर, 2000 को बिहार पुनर्गठन अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया।
शक्ति योजना
कर्नाटक सरकार ने 'शक्ति' योजना आरंभ की है। यह योजना राज्य द्वारा संचालित सड़क परिवहन निगमों (RTC) द्वारा प्रदान की जाने वाली गैर-प्रीमियम बस सेवाओं में महिलाओं को मुफ्त यात्रा प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कार्यबल में शामिल करने तथा राज्य एवं देश के विकास में योगदान देने के लिये सशक्त बनाना है। सरकार आवेदन प्राप्त करने के बाद महिलाओं को 'शक्ति स्मार्ट कार्ड' जारी करेगी और इस बीच वे मुफ्त यात्रा हेतु पात्रता के प्रमाण के रूप में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किसी भी पहचान पत्र का उपयोग कर सकती हैं। यह योजना उन महिलाओं तक सीमित है जो कर्नाटक की अधिवासी हैं तथा कुछ अपवादों के साथ RTC द्वारा संचालित सामान्य एवं एक्सप्रेस सेवाओं पर लागू होती है। इसके अतिरिक्त पात्र सेवाओं में 50% सीटें पुरुषों के लिये आरक्षित हैं।
पीएम स्वनिधि
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक, दक्षिणी राज्यों में महिलाएँ उत्तर में अपने समकक्षों की तुलना में उच्च दर पर स्ट्रीट वेंडर्स, पीएम-स्वनिधि के लिये ऋण योजना का लाभ उठा रही हैं। देश में योजना के कुल लाभार्थियों में से 41% महिलाएँ हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों में अधिकांश महिला लाभार्थी हैं, जिनका प्रतिशत 50% से 70% के बीच है। हालाँकि पूर्वोत्तर राज्यों में लाभार्थियों की कुल संख्या कम है, महिलाओं का एक उच्च प्रतिशत इस योजना से लाभान्वित हो रहा है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार तथा राजस्थान जैसे उत्तरी राज्यों में महिला लाभार्थियों का प्रतिशत कम है, लेकिन पूर्ण संख्या अभी भी महत्त्वपूर्ण है। पीएम स्वनिधि एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो पूरी तरह से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है। इसका उद्देश्य कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा देना, नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना एवं डिजिटल लेन-देन को पुरस्कृत करना है।