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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 नवंबर, 2021

  • 11 Nov 2021
  • 6 min read

शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस

हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्त्व और प्रासंगिकता को बढ़ावा देने तथा शांति व विकास के लिये  प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस समाज में विज्ञान की महत्त्वपूर्ण भूमिका और वैज्ञानिक मुद्दों पर बहस में आम जनता को संलग्न करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को विज्ञान के विकास से अवगत किया जाए। साथ ही यह दिवस पृथ्वी को लेकर हमारी समझ को व्यापक बनाने में विज्ञान की भूमिका को भी रेखांकित करता है। शांति और विकास के लिये विश्व विज्ञान दिवस सर्वप्रथम 10 नवंबर, 2002 को यूनेस्को (UNESCO) के तत्त्वावधान में दुनिया भर में मनाया गया था। यह दिवस वर्ष 1999 में बुडापेस्ट में आयोजित विज्ञान विषय पर विश्व सम्मेलन का परिणाम है। यह दिवस आम जनता को उनके जीवन में विज्ञान की प्रासंगिकता दर्शाने और इसे वार्ता में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘बिल्डिंग क्लाइमेट-रेडी कम्युनिटीज़’ रखी गई है। 

नेपाल के सेना प्रमुख को भारतीय जनरल की मानद रैंक

वर्ष 1950 में शुरू हुई परंपरा के हिस्से के तौर पर नेपाल के सेना प्रमुख जनरल ‘प्रभु राम शर्मा’ को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 'भारतीय सेना के जनरल' की मानद रैंक से सम्मानित किया गया है। जनरल प्रभु राम शर्मा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विस्तार के तरीकों का पता लगाने हेतु भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भारतीय सेना प्रमुख मनोज नरवणे को नवंबर 2020 में नेपाल सेना के मानद जनरल के पद से सम्मानित किया था। नेपाल, भारत का एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी है और सदियों से चले आ रहे भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंधों के कारण वह हमारी विदेश नीति में भी विशेष महत्त्व रखता है। भारत और नेपाल हिंदू धर्म एवं बौद्ध धर्म के संदर्भ में समान संबंध साझा करते हैं, उल्लेखनीय है कि बुद्ध का जन्मस्थान लुम्बिनी नेपाल में है और उनका निर्वाण स्थान कुशीनगर भारत में स्थित है। वर्ष 1950 की ‘भारत-नेपाल शांति एवं मित्रता संधि’ दोनों देशों के बीच मौजूद विशेष संबंधों का आधार है। भारत-नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों के संबंधों की विशिष्टता है, जिससे दोनों देशों के लोगों को आवागमन में सुगमता रहती है।

‘टेली-लॉ ऑन व्हील्स’ अभियान

विधि एवं न्‍याय मंत्रालय के तहत न्याय विभाग ने 8 नवंबर से लेकर 14 नवंबर, 2021 तक सप्ताह भर चलने वाले ‘टेली-लॉ ऑन व्हील्स’ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के एक हिस्से के रूप में लोगों को उनके अधिकारों के संबंध में सही तरीके से दावा करने और मुकदमे से पूर्व दी जाने वाली सलाह के माध्यम से सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों की एक शृंखला शुरू की जा रही है। इस अभियान के संदेश को प्रदर्शित करने वाली विशेष मोबाइल वैन भी चलाई गई है। ये वैन प्रतिदिन 30-40 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी, टेली-लॉ से संबंधित सूचना-पत्रक वितरित करेंगी, टेली-लॉ सेवाओं के बारे में फिल्मों एवं रेडियो जिंगल आदि का भी प्रसारण करेंगी।

स्टार्टअप्स व एमएसएमई हेतु भारत-इज़रायल समझौता

स्टार्टअप्स व एमएसएमई में नवाचार एवं त्वरित अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) तथा इज़रायल के ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय’ (DDR&D) ने एक द्विपक्षीय नवाचार समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते के तहत दोनों देशों के स्टार्टअप्स और उद्योग अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों व उत्पादों को कई क्षेत्रों में लाने के लिये एक साथ मिलकर काम करेंगे। इन क्षेत्रों में ड्रोन्स, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), क्वांटम टेक्नोलॉजी, फोटोनिक्स, बायो सेंसिंग, ब्रेन-मशीन इंटरफेस, ऊर्जा भंडारण और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं। उत्पाद व प्रौद्योगिकियों को दोनों देशों की अद्वितीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिये अनुकूलित किया जाएगा। इन प्रोद्योगिकियों को संयुक्त रूप से ‘DRDO’ और ‘DDR&D’ द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

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