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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 मार्च, 2023

  • 11 Mar 2023
  • 6 min read

ओडिशा में भीषण वनाग्नि

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India- FSI) के आँकड़ों के अनुसार, ओडिशा राज्य में मार्च 2023 में 642 घटनाओं के साथ देश में आग की भीषण घटनाएँ देखी गईं, साथ ही वर्तमान में भी वनाग्नि की घटनाएँ हो रही हैं। पूरे ओडिशा में आग की घटनाओं की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण राज्य के वनों में वनस्पतियों और जीवों का व्यापक नुकसान हुआ है। ओडिशा में नवंबर 2022 से लेकर अब तक 871 बड़ी वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। आधिकारिक आँकड़ों अनुसार, यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। ओडिशा के बाद आंध्र प्रदेश (754), कर्नाटक (642), तेलंगाना (447) और मध्य प्रदेश (316) का स्थान रहा। वर्ष 2021 में राज्य में 51,968 वनाग्नि की घटनाएँ हुईं। मयूरभंज ज़िले के सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में भीषण आग लग गई थी, जो एशिया के प्रमुख जीवमंडलों में से एक है। वनाग्नि को झाड़ी या वनस्पति की आग या जंगल की आग भी कहा जाता है, इसे जंगल, चरागाह, ब्रशलैंड या टुंड्रा जैसे प्राकृतिक स्थल में किसी भी अनियंत्रित और गैर-निर्धारित दहन या पौधों को जलाने के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो प्राकृतिक ईंधन का उपयोग करती है एवं पर्यावरणीय कारकों (जैसे- हवा, स्थलाकृति) के आधार पर फैलता है।

और पढ़ें… वनाग्नि: कारण, वर्गीकरण, भारत में घटनाएँ और उपाय

CISF का 54वाँ स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 मार्च को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का स्थापना दिवस मनाया जाता है जिसकी स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन की गई थी। CISF, भारत की सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस इकाइयों में से एक है, जो विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, हवाई अड्डों और अन्य महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करता है। CISF का गठन ‘केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968’ के तहत 10 मार्च, 1969 को किया गया था। तभी से प्रत्येक वर्ष 10 मार्च को CISF के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालाँकि वर्ष 2023 में इसे संशोधित कर 12 मार्च किया गया है।

और पढ़ें… केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल(CAPF)

MIDH के तहत उत्कृष्टता केंद्र

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत विभिन्न राज्यों में द्विपक्षीय सहयोग या अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित किये जा रहे हैं। ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के प्रदर्शन और प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं। स्वीकृत किये गए 3 उत्कृष्टता केंद्रों में शामिल हैं:

  • बंगलूरू, कर्नाटक में कमलम् (ड्रैगन फ्रूट) के लिये उत्कृष्टता केंद्र
  • जाजपुर, ओडिशा में आम और सब्जियों के लिये उत्कृष्टता केंद्र
  • पोंडा, गोवा में सब्जियों और फूलों के लिये उत्कृष्टता केंद्र

MIDH फलों, सब्जियों और अन्य क्षेत्रों को शामिल करने वाले बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिये एक केंद्र प्रायोजित योजना है। MIDH के तहत सरकार सभी राज्यों में विकासात्मक कार्यक्रमों के लिये कुल परिव्यय का 60% योगदान करती है (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर जहाँ भारत सरकार 90% योगदान करती है) तथा 40% का योगदान राज्य सरकारों द्वारा दिया जाता है।
और पढ़ें… भारत में बागवानी क्षेत्र की स्थिति

चीन सीमा (लद्दाख) पर सेना इकाई का नेतृत्त्व करने वाली पहली महिला

हाल ही में एक महिला अधिकारी, कर्नल गीता राणा ने पहली बार संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र में एक स्वतंत्र इकाई की कमान संभाली हैं, जहाँ भारत और चीन लंबे समय से सीमा विवाद में उलझे हुए हैं। जनवरी 2023 में सेना ने पहली बार विश्व के सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्ध मैदान सियाचिन में एक महिला अधिकारी, कैप्टन शिवा चौहान को तैनात किया। इसने 27 महिला शांति सैनिकों की अपनी सबसे बड़ी टुकड़ी को सूडान के अबेई के विवादित क्षेत्र में तैनात किया, जहाँ वे संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (UNISFA) के हिस्से के रूप में एक चुनौतीपूर्ण मिशन में सुरक्षा संबंधी कार्य कर रही हैं। सेना में महिलाओं के लिये एक महत्त्वपूर्ण मोड़ वर्ष 2015 में तब आया जब भारतीय वायु सेना (IAF) ने उन्हें पहली बार लड़ाकू स्ट्रीम में शामिल करने का निर्णय लिया।
और पढ़ें… सशस्त्र बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्त्व

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