विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 जून, 2022
- 11 Jun 2022
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गौरव अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जून, 2022 को गुजरात में नवसारी के जनजातीय क्षेत्र खुदवेल में गुजरात गौरव अभियान के तहत 3,050 करोड़ रुपए लागत की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और भूमिपूजन किया। इनमें 7 परियोजनाओं का लोकार्पण, 12 परियोजनाओं की आधारशिला और 14 परियोजनाओं का भूमि पूजन शामिल है। इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से दक्षिणी गुजरात के सूरत, नवसारी, वलसाड़ और तापी ज़िलों के लोगों का जीवन सुगम बनेगा। इन परियोजनाओं से क्षेत्र की जलापूर्ति में सुधार होगा, सड़क संपर्क बढ़ेगा। जनजातीय समुदायों के बच्चों को हरसंभव अवसर प्राप्त होगा, साथ ही मातृभाषा में शिक्षा, यहांँ तक कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिये भी अन्य पिछड़ा वर्ग एवं जनजातीय विद्यार्थियों के लिये अवसर खुलेंगे। पहली बार गुजरात के इस जनजातीय क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर कई विकास परियोजनाएंँ एक साथ शुरू की जा रही हैं।
संपदा सृजन
‘आाजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग- दीपम ने देश के 75 शहरों में विशेष कार्यक्रम संपदा सृजन विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री ने भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलूरू में इस सम्मेलन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान सभी शहर वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। वित्त मंत्री के अनुसार, 1994 के बाद नीतिगत निवेश की योजना शुरू की गई और अब ये कंपनियांँ बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं तथा FPO के साथ समान प्रतिस्पर्द्धा कर रही हैं। भारत में नीतिगत विनिवेश के माध्यम से निवेश के लिये अधिक अवसर उपलब्ध कराए गए हैं और बड़ी संख्या में लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। दीपम से प्रधानमंत्री की परिकल्पना साकार हो रही है और देश को विकास के रास्ते पर ले जाने में मदद मिल रही है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe)
प्रधानमंत्री ने 10 जून को अहमदाबाद के बोपल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय का उद्घाटन किया। इसे जून 2020 में केंद्रीय कैबिनेट से मंज़ूरी प्राप्त हुई थी। IN-SPACe एक नोडल एजेंसी होगी, जो अंतरिक्ष गतिविधियों और गैर-सरकारी निजी संस्थाओं को अंतरिक्ष से जुड़ी सुविधाओं के उपयोग की अनुमति देगी। इस निकाय के गठन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी आवश्यक गतिविधियों जैसे- अनुसंधान एवं विकास, ग्रहों के अन्वेषण और अंतरिक्ष के रणनीतिक उपयोग आदि पर ध्यान केंद्रित कर सके तथा अन्य सहायक कार्यों को निजी क्षेत्र को हस्तांतरित कर दिया जाए। इसके अतिरिक्त यह निकाय छात्रों और शोधकर्त्ताओं आदि को भारत की अंतरिक्ष परिसंपत्तियों तक अधिक पहुँच प्रदान करेगा, जिससे भारत के अंतरिक्ष संसाधनों एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। ये सुधार ISRO को अनुसंधान व विकास गतिविधियों, नई प्रौद्योगिकियों, खोज मिशनों तथा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान देने में सक्षम बनाएंगे।