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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 दिसंबर, 2021

  • 11 Dec 2021
  • 7 min read

प्रणब मुखर्जी

11 दिसंबर, 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के पूर्व नेता प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक बतौर राष्ट्रपति अपनी सेवाएँ दी थीं। इससे पूर्व उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर भी कार्य किया और अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने विदेश मामलों, रक्षा एवं वाणिज्य मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला। बंगाल के बीरभूम ज़िले में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की और कानून की भी पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले उन्होंने विद्यानगर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में और बंगाली पत्रिका 'देशेर डाक' के पत्रकार के रूप में भी काम किया। राष्ट्रीय राजनीति में मुखर्जी की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई, जब वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में राज्यसभा के लिये चुने गए। प्रधानमंत्री ‘पी.वी. नरसिम्हा राव’ के कार्यकाल के दौरान उन्हें योजना आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया और बाद में वे विदेश मंत्री के रूप में भी नियुक्त किये गए। अपने समग्र राजनीतिक कार्यकाल के दौरान प्रणब मुखर्जी ने सूचना के अधिकार, रोज़गार के अधिकार, मेट्रो रेल और इसी तरह के कई अन्य घटनाक्रमों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

ओलाफ स्कोल्ज़

हाल ही में जर्मन राजनेता ‘ओलाफ स्कोल्ज़’ ने जर्मनी के नए चांसलर के रूप में शपथ ली है और इस प्रकार उन्होंने औपचारिक रूप से 16 वर्ष बाद ‘एंजेला मर्केल’ को प्रतिस्थापित कर दिया है। ओलाफ स्कोल्ज़ का जन्म वर्ष 1958 में उत्तरी जर्मनी में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के पश्चात् उन्होंने कानून का अध्ययन किया और श्रम कानून में विशेषज्ञता हासिल की। ओलाफ स्कोल्ज़ ने वर्ष 2011 से वर्ष 2018 तक ‘हैम्बर्ग’ के पहले मेयर के रूप में कार्य किया और कई वर्षों तक जर्मन संसद- ‘बुंडेस्टाग’ के सदस्य रहे। इसके अलावा वे एंजेला मर्केल के नेतृत्त्व वाली गठबंधन सरकारों में ‘श्रम मंत्री’ और ‘वित्त मंत्री’ भी रहे। गौरतलब है कि जर्मनी के चांसलर को आधिकारिक तौर पर जर्मनी के संघीय गणराज्य का ‘संघीय चांसलर’ कहा जाता है। वह जर्मनी की संघीय सरकार का प्रमुख होता है। वह युद्ध के दौरान जर्मन सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भी कार्य करता है। वह संघीय मंत्रिमंडल का मुख्य कार्यकारी होता है और इसकी कार्यकारी शाखा का प्रमुख होता है।

भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्तालय प्रणाली

मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्तालय प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ‘अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस’ रैंक के अधिकारियों को आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक के दो अधिकारियों को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और आठ पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारियों को उपायुक्त के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के तहत आयुक्त के पास ‘पुलिस अधिनियम, 1861’, ‘कैदी अधिनियम 1900’, ‘अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956’, ‘गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967’, ‘मोटर वाहन अधिनियम 1988’, ‘मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990’ और ‘आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1926’ के तहत अधिकार होंगे। कुछ महानगरीय शहरों और शहरी क्षेत्रों में, जटिल कानून-व्यवस्था की स्थितियों, बढ़ती आबादी और तीव्र शहरीकरण को देखते हुए प्रशासन में सुधार के लिये ‘दोहरी प्रणाली’ प्रशासनिक प्रणाली लागू की जाती है, जिसे पुलिस आयुक्तालय प्रणाली के नाम से जाना जाता है। इस प्रणाली के तहत भूमि विवाद सुलझाने में पुलिस की भूमिका अधिक होती है। हालाँकि अतिक्रमण और अन्य भूमि संबंधी समस्याओं को निपटने के लिये पुलिस की सहायता हेतु एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ (ISA) को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है। ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ एक संधि-आधारित अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को उत्प्रेरित करना है। पेरिस में वर्ष 2015 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान भारत और फ्राँस द्वारा सह-स्थापित ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ वैश्विक जलवायु नेतृत्वकर्त्ता की भूमिका में भारत का महत्त्वपूर्ण प्रयास है। ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (OSOWOG) को लागू करने हेतु नोडल एजेंसी है, जिसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी दूसरे क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करने के लिये स्थानांतरित करना है।

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