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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 सितंबर, 2021

  • 09 Sep 2021
  • 7 min read

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को व्यक्तियों, समुदायों और समाजों के लिये साक्षरता के महत्त्व और अधिक साक्षर समाजों हेतु गहन प्रयासों की आवश्यकता की याद दिलाने के लिये वर्ष 1966 में यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1967 में मनाया गया था और अब यह दिवस बीते 50 से अधिक वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।  वर्ष 2021 के लिये अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम ‘मानव-केंद्रित रिकवरी हेतु साक्षरता: डिजिटल डिवाइड को कम करना’ है। यह थीम सभी को शामिल करते हुए प्रौद्योगिकी-सक्षम साक्षरता को बढ़ावा देने के अवसरों पर केंद्रित है। यूनेस्को के अनुसार, ‘महामारी के प्रारंभिक चरण के दौरान स्कूलों के बंद होने के कारण दुनिया भर की कुल छात्र आबादी (1.09 बिलियन) के 62.3 प्रतिशत हिस्से की शिक्षा बाधित हुई थी। महामारी के कारण स्कूल की कक्षाओं को ऑनलाइन कर दिया गया, जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी गरीबों में डिजिटल विभाजन और अधिक गंभीर हो गया। भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, कुल 74.04 प्रतिशत साक्षर हैं, जो पिछले दशक (2001-11) से 9.2 प्रतिशत अधिक है। यूनेस्को के अनुसार, भारत को सार्वभौमिक साक्षरता प्राप्त करने में और 50 वर्ष (यानी वर्ष 2060) लगेंगे।

तमिलनाडु में ‘सामाजिक न्याय दिवस’

तमिलनाडु सरकार ने प्रतिवर्ष 17 सितंबर को सुधारवादी नेता ‘ई.वी. पेरियार’ की जयंती को ‘सामाजिक न्याय दिवस’ ​​के रूप में मनाने का निर्णय किया है। इस संबंध में घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि पेरियार की विचारधारा सामाजिक न्याय, स्वाभिमान, तर्कवाद और समानता के बारे में थी, जिसने पिछली शताब्दी के दौरान तमिल समाज के विकास की आधारशिला रखी और भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया। पेरियार का जन्म 17 सितंबर, 1879 को तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले के इरोड कस्बे में हुआ था। तर्क और विवेक के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने के लिये इन्होने 'आत्मसम्मान आंदोलन' चलाया। इन्हें ‘द्रविड़ आंदोलन’ का जनक भी माना जाता है। पेरियार को दक्षिण भारत में दलित आंदोलन का प्रमुख नेता माना जाता है, इन्हीं के आदर्शों ने तमिल समाज के विकास की नींव रखी। वे हिंदू धर्म ग्रंथों के प्रमुख आलोचक थे और उन्होंने ब्राह्मणों के प्रभुत्व का कड़ा विरोध किया। अपनी राजनीतिक धारणा को जन-जन तक पहुँचाने के लिये पेरियार ने वर्ष 1938 में जस्टिस पार्टी का गठन किया। 

‘बिज़नेस ब्लास्टर्स’ कार्यक्रम

दिल्ली सरकार ने हाल ही में 'बिज़नेस ब्लास्टर्स' नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की है। ‘उद्यमिता माइंडसेट कोर्स’ के तहत दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होने वाले कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल स्तर पर युवा उद्यमियों का विकास करना है। यह कार्यक्रम दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों के बीच उद्यमिता विकास हेतु एक आधारशिला के तौर पर कार्य करेगा। इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 और 12 के छात्रों को व्यवसाय शुरू करने हेतु 2,000 रुपए की सीड मनी प्रदान की जाएगी। इसके माध्यम से बच्चे रोज़गार के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि वे रोज़गार के अवसरों का सृजन करेंगे। इस कार्यक्रम को दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस- खिचड़ीपुर’ में शुरू किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट में 41 बच्चों के नौ समूह बनाए गए और प्रत्येक बच्चे को 1,000 रुपए की सीड मनी प्रदान की गई तथा बच्चों ने इसके माध्यम से काफी लाभ अर्जित किया। इस कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य बच्चों में यह विश्वास जगाना था कि वे जो भी कार्य करें, उसे उद्यमशीलता की मानसिकता से करें।

अरुण कुमार

अरुण कुमार को भारतीय ‘महारत्न’ कंपनी ‘भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित ‘अरुण कुमार सिंह’ इससे पूर्व कंपनी बोर्ड में ‘निदेशक’ (विपणन) के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा वे निदेशक (रिफाइनरीज़) और निदेशक (वित्त) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे। फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी है और भारत की प्रमुख एकीकृत ऊर्जा कंपनियों में से एक है, जो मुख्यतः कच्चे तेल के शोधन और पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन में संलग्न है तथा तेल एवं गैस उद्योग के अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में इसकी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है। ज्ञात हो कि सरकार ने अपने रणनीतिक विनिवेश और निजीकरण कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर ‘भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ में 52.98 फीसदी की अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है।

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