Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 नवंबर, 2020 | 09 Nov 2020

जहाज़रानी मंत्रालय का नाम परिवर्तित

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहाज़रानी मंत्रालय (Ministry of Shipping) का नाम बदलकर मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वाटरवेज़ (Ministry of Ports, Shipping and Waterways) करने की घोषणा की है। इस संबंध में घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जहाज़रानी मंत्रालय द्वारा कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये जाते हैं, जिनमें बंदरगाहों और जलमार्गों की देखरेख करना भी शामिल है। जबकि मंत्रालय के नाम से इसके कार्यों की स्पष्टता दिखाई नहीं देती है, इसलिये इसके नाम में परिवर्तन करके इसे और अधिक समावेशी बनाना आवश्यक है। ध्यातव्य है कि समुद्री परिवहन किसी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होता है और यह किसी देश के विकास की गति, संरचना और पैटर्न को प्रभावित करता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए जहाज़रानी मंत्रालय को भारत के समुद्री परिवहन ढाँचे से संबंधित महत्त्वपूर्ण विषयों पर नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

विदिशा मैत्रा

भारतीय राजनयिक विदिशा मैत्रा को संयुक्त राष्ट्र की प्रशासनिक एवं बजटीय प्रश्नों से संबद्ध सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव के रूप में कार्यरत विदिशा मैत्रा को एशिया-प्रशांत देशों के समूह में कुल 126 मत प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि 193 सदस्यीय महासभा सलाहकार समिति के सदस्यों की नियुक्ति करती है और इन सदस्यों का चयन व्यापक भौगोलिक प्रतिनिधित्त्व, व्यक्तिगत योग्यता और अनुभव के आधार पर किया जाता है। इस समिति में सदस्य के तौर पर विदिशा मैत्रा का चुनाव कुल तीन वर्ष के लिये किया गया है और उनके कार्यकाल की शुरुआत 1 जनवरी, 2021 से होगी। प्रशासनिक एवं बजटीय प्रश्नों से संबद्ध सलाहकार समिति, संयुक्त राष्ट्र महासभा की पाँचवीं समिति है, जो कि महासभा के प्रशासनिक और बजटीय मुद्दों पर निर्णय लेती है। सलाहकार समिति का प्रमुख कार्य महासचिव द्वारा महासभा को सौंपे गए बजट की जाँच करना और किसी भी प्रशासनिक तथा बजटीय मामले में महासभा को सलाह देना है। इसके अलावा यह समिति महासभा की ओर से संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों के प्रशासनिक बजट की भी जाँच करती है।

वाराणसी में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कृषि, पर्यटन और बुनियादी ढाँचे से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत तकरीबन 614 करोड़ रुपए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाओं में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल (रामनगर) का उन्नयन, सीवेज संबंधित कार्य, गायों के संरक्षण के लिये बुनियादी सुविधाएँ, संपूर्णानंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिये एक आवास परिसर, बहुउद्देशीय बीज भंडार गृह और सारनाथ लाइट एंड साउंड शो शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जो इस क्षेत्र के विकास की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं। 

उत्तराखंड स्थापना दिवस

Dehradun

09 नवंबर, 2020 को उत्तराखंड का 20वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राज्य में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर, 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में किया गया था। वर्तमान उत्तराखंड राज्य पहले आगरा और अवध संयुक्त प्रांत का हिस्सा था। यह प्रांत 1902 में अस्तित्त्व में आया था और बाद में वर्ष 1935 में इसे संक्षेप में केवल संयुक्त प्रांत कहा जाने लगा। जनवरी 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम 'उत्तर प्रदेश' रखा गया गया और वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से को अलग करके उत्तराखंड बनाया गया। हिमालय की तलहटी में स्‍थित उत्तराखंड राज्‍य की अंतर्राष्‍ट्रीय सीमाएँ उत्तर में चीन (तिब्‍बत) और पूर्व में नेपाल से मिलती हैं। इसके उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश है। यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। उत्तराखंड की 90 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। उत्तराखंड में कुल 13 ज़िले हैं और देहरादून यहाँ की राजधानी है। यहाँ मुख्य तौर पर हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है, जबकि गढ़वाली और कुमाऊँनी यहाँ की स्‍थानीय बोलियाँ हैं।