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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 मई, 2023

  • 09 May 2023
  • 6 min read

भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र 

भारत के रक्षा मंत्री ने चंडीगढ़ में देश के पहले भारतीय वायु सेना विरासत केंद्र का उद्घाटन किया। गवर्नमेंट प्रेस बिल्डिंग में 17,000 वर्ग फुट में फैले इस केंद्र में पाँच पुराने विमान हैं, जिनमें पहला IAF-निर्मित पेटेंट विमान, वायु सेना का 'कानपुर-1 विंटेज प्रोटोटाइप एयरक्राफ्ट' शामिल है। विरासत केंद्र पर्यटकों को कॉकपिट एक्सपोज़र एवं फ्लाइट सिमुलेटर का अनुभव भी प्रदान करता है। यह केंद्र ऐतिहासिक महत्त्व के साथ पूरे देश में भारतीय वायुसेना द्वारा किये जा रहे विभिन्न बचाव कार्यों तथा वायु सेना परिवार कल्याण संघ द्वारा वायु योद्धाओं के परिवारों के लाभ हेतु की गई पहलों को भी प्रदर्शित करेगा।

और पढ़ें…भारतीय वायु सेना दिवस

पारलाखेमुंडी रेलवे स्टेशन 

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) ने ओडिशा के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक पारलाखेमुंडी (हेरिटेज स्टेशन) को रेल मंत्रालय द्वारा ध्वस्त कर नए तरीके से निर्माण करने के फैसले का विरोध किया है, इसे वर्ष 1899 में तत्कालीन राजघरानों द्वारा बनाया गया था। इस स्टेशन के पुनर्विकास और नई इमारत के निर्माण से मौजूदा विरासत संरचना के महत्त्व में कमी आ सकती है। INTACH ने पुराने स्टेशन को हेरिटेज टैग देने और इसे यथावत संरक्षित रखने का अनुरोध किया है। INTACH भारत में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1984 में भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के उद्देश्य से की गई थी। यह संगठन भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने, ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों तथा पुरातात्त्विक महत्त्व वाले स्थलों की रक्षा एवं संरक्षण तथा पारंपरिक कला रूपों एवं शिल्प का समर्थन करता है।

MoHUA व MoR ने प्रोजेक्ट SMART हेतु JICA के साथ MoU पर हस्ताक्षर किये  

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय ने जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से 'मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल के साथ स्टेशन क्षेत्र विकास' (प्रोजेक्ट-SMART) के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेलवे (HSR) स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों को विकसित करना है ताकि यात्रियों और अन्य हितधारकों के लिये पहुँच तथा सुविधा में सुधार हो सके एवं स्टेशन क्षेत्रों के आसपास आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके। यह परियोजना MAHSR स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों की योजना, विकास और प्रबंधन के लिये राज्य सरकारों, नगर निगमों तथा शहरी विकास प्राधिकरणों की संस्थागत क्षमता को बढ़ाएगी। समझौता ज्ञापन में चार HSR शामिल हैं: साबरमती, सूरत, विरार व  ठाणे ग्रीनफील्ड विकास की श्रेणी में आते हैं, जबकि साबरमती ब्राउनफील्ड विकास की श्रेणी में आता है। MoHUA, गुजरात, महाराष्ट्र और JICA सेमिनार तथा फील्ड विज़िट आयोजित कर रहे हैं। इसका लक्ष्य स्टेशन क्षेत्र विकास योजना एवं पारगमन उन्मुख विकास के लिये एक मॉडल हैंडबुक तैयार करना है। हैंडबुक में जापान, भारत और अन्य देशों में अपनाई गई कार्यप्रणालियाँ शामिल होंगी।

FY23 में भारत के कोयला आयात में 30% की वृद्धि 

एमजंक्शन सर्विसेज़ लिमिटेड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कोयला आयात वर्ष 2022-23 वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के 124.99 मीट्रिक टन से 30% बढ़कर 162.46 मिलियन टन हो गया है। कोकिंग कोल का आयात, जो इस्पात उत्पादन में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख कच्चा माल है, वित्त वर्ष 2022 में 5.44% बढ़कर 54.46 मीट्रिक टन हो गया, जो कि 51.65 मीट्रिक टन था। मार्च में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 13.88 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% अधिक है। हालाँकि मार्च 2022 में आयातित 4.76 मीट्रिक टन के मुकाबले कोकिंग कोल का आयात घटकर 3.96 मीट्रिक टन हो गया। यद्यपि भारत विश्व स्तर पर शीर्ष कोयला उत्पादकों में से एक है, देश विशेष रूप से कोकिंग कोल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। भारत में भाप कोयले (Steam Coal) की बढ़ती मांग और समुद्री परिवहन कीमतों में गिरावट के कारण मार्च में आयात में वृद्धि हुई, जो आने वाले महीनों में जारी रहने की संभावना है। कोयले के अलावा एन्थ्रेसाइट, चूर्णित कोयला इंजेक्शन (PCI कोयला), मेट कोक और पेट कोक का आयात वित्त वर्ष 2023 में 24% बढ़कर 249.06 मीट्रिक टन हो गया।

और पढ़ें…भारत में कोयला क्षेत्र

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