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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 मई, 2022

  • 09 May 2022
  • 8 min read

विश्व रेड क्रॉस दिवस

प्रत्येक वर्ष 08 मई को विश्व भर में ‘विश्व रेड क्रॉस दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस, अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के सिद्धांतों को रेखांकित करता है। यह दिवस आम जनमानस को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के कार्यों में संलग्न विश्व की महत्त्वपूर्ण एजेंसी (रेड क्रॉस) और समाज में उसके योगदान को जानने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम ‘बी ह्यूमन काइंड’ है। ‘रेड क्रॉस’ एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो बिना किसी भेदभाव के युद्ध, महामारी एवं प्राकृतिक आपदा की स्थिति में लोगों की रक्षा करती है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य विपरीत परिस्थितियों में लोगों के जीवन की रक्षा करना है। विश्व रेड क्रॉस दिवस, रेड क्रॉस के जनक ‘जीन हेनरी ड्यूनैंट’ के जन्मदिवस को चिह्नित करता है, जिनका जन्म 8 मई, 1828 को जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुआ था। ‘जीन हेनरी ड्यूनैंट’ को वर्ष 1901 में पहला नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। ‘इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस’ (ICRC) की स्थापना जीन हेनरी ड्यूनैंट द्वारा वर्ष 1863 में की गई थी। भारत में ‘इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी’ का गठन वर्ष 1920 में हुआ था। 

विश्व थैलेसीमिया दिवस

दुनिया भर में 08 मई को ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक लक्ष्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक विकार और इससे पीड़ित रोगियों के संघर्ष के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही यह दिवस पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये समर्पित डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों तथा इस रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों का भी सम्मान करता है। विश्व थैलेसीमिया दिवस (08 मई) की शुरुआत वर्ष 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा की गई थी। थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जिसका संचरण माता-पिता से बच्चों तक पीढ़ी-दर-पीढ़ी होता है। इस स्थायी रक्त विकार के कारण रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है जिसके कारण एनीमिया हो सकता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।

महाराणा प्रताप सिंह की जयंती

महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap Singh) की जयंती 9 मई को मनाई जाती है। महाराणा प्रताप  मेवाड़ (वर्तमान राजस्थान) के 13वें राजा थे। राणा प्रताप सिंह, जिन्हें महाराणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 9 मई, 1540 में राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था। महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने अपनी राजधानी चित्तौड़ से मेवाड़ राज्य पर शासन किया। उदय सिंह द्वितीय द्वारा उदयपुर (राजस्थान) शहर की स्थापना की गई। वर्ष 1576 में मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह और मुगल सम्राट अकबर की सेना के मध्य हल्दीघाटी का युद्ध लडा गया था, जिसमें मुगल सेना का नेतृत्त्व आमेर के राजा मान सिंह द्वारा किया गया था। महाराणा प्रताप ने इस युद्ध को वीरतापूर्वक लड़ा, लेकिन मुगल सेना ने उन्हें पराजित कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को युद्ध के मैदान से बाहर निकालने के दौरान ‘चेतक’ (Chetak) नामक उनके वफादार घोड़े ने अपनी जान दे दी, वर्ष 1579 के बाद मेवाड़ पर मुगलों का प्रभाव कम हो गया और महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़, उदयपुर और गोगुन्दा सहित पश्चिमी मेवाड़ को पुनः प्राप्त कर लिया। इस अवधि के दौरान उन्होंने वर्तमान डूंगरपुर के पास एक नई राजधानी चावंड (Chavand) का निर्माण भी किया। 19 जनवरी, 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया। महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राणा अमर सिंह ने उनका स्थान लिया और मुगलों के विरुद्ध वीरतापूर्वक संघर्ष किया, हालाँकि वर्ष 1614 में राणा अमर सिंह ने अकबर के पुत्र सम्राट जहाँगीर के साथ संधि कर ली।

10GW सौर क्षमता को पार करने वाला पहला राज्य

मेरकॉम के इंडिया सोलर प्रोजेक्ट ट्रैकर (India Solar Project Tracker) के अनुसार, राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने बड़े पैमाने पर 10 गीगावाट (GW) के संचयी सौर प्रतिष्ठानों (Cumulative Large-Scale Solar Installations) को पार किया है। राजस्थान में कुल स्थापित विद्युत क्षमता 32.5 GW है। राजस्थान की कुल स्थापित विद्युत क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा (अक्षय ऊर्जा) का योगदान 55% है, जबकि तापीय ऊर्जा का 43% तथा शेष 2% परमाणु ऊर्जा का योगदान है। राजस्थान में सौर प्रमुख ऊर्जा स्रोत है, जो बिजली क्षमता मिश्रण का लगभग 36% और नवीकरणीय ऊर्जा का 64% हिस्सा है। मेरकॉम के इंडिया सोलर प्रोजेक्ट ट्रैकर के अनुसार, वर्तमान में राजस्थान में 16 गीगावाट से अधिक सौर परियोजनाएंँ निर्माणाधीन हैं। राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019 का उद्देश्य वित्त वर्ष 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करना है जिसमें यूटिलिटी या ग्रिड-स्केल सोलर पार्क की 24 गीगावॉट की बड़ी हिस्सेदारी होगी। दिसंबर 2021 तक भारत की संचयी सौर स्थापित क्षमता 55GW है। मेरकॉम इंडिया अमेरिका स्थित मेरकॉम कैपिटल ग्रुप की सहायक कंपनी है। यह एक स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और संचार फर्म है जो भारतीय क्लीनटेक बाज़ारों में विशेषज्ञता प्रदान करती है।

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