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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जून, 2021

  • 09 Jun 2021
  • 7 min read

‘एम के-III’ हेलीकॉप्टर 

हाल ही में भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से निर्मित तीन उन्नत हल्के ‘एम के-III’ हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल किया है। इनका उपयोग समुद्र में निगरानी और तटीय सुरक्षा के लिये किया जाएगा। इन हेलीकॉप्टरों का निर्माण ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL) ने किया है। ये हेलीकॉप्टर आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उपकरणों से युक्त हैं, जिनके माध्यम से दिन और रात दोनों समय समुद्री सीमा में निगरानी गतिविधियों के साथ-साथ लंबी दूरी की तलाशी एवं बचाव अभियान कुशलतापूर्वक संचालित करने में सक्षम हैं। ज्ञात हो कि ‘एम के-III’ हेलीकॉप्टर भारी मशीन गन से भी लैस हैं। ‘एम के-III’ हेलीकॉप्टरों में ऐसी कई प्रणालियाँ मौजूद हैं, जो पहले केवल भारतीय नौसेना के भारी एवं मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों में ही देखी जाती थीं। गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को एयरलिफ्ट करने और किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आपदा से बचने के लिये ‘एम के-III’ हेलीकॉप्टरों में एक पोर्टेबल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (ICU) भी लगाई गई है। हेलीकॉप्टरों में कई उन्नत एवियोनिक्स भी शामिल हैं, जो इसे सही मायने में प्रत्येक मौसम में इस्तेमाल के लिये उपयुक्त बनाता है। 

विश्व प्रत्यायन दिवस

प्रतिवर्ष 09 जून को वैश्विक स्तर पर व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में प्रत्यायन की भूमिका को रेखांकित करने एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘विश्व प्रत्यायन दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष ‘विश्व प्रत्यायन दिवस’ का विषय संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के कार्यान्वयन के समर्थन में प्रत्यायन के उपयोग पर केंद्रित है। यह ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग’ (ILAC) और ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यायन फोरम’ (IAF) द्वारा स्थापित एक वैश्विक पहल है। भारत में प्रत्यापन संबंधी गतिविधियों की निगरानी ‘भारतीय गुणवत्ता परिषद’ (QCI) द्वारा की जाती है। भारत सरकार ने ‘भारतीय गुणवत्ता परिषद’ की स्थापना वर्ष 1997 में उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक स्वायत्त निकाय के तौर पर की थी। इस संगठन की स्थापना प्रत्यायन निकायों के लिये राष्‍ट्रीय प्रत्‍यायन ढाँचे की स्थापना करने एवं उनके प्रचालन करने के अलावा शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य तथा गुणवत्ता संवर्द्धन के क्षेत्र में प्रत्‍यायन उपलब्‍ध कराने के लिये की गई थी। 

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद

हाल ही में भारत को वर्ष 2022-24 के कार्यकाल के लिये संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक- संयुक्त राष्ट्र ‘आर्थिक और सामाजिक परिषद’ (ECOSOC) के लिये चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के केंद्र में मौजूद 54 सदस्यीय ‘आर्थिक और सामाजिक परिषद’ का प्राथमिक कार्य सतत् विकास के तीन आयामों- आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण को आगे बढ़ाना है। यह परिषद वार्ता एवं नवाचार को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के समन्वय हेतु एक केंद्रीय मंच है।  ‘आर्थिक और सामाजिक परिषद’ (ECOSOC) को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के माध्यम से वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में स्थापित किया गया था। परिषद में सीटों का आवंटन भौगोलिक प्रतिनिधित्व के आधार पर किया जाता है, जिसमें 14 अफ्रीकी राज्यों, 11 एशियाई राज्यों, छह पूर्वी यूरोपीय राज्यों, 10 लैटिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई राज्यों और 13 पश्चिमी यूरोपीय एवं अन्य राज्यों को आवंटित की गई हैं। ज्ञात हो कि भारत वर्तमान में शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में कार्यरत है और अगस्त माह में इस 15 सदस्यीय निकाय की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।

असम रत्न पुरस्कार

असम कैबिनेट ने समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले एक नागरिक को प्रतिवर्ष सम्मानित करने हेतु 'असम रत्न' पुरस्कार की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने प्रतिवर्ष तीन लोगों को 'असम विभूषण', पाँच लोगों को 'असम भूषण' और 10 लोगों को 'असम श्री' देने का भी निर्णय लिया है। पुरस्कारों के साथ क्रमशः 5 लाख रुपए, 3 लाख रुपए, 2 लाख रुपए और 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा, साथ ही गंभीर बीमारी के मुफ्त चिकित्सा उपचार, असम भवनों में मुफ्त प्रवास, एएसटीसी बसों में मुफ्त यात्रा जैसे अन्य लाभ भी प्रदान किये जाएंगे। ज्ञात हो कि वर्तमान में असम में ‘असम रत्न’ पुरस्कार पहले से ही स्थापित है और इसे प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार दिया जाता है, लेकिन अब यह वर्ष 2021 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाएगा।

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