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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 दिसंबर, 2022

  • 09 Dec 2022
  • 4 min read

वन्‍य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक-2022

वन्‍य जीव संरक्षण संशोधन विधेयक-2022, 8 दिसंबर को संसद से पारित हो गया। लोकसभा से पहले ही पारित इस विधेयक पर राज्‍य सभा ने अपनी मुहर लगा दी है । इस विधेयक का उद्देश्य वन्‍य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय को लागू करना और इसके द्वारा संरक्षित संकटग्रस्‍त प्रजातियों की सूची का विस्‍तार करना है। इस विधेयक के माध्यम से केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री ने वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और वन्‍यजीवों के संरक्षण पर ज़ोर दिया। वर्ष 2004 से 2014 के बीच जहाँ देश में दो लाख 26 हज़ार वर्ग किलोमीटर से अधिक के वन क्षेत्र का उपयोग दूसरे कार्यो के लिये किया गया वहीं वर्ष 2014 से 2022 के बीच केवल एक लाख 30 हज़ार वन क्षेत्र का ही इस्‍तेमाल अन्य कार्यों के लिये किया गया, और इन प्रयासों की वजह से ही देश के हरित क्षेत्र का विस्‍तार हुआ है। इस विधेयक में केंद्र सरकार को एक ऐसा प्राधिकरण बनाने का अधिकार दिया जा रहा है, जो संरक्षित प्रजातियों के निर्यात अथवा आयात हेतु लाइसेंस प्रदान कर सकेगा।

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस

भ्रष्टाचार के संबंध में जागरूकता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका मुकाबला करने हेतु प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ मनाया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस-2022’ का विषय है भ्रष्टाचार के विरुद्ध विश्व को एकजुट करना (Uniting the world against corruption)।’ वर्ष 2022, भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Convention Against Corruption-UNCAC) की 20वीं वर्षगाँठ है। वर्ष 2022 का अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस में भ्रष्टाचार विरोधी और शांति, सुरक्षा और विकास के बीच महत्त्वपूर्ण कड़ी पर प्रकाश डाला गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 31 अक्तूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभिसमय को अपनाया था। इसी वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भ्रष्टाचार को रोकने और अभिसमय के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 09 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस’ के रूप में भी नामित किया था। यह अभिसमय दिसंबर 2005 में लागू हुआ। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने से रोज़गार सृजित करने, लैंगिक समानता की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति करने और स्वास्थ्य देखभाल एवं शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक व्यापक पहुँच हासिल करने में मदद मिल सकती है।

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