Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 अक्तूबर, 2022 | 08 Oct 2022
भारतीय वायुसेना दिवस
भारतीय वायुसेना 08 अक्तूबर, 2022 को अपना 90वाँ स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायुसेना की स्थापना आधिकारिक तौर पर 8 अक्तूबर, 1932 को हुई थी और वायुसेना की पहली उड़ान 01 अप्रैल, 1933 को भरी गई थी। प्रारंभ में भारतीय वायुसेना को ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ के रूप में जाना जाता था, वर्ष 1950 के बाद जब भारत को एक गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया, तब ‘रॉयल’ शब्द को हटा दिया गया। वर्तमान में ‘भारतीय वायुसेना’ भारतीय सशस्त्र बलों की वायु शाखा है और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य आधिकारिक एवं सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय वायुसेना के महत्त्व के विषय में जागरूकता बढ़ाना है। गौरतलब है कि ‘भारतीय वायुसेना’ (IAF) का उत्तरदायित्व संघर्ष के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करना है, इस प्रकार भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और थलसेना के साथ-साथ देश की रक्षा प्रणाली का एक मौलिक और महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा यह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करती है। ‘भारतीय वायुसेना’ विभिन्न युद्धों में शामिल रही है, जिसमें द्वितीय विश्वयुद्ध, चीन-भारत युद्ध, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय, कारगिल युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध, कांगो संकट, ऑपरेशन पूमलाई और ऑपरेशन पवन आदि प्रमुख हैं।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान
भारत में आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आयुर्वेद के शीर्ष संस्थान अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (All India Institute of Ayurveda-AIIA) और राष्ट्रीय उन्नत औद्योगिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Advanced Industrial Science and Technology-SIST), जापान ने अकादमिक स्थापना के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। SIST, जापान के प्रतिष्ठित और सबसे बड़े सार्वजनिक अनुसंधान संगठनों में से एक है, जो प्रौद्योगिकियों और नवाचार तकनीकी तथा उनके व्यावसायीकरण के मध्य विद्यमान अंतराल को कम करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ AIIA का उद्देश्य अपने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर बढ़ावा देना है। ये समझौता ज्ञापन दोनों देशों को पारंपरिक दवाओं की भारतीय आयुर्वेदिक प्रणाली के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग व निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने में सक्षम करेगा। इन सभी गतिविधियों को आयुष मंत्रालय के सहयोग से पूरा किया जाएगा। प्रतिभागियों द्वारा लक्षित गतिविधियों के दायरे में आयुर्वेद के क्षेत्र की अनुसंधान गतिविधियाँ शामिल हैं। इनमें पारंपरिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों और प्रथाओं को एकीकृत करने के लिये साक्ष्य-आधारित दिशा-निर्देश विकसित करने के उद्देश्य से डिजाइन तथा निष्पादन का अध्ययन करना; चिकित्सा दिशा-निर्देशों के अनुरूप जापान में आयुर्वेद के उपयोग के लिये सुरक्षा मानकों और प्रोटोकॉल को विकसित करना; प्रोजेक्ट-टू-प्रोजेक्ट आधार पर सहयोगियों द्वारा निर्धारित वैज्ञानिकों, शोधकर्त्ताओं एवं कर्मचारियों का आदान-प्रदान करना; वैज्ञानिक प्रगति, उपकरणों व तकनीकों को प्राप्त करने की दिशा में आयुर्वेद में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये सहयोगी गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं।