Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जनवरी, 2022 | 08 Jan 2022
स्टीफन हॉकिंग
08 जनवरी, 2021 को दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने एक एनिमेटेड डूडल के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मांड विज्ञानी, लेखक और सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग को उनकी 80वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 08 जनवरी 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। वह छोटी उम्र से ही ब्रह्मांड के रहस्यों से प्रेरित थे। 21 वर्ष की आयु में वे एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग से पीड़ित हो गए, जिसके कारण वह चलने और अन्य दैनिक कार्य करने में असमर्थ हो गए। स्टीफन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। वह ‘ब्लैक होल’ के प्रति आकर्षित थे, जो कि उनके अध्ययन और शोध का एक महत्त्वपूर्ण विषय बना। वर्ष 1974 में उन्होंने अपने एक शोध में पाया कि ‘कण’ यानी ‘पार्टिकल्स’ ब्लैक होल से बच सकते हैं, उनके इस एक सिद्धांत को भौतिकी में उनका सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। वर्ष 1974 में केवल 32 वर्ष की आयु में स्टीफन हॉकिंग प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी के सदस्य चुने गए। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले वह विश्व के सबसे कम आयु के व्यक्ति थे। वर्ष 2003 में उन्हें फंडामेंटल फिज़िक्स पुरस्कार, वर्ष 2006 में कॉप्ले मैडल और वर्ष 2009 में प्रेसिडेंशियल मैडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया। उन्हें डॉक्टरेट की 14 मानद उपाधियाँ मिली थीं।
डिजिटल युआन वॉलेट एप्लीकेशन
चीन के केंद्रीय बैंक ने हाल ही में ‘डिजिटल युआन वॉलेट एप्लीकेशन’ के पायलट संस्करण को लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य चीन की ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ विकसित करने हेतु प्रयासों को आगे बढ़ाना है। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) के डिजिटल मुद्रा अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित ‘e-CNY’ (पायलट संस्करण) एप्लीकेशन शंघाई में डाउनलोड हेतु उपलब्ध है। ‘e-CNY’ या डिजिटल युआन, एक केंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से चीन में खुदरा भुगतान के लिये किया जाएगा। इस डिजिटल युआन वॉलेट का प्राथमिक लक्ष्य एक डिजिटल मुद्रा बनाना है जो अन्य डिजिटल मुद्राओं जैसे कि बिटकॉइन, स्टैब्लॉक्स और अन्य केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (CBDC) के साथ प्रतिस्पर्द्धा कर सके, जबकि यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि रॅन्मिन्बी चीन में प्रमुख मुद्रा बनी रहे।
ऑटोमेटिक जनरेशन कंट्रोल
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने हाल ही में ‘ऑटोमेटिक जनरेशन कंट्रोल’ (AGC) राष्ट्र को समर्पित किया है। ‘ऑटोमेटिक जनरेशन कंट्रोल’ प्रत्येक चार सेकेंड में बिजली संयंत्रों को सिग्नल भेजता है, ताकि देश की बिजली व्यवस्था की फ्रीक्वेंसी और विश्वसनीयता बनी रह सके। यह वर्ष 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित उत्पादन क्षमता के सरकार के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेगा। ‘ऑटोमेटिक जनरेशन कंट्रोल’ का संचालन नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर के माध्यम से ‘पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन’ (POSOCO) द्वारा किया जा रहा है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ग्रिड आवृत्ति हमेशा 49.90-50.05 हर्ट्ज बैंड के भीतर बनी रहे। राज्य द्वारा संचालित पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन ‘नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर’ (NLDC) और ‘क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर’ (RLDC) तथा ‘राज्य लोड डिस्पैच सेंटर’ (SLDC) के माध्यम से देश के महत्त्वपूर्ण बिजली लोड प्रबंधन कार्यों की देखरेख करता है। भारत में राष्ट्रीय ग्रिड बनाने वाले पाँच क्षेत्रीय ग्रिडों के लिये 33 SLDCs, पाँच RLDCs और एक NLDC है।
भारत का पहला ओपन रॉक संग्रहालय
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हैदराबाद में भारत के पहले ओपन रॉक संग्रहालय का उद्घाटन किया है, जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से लगभग 35 विभिन्न प्रकार की चट्टानों को प्रदर्शित किया गया, जिनकी उम्र तकरीबन 3.3 बिलियन वर्ष से लगभग 55 मिलियन वर्ष तक है। इस संग्रहालय का लक्ष्य आम जनमानस को ऐतिहासिक चट्टानों के संबंध में शिक्षित करना है। ये चट्टानें पृथ्वी की सतह से 175 किलोमीटर की दूरी तक पृथ्वी के सबसे गहरे हिस्से का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। इन चट्टानों को ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और जम्मू-कश्मीर से लाया गया है।