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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जनवरी, 2021

  • 08 Jan 2021
  • 6 min read

भारत-जापान के बीच सहभागिता समझौता 

हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-जापान के बीच सहभागिता से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर की मंज़ूरी दे दी है। यह समझौता ज्ञापन ‘निर्दिष्‍ट कुशल कामगारों’ के संबंध में तय व्‍यवस्‍था के उचित परिचालन के लिये सहभागिता का मूलभूत ढाँचा तैयार करने के संबंध में है। यह सहभागिता समझौता ज्ञापन भारत और जापान के बीच एक संस्‍थागत तंत्र की स्‍थापना करेगा, जिसके तहत जापान में 14 ‘निर्दिष्‍ट क्षेत्रों’ में कार्य करने के लिये ऐसे कुशल भारतीय कामगारों को भेजा जाएगा, जिन्होंने यह अनिवार्य योग्यता प्राप्‍त कर ली है और साथ ही जापानी भाषा की परीक्षा पास की है। इन भारतीय कामगारों को जापान सरकार की ओर से ‘निर्दिष्‍ट कुशल कामगार’ नाम की एक नई सामाजिक स्थिति (न्‍यू स्‍टेटस ऑफ रेजिडेंस) प्रदान की जाएगी। इस समझौता ज्ञापन का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये एक संयुक्त कार्यबल का भी गठन किया जाएगा। यह सहभागिता समझौता भारत-जापान के लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और भारत के कामगारों तथा कुशल पेशेवरों को जापान में रोज़गार प्राप्त करने में मदद करेगा। 

डॉ. राज अय्यर

भारतीय-अमेरिकी डॉ. राज अय्यर ने अमेरिकी सेना के पहले मुख्य सूचना अधिकारी (CIO) के रूप में पदभार संभाला है। ज्ञात हो कि यह पद अमेरिकी रक्षा विभाग में सबसे उच्च रैंकिंग वाले नागरिक पदों में से एक है, जिसे जुलाई 2020 में सृजित किया गया था। अब तक डॉ. राज अय्यर अमेरिकी सेना के सचिव के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे थे और उनका प्राथमिक कार्य सूचना प्रबंधन/सूचना प्रौद्योगिकी (IT) से संबंधित मामलों में सचिव को सलाह देना था। इस पद पर रहते हुए डॉ. राज अय्यर अमेरिकी सेना के सूचना प्रौद्योगिकी कार्यों से संबंधित 16 बिलियन डॉलर के वार्षिक बजट का पर्यवेक्षण करेंगे। इस पद पर रहते हुए 100 से अधिक देशों में तैनात 15,000 से अधिक नागरिक और सैन्यकर्मी उनके अधीन कार्य करेंगे। साथ ही डॉ. राज अय्यर चीन और रूस जैसे अमेरिका विरोधी देशों के खिलाफ डिजिटल बढ़त प्राप्त करने के लिये अमेरिकी सेना के आधुनिकीकरण से संबंधित नीतियों व कार्यक्रमों को भी निर्देशित करेंगे। मूल रूप से तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के निवासी और बंगलूरू में पले-बढ़े डॉ. राज अय्यर ने उच्च अध्ययन के लिये अमेरिका जाने से पूर्व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) त्रिची से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति

व्हाट्सएप ने हाल ही में अपनी गोपनीयता नीति और सेवा की शर्तों को अपडेट किया, जिसके मुताबिक व्हाट्सएप द्वारा फेसबुक के स्वामित्त्व वाले और अन्य तृतीय पक्ष के एप के साथ उपयोगकर्त्ता का डेटा साझा किया जा सकता है। नई नीति के मुताबिक, यदि उपयोगकर्त्ता व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति को मानने से इनकार करते हैं, तो उन्हें व्हाट्सएप छोड़ना पड़ेगा। इसके अलावा व्हाट्सएप द्वारा नई भुगतान सुविधा के माध्यम से भी डेटा एकत्र किया जाएगा, जिसमें प्रसंस्करण विधि, लेन-देन और शिपमेंट डेटा आदि शामिल हैं। साथ ही यह स्थान, डिवाइस मॉडल, ऑपरेटिंग सिस्टम, बैटरी और ब्राउज़र विवरण से संबंधित सूचना भी एकत्र और साझा करेगा। व्हाट्सएप की स्थापना वर्ष 2009 में एक मुफ्त और क्रॉस-प्लेटफॉर्म मैसेजिंग एप के रूप में की गई थी और मात्र चार वर्ष के भीतर ही व्हाट्सएप के 400 मिलियन उपयोगकर्त्ता बन गए। इसके बाद वर्ष 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप का अधिग्रहण कर लिया और अब धीरे-धीरे फेसबुक द्वारा व्हाट्सएप की नीति में परिवर्तन किया जा रहा है। 

लद्दाख की संस्कृति और भाषा के संरक्षण के लिये समिति

केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख की भाषा, संस्कृति और जातीयता के संरक्षण तथा भूमि, नौकरियों और विकास परियोजनाओं में स्थानीय लोगों की भागीदारी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिये केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस समिति में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC), केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ज्ञात हो कि लद्दाख, जो कि पूर्व में जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा था, को केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2019 में एक अलग केंद्रशासित प्रदेश में परिवर्तित कर दिया गया था। अपनी कठोर जलवायु परिस्थितियों के लिये प्रसिद्ध लद्दाख भारत के प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में से एक है।

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