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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 अप्रैल, 2022

  • 08 Apr 2022
  • 5 min read

सर्बिया के राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर वुसिच’ 

सर्बिया के क्रेमलिन यानी रूस समर्थक राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर वुसिच’ ने हालिया आम चुनावों में शानदार जीत हासिल की है। अलेक्जेंडर वुसिच, सर्बियाई प्रगतिशील पार्टी (SNS) से संबद्ध हैं। उनकी पार्टी वर्ष 2012 में सर्बिया में सत्ता पर आई थी और इसके बाद से वे देश की सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं, जिसमें सूचना मंत्री, रक्षा मंत्री एवं प्रधानमंत्री आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति ‘अलेक्जेंडर वुसिच’ पर निरंकुश प्रवृत्तियों व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता रहा है। ध्यातव्य है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से ही फ्राँस, जर्मनी, ब्रिटेन तथा अमेरिका सहित कई पश्चिमी शक्तियों ने रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लागू किये हैं और सर्बिया पर किसी एक पक्ष का चयन करने का दबाव बढ़ता जा रहा है, हालाँकि सर्बिया ने अब तक अपनी संतुलन की नीति को बनाए रखा है तथा वह संबंधों को लेकर पश्चिमी शक्तियों व रूस के बीच संतुलन स्थापित करने पर ज़ोर दे रहा है। ज्ञात हो कि सर्बिया अपनी ऊर्जा के लिये लगभग पूरी तरह से रूसी गैस पर निर्भर है। सर्बिया गणराज्य दक्षिण पूर्व यूरोप में पैनोनियन मैदान एवं बाल्कन के चौराहे पर स्थित एक लैंडलॉक देश है।

मानवाधिकार परिषद से निलंबित हुआ रूस

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में रूस को संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से नि‍लंबित किये जाने के पक्ष में मतदान किया गया है। 193 सदस्यों में से 93 देशों ने रूस को परिषद से बाहर करने के पक्ष में जबकि 24 ने इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। वहीं भारत सहित कई अन्य देशों ने इस मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया और वे तटस्‍थ रहे। गौरतलब है कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई तथा रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओँ के बाद महासभा की आपात बैठक आयोजित की गई थी। यूक्रेन की राजधानी कीव से रूस के हटने के बाद उसके बाहरी इलाके ‘बूचा’ में सैकड़ों शव एवं सामूहिक कब्रें मिली थीं। ज्ञात हो कि मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है, जो विश्व भर में मानवाधिकारों के संवर्द्धन एवं संरक्षण को मज़बूती प्रदान करने हेतु उत्तरदायी है। इस परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया गया था। इसने पूर्ववर्ती संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया। इसका गठन 47 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से मिलकर हुआ है जो संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा चुने जाते हैं। 

गुलजार अहमद 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ‘गुलजार अहमद’ को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नामित किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के संविधान के तहत आपात स्थिति में राष्ट्रपति को निवर्तमान नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के परामर्श से एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। जस्टिस गुलजार अहमद का जन्म 02 फरवरी, 1957 को कराची में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ और उनके पिता भी स्वयं एक प्रसिद्ध वकील थे। गुलजार अहमद 21 दिसंबर, 2019 से 01 फरवरी, 2022 तक पाकिस्तान के 27वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

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