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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 अक्तूबर, 2021

  • 07 Oct 2021
  • 7 min read

मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में भारत को वैश्विक वस्त्र हब के रूप में स्थापित करने हेतु 4,445 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ 7 ‘मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क’ के निर्माण की मंज़ूरी दी है। गौरतलब है कि इन ‘मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों’ की स्थापना की घोषणा वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में की गई थी। इन पार्कों की स्थापना विभिन्न इच्छुक राज्यों में स्थित ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड स्थलों पर की जाएगी। पार्क के लिये स्थलों का चयन वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर ‘चैलेंज मेथड’ द्वारा किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस योजना के परिणामस्वरूप तकरीबन 7 लाख लोगों के लिये प्रत्यक्ष रोज़गार और 14 लाख के लिये अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित किये जा सकेंगे। ये पार्क एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण/रंगाई और छपाई से लेकर परिधान निर्माण हेतु एक एकीकृत वस्त्र मूल्य शृंखला विकसित करने का अवसर प्रदान करेंगे। एक स्थान पर एक एकीकृत वस्त्र मूल्य शृंखला उद्योग की रसद लागत को भी कम करेगी। बुनियादी अवसंरचनाओं के विकास हेतु सभी ग्रीनफील्ड पार्कों को अधिकतम 500 करोड़ रुपए और ब्राउनफील्ड पार्कों को अधिकतम 200 करोड़ रुपए विकास पूंजी सहायता (DCS) प्रदान की जाएगी। विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र सरकार प्रत्येक पार्क के लिये 300 करोड़ रुपए का कोष स्थापित करेगी।

‘भारत-जापान समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास’ (JIMEX)

‘भारत-जापान समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास’ (JIMEX) का पाँचवाँ संस्करण 6-8 अक्तूबर तक अरब सागर में आयोजित किया जा रहा है। ‘JIMEX-21’ का उद्देश्य समुद्री संचालन के पूरे स्पेक्ट्रम में कई उन्नत अभ्यासों के माध्यम से परिचालन प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करना और अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है। यह नौसैनिक अभ्यास भारतीय नौसेना एवं जापानी समुद्री आत्म-रक्षा बल (JMSDF) के बीच द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। इस द्विपक्षीय अभ्यास का चौथा संस्करण वर्ष 2020 में मध्य उत्तरी अरब सागर में आयोजित किया गया था। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में भारत और जापान के बीच सैन्य सहयोग काफी अधिक बढ़ा है। भारत और जापान ने जनवरी 2012 में समुद्री सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से ‘जिमेक्स’ (JIMEX) शृंखला की शुरुआत की थी। 

आंध्र प्रदेश का 'स्वच्छा' कार्यक्रम

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी जल्द ही राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु 'स्वच्छा' कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इस पहल के तहत राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों में 7वीं-12वीं तक की कक्षा में पढ़ने वाली लगभग 10 लाख किशोरियों को प्रतिमाह दस सैनिटरी नैपकिन प्रदान किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सभी ‘वाईएसआर चेयुथा स्टोर्स’ में सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार यूनिसेफ, ‘वाश’ (WASH) और ‘पीएंडजी’ (P&G) जैसे संगठनों के साथ साझेदारी में मासिक धर्म और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के महत्त्व पर विशेष जागरूकता कक्षाएँ भी आयोजित करेगी। ध्यातव्य है कि विभिन्न अध्ययनों और रिपोर्टों से पता चलता है कि भारत में लगभग 23 प्रतिशत छात्राओं की सैनिटरी नैपकिन तक पहुँच नहीं है, जबकि स्कूलों एवं कॉलेजों में उचित सुविधाओं और बुनियादी अवसंरचनाओं की कमी भी इस संबंध में एक बड़ी चुनौती हैं। 

हिमाचल प्रदेश में दालचीनी की संगठित खेती

‘वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (CSIR) ने हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश में दालचीनी की संगठित खेती शुरू की है। इस परियोजना की सफलता पर इसे व्यावसायिक स्तर पर लॉन्च किया जाएगा। ‘वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ के इस प्रयास का एकमात्र उद्देश्य भारत के दालचीनी आयात में कटौती करना है, जो कि वर्तमान में तकरीबन 909 करोड़ रुपए के आसपास है। गौरतलब है कि दालचीनी एक सदाबहार झाड़ीदार पेड़ है, जिसकी छाल मुख्य रूप से मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है। एशियाई और यूरोपीय व्यंजनों में इसे मुख्यतः एक पाक सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है, साथ ही दालचीनी का दवा में और प्रतिरक्षा बढ़ाने में भी महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग है। वैश्विक स्तर पर दालचीनी की सबसे अधिक खेती श्रीलंका में की जाती है।

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