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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 नवंबर, 2020

  • 07 Nov 2020
  • 5 min read

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस (World Tsunami Awareness Day) का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य आम लोगों को सुनामी जैसी घातक आपदा के बारे में जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस घातक आपदा के कारण पिछली एक सदी में लाखों लोगों की मृत्यु हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ‘सुनामी’ (Tsunami) शब्द की उत्पत्ति जापान से हुई है, जहाँ ‘सु’ (Tsu) शब्द का अर्थ है ‘बंदरगाह’ (Harbour) और ‘नामी’ (Nami) का अर्थ है ‘लहर’ (Waves)। प्रायः तीव्र भूकंप के दौरान समुद्री प्लेट कई मीटर तक खिसक जाती है, फलस्वरूप समुद्री सतह पर ज़बरदस्त उथल-पुथल मचती है और इस कारण सागर की सतह पर जल बड़ी-बड़ी लहरों के रूप में उठता है। यद्यपि महासागरों में ये बहुत कम ऊँचाई की होती हैं, किंतु जैसे-जैसे ये किनारों की ओर बढ़ती हैं तो इनकी ऊँचाई और तीव्रता बढ़ती जाती है। यही तीव्र और ऊँची लहरें धरातल पर सुनामी कहलाती हैं। वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सबसे घातक सुनामी के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।

यशवर्द्धन कुमार सिन्हा 

भारतीय विदेश सेवा (IFS) के सेवानिवृत्त अधिकारी यशवर्द्धन कुमार ने हाल ही में राष्ट्रपति भवन में मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के रूप में शपथ ली है। यशवर्द्धन कुमार सिन्हा ने पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) बिमल जुल्का का स्थान लिया है, जिन्होंने 26 अगस्त, 2020 को अपना कार्यकाल पूरा किया और तभी से यह पद खाली है। 4 अक्तूबर, 1958 को जन्मे यशवर्द्धन कुमार सिन्हा 1 जनवरी, 2019 को सूचना आयुक्त के तौर पर केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में शामिल हुए और इससे पूर्व वे यूनाइटेड किंगडम (UK) तथा श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य कर चुके हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के मुताबिक, केंद्र सरकार केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के रूप में एक निकाय का गठन करेगी। नियम के अनुसार, केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और कुछ सूचना आयुक्त होंगे, जिनकी संख्या 10 से अधिक नहीं होगी। 

रो-पैक्स टर्मिनल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हज़ीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारंभ करेंगे और साथ ही हज़ीरा (Hazira) एवं घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा की भी शुरुआत की जाएगी। ध्यातव्य है कि  रो-पैक्स टर्मिनल और रो-पैक्स सेवा की शुरुआत जलमार्गों के उपयोग और उन्हें भारत के आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने के प्रधानमंत्री के विज़न की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। हज़ीरा में शुरू किये जा रहे रो-पैक्स टर्मिनल की लंबाई 100 मीटर, जबकि इसकी चौड़ाई 40 मीटर है, जिस पर अनुमानित रूप से 25 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस टर्मिनल में प्रशासनिक कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वाटर टॉवर आदि कई सुविधाएँ मौजूद हैं। वहीं हज़ीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा के भी कई फायदे होंगे। यह दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वार के रूप में कार्य करेगा। इससे घोघा और हज़ीरा के बीच की दूरी 370 किमी. से घटकर 90 किमी. रह जाएगी। इसके अलावा कार्गो ढुलाई की अवधि भी 10-12 घंटे से घटकर लगभग 4 घंटे ही रह जाएगी, जिससे ईंधन (लगभग 9,000 लीटर प्रतिदिन) की भारी बचत होगी और वाहनों के रख-रखाव की लागत में खासी कमी आएगी।

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