विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 दिसंबर, 2021
- 07 Dec 2021
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एकुवेरिन सैन्य अभ्यास
भारत और मालदीव के बीच ‘एकुवेरिन सैन्य अभ्यास’ का 11वाँ संस्करण 6 दिसंबर से 19 दिसंबर (2021) के बीच मालदीव के ‘कढधू द्वीप’ में आयोजित किया जा रहा है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं को भूमि एवं समुद्र दोनों स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे को समझने, आतंकवाद एवं विद्रोहियों से निपटने हेतु कार्रवाई करने तथा सर्वोत्तम सैन्य कार्यप्रणालियों तथा अनुभवों को साझा करने के मामले में तालमेल एवं अंतर-संचालन में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान कड़े प्रशिक्षण के अलावा, रक्षा सहयोग तथा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिये सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियाँ भी आयोजित की जा रही हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के बीच मालदीव के साथ भारत के संबंधों को और मज़बूत बनाने की दिशा में यह अभ्यास एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और मालदीव की सेनाओं के बीच ‘एकुवेरिन’ सैन्य अभ्यास का आयोजन वर्ष 2009 से किया जा रहा है। ‘धिवेही’ भाषा में ‘एकुवेरिन’ शब्द का अर्थ- मित्र होता है। भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध है। एकुवेरिन सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करना है।
परियोजना ‘RE-HAB’
पायलट परियोजना ‘RE-HAB’ (Reducing Elephant-Human Attacks using Bees) को हाल ही में असम में शुरू किया गया है, जो मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं में कमी लाने के लिये जंगल और गाँवों की परिधि में मधुमक्खियों के बक्से स्थापित करने पर ज़ोर देती है। यह मानव बस्तियों में हाथियों के हमलों को विफल करने के लिये "मधुमक्खियों द्वारा निर्मित एक बाड़" बनाने से संबंधित कार्यक्रम है। मधुमक्खियों द्वारा निर्मित बाड़ के माध्यम से हाथियों को नुकसान पहुँचाए बिना उन्हें रोका जा सकेगा। यह खाई खोदने या बाड़ बनाने जैसे विभिन्न अन्य उपायों की तुलना में अत्यधिक लागत प्रभावी है। इस पहल के माध्यम से शहद उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह परियोजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की एक पहल है। विदित हो कि यह यह KVIC के राष्ट्रीय शहद मिशन का एक उप-मिशन है। KVIC खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को भारत में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 7 दिसंबर, 1949 को मनाया गया था। इस दिवस को भारतीय थल सैनिकों, नौ सैनिकों तथा वायु सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है। झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिये लोगों से धन जुटाया जाता है तथा इस धन का उपयोग सेवारत सैन्य कर्मियों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये किया जाता है।