नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 अगस्त, 2020

  • 06 Aug 2020
  • 8 min read

आयरलैंड में आयरलैंड का डेटा सेंटर

लघु वीडियो साझाकरण एप टिकटॉक 500 मिलियन डॉलर की लागत से आयरलैंड में अपना पहला यूरोपियन डेटा सेंटर शुरू करने की योजना बना रहा है। आयरलैंड में स्थापित किये जा रहे इस डेटा सेंटर में यूरोपीय उपयोगकर्त्ताओं द्वारा उत्पन्न किये जा रहे डेटा जैसे- लघु वीडियो और संदेश आदि को संगृहीत किया जाएगा। गौरतलब है कि अब तक इसके सभी उपयोगकर्त्ताओं का समग्र डेटा अमेरिका में स्थित डेटा सेंटर में संग्रहित किया जाता था, जिसकी बैकअप प्रति (Backup Copy) सिंगापुर स्थित डेटा सेंटर में रखी जाती थी। टिकटॉक द्वारा पहला यूरोपियन डेटा सेंटर स्थापित करने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार अमेरिका में इसी चीनी स्वामित्त्व वाले एप को प्रतिबंधित करने की धमकी दे रहे हैं, ऐसे में अमेरिकी डिजिटल बाज़ार में इस एप के अस्तित्त्व पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। भारत द्वारा टिकटॉक समेत कुल 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने के बाद से अमेरिका भी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसी प्रकार की कार्रवाई पर विचार कर रहा है। टिकटॉक एक लघु वीडियो साझा करने की सुविधा प्रदान करने वाला एक प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म है, जो उपयोगकर्त्ताओं को किसी भी विषय विशिष्ट पर तकरीबन 15 सेकंड की वीडियो और उसे अन्य उपयोगकर्त्ताओं के साथ साझा करने का अवसर देता है,  अपने डेटा सेंटर में डेटा एकत्र कर टिकटॉक उनका प्रयोग विज्ञापन प्रदान करने के लिये करता है। एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2020 की शुरुआत तक टिकटॉक के पास कुल 800 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्त्ता थे, किंतु चूँकि भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा बाज़ार था और केंद्र सरकार ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिये थे, इसलिये टिकटॉक के उपयोगकर्त्ताओं की संख्या में कुछ आई है।

मनोज सिन्हा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उप-राज्यपाल (Lieutenant Governor) नियुक्त किया है, गौरतलब है कि इससे पूर्व गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को अक्तूबर, 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे की समाप्ति के बाद राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-BHU (IIT-BHU) के पूर्व छात्र मनोज सिन्हा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व करते हुए कुल 3 बार सांसद के रूप में चुने जा चुके हैं। मनोज सिन्हा ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ की थी, किंतु राजनीति में उन्हें असल पहचान वर्ष 1982 में मिली जब उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने वर्ष 1996 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता था, वर्ष 2014 में भी उन्होंने गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता और उन्हें केंद्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया।

शशिधर जगदीशन

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने HDFC बैंक के नए प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के तौर पर शशिधर जगदीशन की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है। इस मंज़ूरी के साथ ही शशिधर जगदीशन, HDFC बैंक के मौजूदा CEO और MD आदित्य पुरी का स्थान लेंगे और अगले तीन वर्ष तक इस पद पर बने रहेंगे। ध्यातव्य है कि शशिधर जगदीशन वर्ष 1996 में प्रबंधक (Manager) के तौर पर HDFC बैंक में शामिल हुए थे और उन्हें बैंकिंग क्षेत्र समग्र तौर पर कुल 29 वर्ष का अनुभव है, वर्तमान में वे बैंक के समूह प्रमुख (Group Head) के तौर पर कार्य कर रहे है। वर्ष 1999 में उन्हें बिज़नेस हेड- फाइनेंस (Business Head- Finance) बनाया गया और वर्ष 2008 में वे बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) के रूप में नियुक्त हुए। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, ‘यह नियुक्ति COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुए अनिश्चित माहौल में बैंक के प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता और स्थिरता सुनिश्चित करेगी। 

कुलभूषण जाधव मामला

पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने कुलभूषण जाधव मामले में तीन वरिष्ठ वकीलों को न्याय मित्र (Amici Curiae) के रूप में नामित किया है। शीर्ष न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया है कि वह भारत को कुलभूषण जाधव मामले में वकील नियुक्त करने का एक और अवसर प्रदान करे। ध्यातव्य है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। साथ ही इस सज़ा की पश्चात् पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुँच प्रदान करने से भी इनकार कर दिया था, जिसके पश्चात् पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दी गई मृत्यु की सज़ा को चुनौती देते हुए भारत इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice-ICJ) के समक्ष ले गया था। हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 में अपना निर्णय सुनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव की सज़ा की समीक्षा करनी चाहिये और उस पर पुनर्विचार करना चाहिये, साथ ही बिना किसी देरी के भारत को कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुँच देनी चाहिये। दरअसल पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को जासूसी के आरोप में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। जबकि भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जो भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने कारोबार के संबंध में ईरान गए थे।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow