Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 जनवरी, 2022 | 06 Jan 2022
नील नोंगकिरिंंह
‘शिलांग चैंबर कोइर’ के संस्थापक और प्रसिद्ध संगीतकार नील नोंगकिरिंंह का हाल ही में 51 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। नील नोंगकिरिंंह का जन्म 09 जुलाई, 1970 को मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मेघालय से प्राप्त की और संगीत की अधिकांश शिक्षा अपनी बहन पॉलीन वारजरी से प्राप्त की, जो कि एक जैज़ संगीतकार थीं। वर्ष 1988 में नील नोंगकिरिंंह संगीत का अध्ययन करने हेतु यूनाइटेड किंगडम चले गए। संगीत में स्नातक की शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नील ने यूनाइटेड किंगडम में पियानोवादक के रूप में कई कार्यक्रम किये। वर्ष 2001 में नोंगकिरिंंह भारत लौट आए और शिलांग में एक संगीत शिक्षक बन गए। इसी वर्ष उन्होंने प्रसिद्ध ‘शिलांग चैंबर कोइर’ की स्थापना की। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में नील नोंगकिरिंंह के नेतृत्त्व में शिलांग चैंबर कोइर ने ‘इंडियाज़ गॉट टैलेंट’ नामक एक टीवी कार्यक्रम जीता था। इसके अलावा वर्ष 2015 में उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
कर्नाटक का पहला एलएनजी टर्मिनल
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में मेंगलुरु में राज्य का पहला एलएनजी टर्मिनल स्थापित करने हेतु सिंगापुर स्थित ‘एलएनजी एलायंस कंपनी’ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इस टर्मिनल की स्थापना ‘न्यू मैंगलोर पोर्ट ट्रस्ट’ (NMPT) के सहयोग से 2250 करोड़ रुपए के निवेश से की जाएगी। इस संबंध में की गई घोषणा के मुताबिक, यह परियोजना 200 लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करेगी। यह कर्नाटक का पहला और देश का छठा ‘तरलीकृत प्राकृतिक गैस’ (LNG) टर्मिनल होगा। यह वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु वैकल्पिक ईंधन बाज़ार को बढ़ावा देने संबंधी केंद्र की व्यापक योजना में मददगार साबित हो सकता है। एक बार पूरा होने पर यह परियोजना मेंगलुरु के आसपास 300 किलोमीटर के दायरे में ‘तरलीकृत प्राकृतिक गैस’ यानी एलएनजी की आपूर्ति करने में सक्षम होगी। ‘तरलीकृत प्राकृतिक गैस’ (LNG) प्राकृतिक गैस का तरल रूप है, जिसे आमतौर पर जहाज़ों के माध्यम से बड़ी मात्रा में उन देशों को भेजा जाता है जहाँ पाइप लाइन का विस्तार संभव नहीं है। प्राकृतिक गैस को 160 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करके तरल अवस्था में लाया जाता है।
कैप्टन हरप्रीत चंडी
32 वर्षीय भारतीय मूल की ब्रिटिश सिख सेना अधिकारी और फिज़ियोथेरेपिस्ट कैप्टन हरप्रीत चंडी ने अकेले दक्षिणी ध्रुव का ट्रैकिंग अभियान पूरा कर इतिहास रच दिया है और वह ऐसा करने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं। इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम में एक मेडिकल रेजिमेंट के हिस्से के रूप में हरप्रीत चंडी की प्राथमिक भूमिका सेना के लिये नैदानिक प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में चिकित्सकों के प्रशिक्षण को व्यवस्थित करना है। इसके अलावा वह वर्तमान में लंदन में स्थित ‘क्वीन मैरी विश्वविद्यालय’ में खेल और व्यायाम चिकित्सा में स्नातकोत्तर (अंशकालिक) की भी पढ़ाई कर रही हैं।
विश्व युद्ध अनाथ दिवस
विश्व भर में प्रतिवर्ष 06 जनवरी को ‘विश्व युद्ध अनाथ दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का लक्ष्य उन बच्चों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो युद्धों के कारण अनाथ हो गए हैं। यह दिवस युद्ध के दौरान अनाथ हुए बच्चों की स्थिति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करता है और बड़े होने के दौरान बच्चों के समक्ष आने वाली भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक चुनौतियों को उजागर करता है। यूनिसेफ द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों की मानें तो वर्ष 2015 में वैश्विक स्तर पर लगभग 140 मिलियन अनाथ थे, जिनमें एशिया में 61 मिलियन, अफ्रीका में 52 मिलियन, लैटिन अमेरिका व कैरिबियन में 10 मिलियन और पूर्वी यूरोप एवं मध्य एशिया में 7.3 मिलियन शामिल थे।