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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05-सितंबर, 2022

  • 05 Sep 2022
  • 6 min read

अनुकूलचंद्र ठाकुर 

3 सितंबर, 2022 को बांग्लादेश के हेमायेतपुर (पाबना) में आध्यात्मिक गुरु अनुकूलचंद्र ठाकुर की 135वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर पाबना के हेमायेतपुर में उनके जन्म स्थान पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक श्री अनुकूलचंद्र ठाकुर का जन्म वर्ष 1888 में हेमायेतपुर, पाबना में हुआ था। उन्होंने एक आध्यात्मिक आंदोलन की शुरूआत की जिसमें सभी धर्मों की एकता पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये संस्थानों की स्थापना की। स्वतंत्रता आंदोलन के कुछ महान नेताओं जैसे देशबंधु चित्तरंजन दास ने उन्हें अपना गुरु माना। पाबना के यात्रा के दौरान महात्मा गांधी ने भी उनसे मुलाकात की थी। इस अवसर पर आध्यात्मिक आंदोलन के सदस्यों ने मांग की है कि अनुकूलचंद्र ठाकुर आश्रम की भूमि उनके संगठन को सौंप दी जाए। श्री अनुकूलचंद्र ठाकुर वर्ष 1946 में पाबना छोड़कर भारत आ गए थे और बाद में विभाजन के बाद 'सत्संग आश्रम' की भूमि को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्ज़े में ले लिया और एक मानसिक चिकित्सालय में बदल दिया, जो वर्तमान में भी मौजूद है।

शिक्षक दिवस 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 05 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में 46 शिक्षकों को वर्ष 2022 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित करता है। शिक्षकों का चयन तीन चरणों में पारदर्शी और ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश के आदर्श शिक्षकों को सम्मानित करना है। ज्ञात है कि राष्ट्र के योगदान में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुट्टनी में हुआ था और वे वर्ष 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने थे और वे वर्ष 1967 तक इस पद पर रहे थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को एक शिक्षक के साथ-साथ एक प्रसिद्ध दार्शनिक और राजनेता के रूप में भी जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार के लिये कुल 16 बार और नोबेल शांति पुरस्कार के लिये कुल 11 बार नामांकित किया गया था। 16 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में उनकी मृत्यु हो गई। इस अवसर पर विद्यार्थी अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करते हैं। ध्यातव्य है कि विश्व शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्तूबर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 20वीं सदी के महानतम विचारकों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय समाज में पश्चिमी दर्शन को प्रस्तुत करने के लिये भी याद किया जाता है।

नेहरू ट्रॉफी  

केरल में 68वीं नेहरू ट्रॉफी नौका दौड़ 04 सितंबर, 2022 को अलाप्पुझा ज़िले के पुन्नमदा झील में आयोजित की जा रही हैं। प्रतियोगिताएँ नौ श्रेणियों में आयोजित की जाती हैं। प्रतिस्पर्द्धा में 20 स्नेक नौकाओं/सर्प नौकाओं सहित 77 नौकाएँ भाग लेंगी। श्रीनगर की डल झील के 24 शिकारा पैडलर्स भी इस बार नौका दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हस्‍ताक्षर हैं। केरल के पश्चजल/बैकवाटर और नदियाँ प्राचीन काल से वल्लम कली (वल्लम यानी नौका और कली यानी नाटक या खेल) का प्रदर्शन स्थल रहे हैं। केरल में फसल कटाई के त्योहार ओणम के दिनों में इसका आकर्षण चरम पर होता है। केरल की नौका दौड़ नेहरू ट्रॉफी बोट रेस सर्वाधिक प्रसिद्ध है। तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जो वर्ष 1952 में प्रथम प्रतिस्पर्द्धा नौका दौड़ के मुख्य अतिथि बने थे। इसके बाद से विजेता की ट्रॉफी जवाहर लाल नेहरू ट्रॉफी कहलाने लगी। इस दौड़ का आयोजन प्रत्येक वर्ष अगस्त महीने के दूसरे शनिवार के दिन होता है। इन नौका दौड़ों में शानदार सर्प नौकाओं या चुण्डन शामिल होते हैं। इन विशाल सर्प नौकाओं में एक-साथ लयबद्ध ताल में चप्पुओं का खेना दर्शकों के लिये अविस्मरणीय अनुभव होता है प्रत्येक वर्ष अगस्त महीने के दूसरे शनिवार को आयोजित होने वाली यह नौका दौड़ दुनिया की सभी नौका दौड़ों में सबसे लोकप्रिय है।

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