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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 दिसंबर, 2022

  • 05 Dec 2022
  • 5 min read

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 189वीं बैठक

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 3 से  4 दिसंबर, 2022 को कर्मचारी राज्य बीमा निगम  के उद्देश्य 'निर्माण से शक्ति' पहल के तहत इसके बुनियादी ढाँचे का उन्नयन और आधुनिकीकरण करना- को स्पष्ट करते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 189वीं बैठक का सफल आयोजन नई दिल्ली में स्थित इसके मुख्यालय में किया गया। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के दायरे में आने वाले बीमाकृत श्रमिकों और उनके आश्रितों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए संबद्ध मंत्रालय ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम को बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर ज़ोर देने का निर्देश दिया। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की बैठक के दौरान निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्यसूची मदों पर विचार किया गया, जो चिकित्सा एवं हितलाभ सेवा वितरण तत्रों को बेहतर बनाने में मदद करेगा और कर्मचारी राज्य बीमा योजना के दायरे में आने वाले बीमाकृत श्रमिकों की बढ़ती संख्या के प्रबंधन के लिये कर्मचारी राज्य बीमा निगम के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगा:- कर्मचारी राज्य बीमा निगम, श्यामलीबाजार, अगरतला, त्रिपुरा में 100 बिस्तरों वाला नया अस्पताल और इडुक्की, केरल में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना का निर्णय, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखे और वार्षिक रिपोर्ट को मंज़ूरी।

भारतीय नौसेना दिवस

वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना के जवाबी हमले को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है। ऑपरेशन ट्राइडेंट वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर भारतीय नौसेना द्वारा किया गया जवाबी हमला था जिसमे भारत ने पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया और पाकिस्तानी विध्वंसक जहाज़ ‘पीएनएस खैबर’ को नष्ट कर दिया था।भारतीय नौसेना की स्थापना वर्ष 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के उद्देश्य से की गई थी, जिसे स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में पुनर्गठित किया गया। भारतीय नौसेना की अध्यक्षता सर्वोच्च कमांडर के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं। इसका आदर्श वाक्य है- ‘शं नो वरुणः’ अर्थात् ‘जल के देवता वरुण हमारे लिये शुभ हों।’ वर्ष  2022 के लिये नौसेना दिवस की थीम "स्वर्णिम विजय वर्ष"  है।

‘इंडिया: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पुस्तक

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘इंडियाः दी मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ का विमोचन किया। इस पुस्तक का उद्देश्य प्राचीन काल से भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार को प्रदर्शित करना है, जिसमे 30 विभिन्न लेखकों द्वारा लिखे गए 30 लेख हैं। लेखकों में प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद् वसंत शिंदे, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव लोचन, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जिगर मोहम्मद और सिक्किम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीनू पंत शामिल हैं। इस पुस्तक की शुरुआत दुनिया की सबसे पहली लोकतांत्रिक प्रणाली हड़प्पा सभ्यता के लेख से होती है। इस पुस्तक में 6 भाग है: 1. पुरातत्व, साहित्य, मुद्राशास्त्र और पुरालेख। 2. गण, महाजनपद, राज्य। 3. भक्ति और संप्रदाय: लोकतांत्रिक परंपराओं की कल्पना। 4. प्रजातांत्रिक वादों का प्रस्फुटनः जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म। 5. लोक: जनजाति और खाप। 6. लोकतंत्र के लोकाचार का पता लगाना: मानवता और उपनिवेशवाद।

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