Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 मई, 2021 | 04 May 2021
अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस
प्रतिवर्ष 4 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य उन अग्निशमन कर्मियों को याद करना है, जिन्होंने समाज की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है। ज्ञात हो कि 4 जनवरी, 1999 को ऑस्ट्रेलिया के वनों में लगी आग बुझाने के दौरान पाँच अग्निशमन कर्मियों की मृत्यु हो गई थी और इसी घटना को चिन्हित करते हुए प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस का आयोजन किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का प्रतीक लाल और नीला रिबन है। इसमें लाल रंग आग को दर्शाता है और नीला रंग पानी को; और ये रंग दुनियाभर में आपातकालीन सेवाओं का संकेत देते हैं। यह दिवस अग्निशामकों को उनकी असाधारण प्रतिबद्धता, असाधारण साहस और उनकी नि:स्वार्थ सेवा के लिये धन्यवाद करने हेतु मनाया जाता है। इसके अलावा भारत में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1944 में 14 अप्रैल को मुंबई बंदरगाह पर एक मालवाहक जहाज़ में अचानक आग लग गई थी, जिसमें काफी मात्रा में रुई, विस्फोटक और युद्ध उपकरण रखे हुए थे। इस आग पर काबू पाने की कोशिश में 66 अग्निशमनकर्मी आग की चपेट में आकर अपने प्राण गँवा बैठे थे। इन्हीं अग्निशमन कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
टी. रबी शंकर
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर पद के लिये टी. रबी शंकर के नाम की पुष्टि कर दी है। टी. रबी शंकर वर्तमान में रिज़र्व बैंक में कार्यकारी निदेशक (भुगतान और निपटान) के रूप में कार्यरत हैं। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, टी. रबी शंकर को डिप्टी गवर्नर के पद पर कुल तीन वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया गया है। ध्यातव्य है कि टी. रबी शंकर डिप्टी गवर्नर के रूप में एस.पी. कानूनगो का स्थान लेंगे, जो कि 02 अप्रैल को सेवानिवृत्त हुए थे। टी. रबी शंकर के अतिरिक्त वर्तमान में रिज़र्व बैंक में तीन अन्य डिप्टी गवर्नर हैं, जिनमें माइकल पात्रा, महेश कुमार जैन और एम. राजेश्वर राव शामिल हैं। डिप्टी गवर्नर के पद पर रहते हुए टी. रबी शंकर भुगतान और निपटान के अलावा फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, जोखिम निगरानी और RTI (सूचना का अधिकार) आदि विभागों का भी प्रबंधन करेंगे। टी. शंकर को केंद्रीय बैंक संबंधी विभिन्न कार्यों में कई दशकों लंबा अनुभव है। वह सितंबर 1990 में एक अनुसंधान अधिकारी के रूप में रिज़र्व बैंक में शामिल हुए थे।
P-8I पेट्रोल एयरक्राफ्ट की प्रस्तावित बिक्री
अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को 2.42 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत वाले छह P-8I पेट्रोल एयरक्राफ्ट की बिक्री के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। भारतीय नौसेना ने जनवरी 2009 में बोइंग से आठ P-8I पेट्रोल एयरक्राफ्ट प्रत्यक्ष वाणिज्यिक बिक्री के माध्यम से खरीदे थे और जुलाई 2016 में अतिरिक्त चार विमानों के लिये अनुबंध किया था। इस तरह अतिरिक्त छह P-8I पेट्रोल एयरक्राफ्ट की यह प्रस्तावित बिक्री आगामी 30 वर्ष के लिये भारतीय नौसेना की समुद्री निगरानी क्षमता का विस्तार करेगी। बोइंग कंपनी द्वारा निर्मित ‘P-8I लंबी दूरी की पनडुब्बी-रोधी वारफेयर, एंटी-सरफेस वारफेयर, इंटेलिजेंस और सर्विलांस विमान’ हैं और व्यापक क्षेत्र (Broad Area), तटीय तथा समुद्री परिचालन में सक्षम हैं। लॉन्ग रेंज पनडुब्बी रोधी, सतह रोधी, खुफिया और निगरानी का उपयोग समुद्री और तटीय युद्ध कार्रवाइयों के लिये किया जाता है। यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करके और एक प्रमुख रक्षात्मक साझेदार के रूप में भारत की सुरक्षा में सुधार करके संयुक्त राज्य की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करेगी, जो इंडो-पैसिफिक और एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिये महत्त्वपूर्ण है।
अनुच्छेद 311
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा पहली बार अनुच्छेद 311 का उपयोग करते हुए एक सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत ‘संघ या राज्य के अधीन कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को उनके पद से बर्खास्त करने, हटाने अथवा अथवा रैंक कम करने से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, हालाँकि ऐसा केवल उपयुक्त जाँच के बाद ही किया जा सकता है। यद्यपि अनुच्छेद 311 उन कर्मचारियों को सुनवाई का स्पष्ट अधिकार प्रदान करता है, जिनके विरुद्ध इस अनुच्छेद को लागू किया गया है, किंतु नवीनतम मामले में उपराज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 311 की धारा 2 (c) लागू की गई है, जो कि जाँच और सुनवाई की शर्त की अनिवार्यता को खत्म कर देती है यदि राष्ट्रपति या राज्यपाल इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि राष्ट्र की सुरक्षा के हित में, इस तरह की जाँच करना समीचीन नहीं है। ऐसी स्थिति में उस सरकारी कर्मचारी को बिना किसी सुनवाई के बर्खास्त कर दिया जाता है।