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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 जून, 2021

  • 04 Jun 2021
  • 7 min read

बीज मिनीकिट कार्यक्रम

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में किसानों को तिलहन एवं दलहन के बीजों की अधिक उपज देने वाली किस्मों का वितरण करके एक ‘बीज मिनीकिट कार्यक्रम’ (Seed Minikit Programme) शुरू किया है। यह मिनीकिट केंद्रीय एजेंसियों भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय बीज निगम (NCS) और गुजरात राज्य बीज निगम द्वारा प्रदान की जा रही हैं तथा सरकार द्वारा पूर्णतः ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ के माध्यम से वित्तपोषित किया जा रहा है। सरकार द्वारा शुरू किये गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि में नई किस्मों के बीजों को लाना है। यह बीज प्रतिस्थापन दर को बढ़ाने में भी सहायता करेगा। कार्यक्रम के तहत बीजों का वितरण 15 जून, 2021 तक जारी रहेगा, ताकि खरीफ की बुवाई शुरू होने से पहले बीज को किसानों तक पहुँचाया जा सके। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत कुल 20,27,318 दलहन मिनीकिट, 74,000 से अधिक मूँगफली मिनीकिट और 8 लाख सोयाबीन बीज मिनीकिट सीधे किसानों को मुफ्त प्रदान किया जाना है। बीज प्रतिस्थापन अनुपात (SRR) का आशय कृषि से व्युत्पन्न पारंपरिक बीज की तुलना में प्रमाणित/गुणवत्तापूर्ण बीजों के साथ बोए गए कुल फसल क्षेत्र के प्रतिशत से होता है। 

बिहार में महिलाओं के लिये आरक्षण 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में कम-से-कम एक-तिहाई सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित होंगी, जिससे इंजीनियरिंग और मेडिकल क्षेत्र में छात्राओं की संख्या में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। इसी के साथ बिहार इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिये 33.3 प्रतिशत क्षैतिज कोटा प्रदान करने वाला (देश में) पहला राज्य बन गया है। इस निर्णय से महिलाएँ तकनीकी एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये और अधिक प्रेरित होंगी। इसके अतिरिक्त राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 38 ज़िलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने की घोषणा की है। साथ ही मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान के लिये दो नए विश्वविद्यालय स्थापित करने हेतु दो प्रस्तावित विधेयकों की भी समीक्षा की। राज्य में वर्तमान में 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 17 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं और इस प्रस्ताव के माध्यम से ये सभी कॉलेज प्रस्तावित ‘बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी’ के दायरे में आ जाएंगे।

वाईएसआर जगन्ना कॉलोनी परियोजना

हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने ‘नवरत्नालु पेदलंदरिकी इलू कार्यक्रम’ के तहत वाईएसआर जगन्ना कॉलोनी परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया है। राज्य में गरीब और दलित वर्ग के 30.76 लाख लाभार्थियों को मुफ्त घर का पट्टा वितरित करने के बाद, राज्य सरकार ने अब प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद से चरणबद्ध तरीके से उनके लिये घर बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में 28,084 करोड़ रुपए की लागत से कुल 15,60,227 मकान बनाए जाएंगे। घरों का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा और प्रत्येक चरण एक वर्ष में पूरा होगा। इस योजना के तहत स्वच्छ पेयजल पर 4,128 करोड़ रुपए, सड़कों और जल निकासी पर 22,587 करोड़ रुपए, बिजली आपूर्ति पर 4,986 करोड़ रुपए, इंटरनेट पर 627 करोड़ रुपए तथा कॉलोनियों संबंधी अन्य सुविधाओं पर 567 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इस योजना को सही ढंग से क्रियान्वित करने के लिये मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 13 ज़िलों में चौथे संयुक्त कलेक्टर की नियुक्ति की घोषणा की है। ज्ञात हो कि राज्य में वर्तमान में प्रत्येक ज़िले में तीन संयुक्त कलेक्टर हैं, जो राज्य सरकार की विभिन्न कल्याण एवं विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की देखभाल कर रहे हैं। 

फेंग्युन-4B

हाल ही में चीन ने वर्ष 2021 के अपने 16वें कक्षीय प्रक्षेपण के साथ ‘फेंग्युन-4B’ मौसम उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में सफलतापूर्वक भेज दिया है। 5,400 किलोग्राम वज़न वाले ‘फेंग्युन-4B’ उपग्रह का उपयोग मौसम विश्लेषण एवं पूर्वानुमान और पर्यावरण तथा आपदा निगरानी के लिये किया जाएगा। उससे चीन के वातावरण की उच्च आवृत्ति निगरानी और कई छोटे पैमाने एवं छोटी अवधि की मौसमी की घटनाओं की अवलोकन क्षमता में सुधार होगा। ‘फेंग्युन-4B’ सात वर्ष तक पृथ्वी से 35,786 किलोमीटर की ऊँचाई पर भूस्थैतिक कक्षा में कार्य करेगा। ‘फेंग्युन-4B’ का कार्यकाल वर्ष 2016 के अंत में लॉन्च किये गए ‘फेंग्युन-4A’ की अवधि से पाँच वर्ष अधिक है। उपग्रह और लॉन्चर को क्रमशः ‘शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी’ (SAST) और ‘चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी’ (CALT) द्वारा विकसित किया गया तथा ये दोनों ही चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (CASC) की अनुषंगी कंपनियाँ हैं। ‘फेंग्युन-4’ शृंखला के मौसम संबंधी उपग्रह भूस्थिर मौसम उपग्रहों की एक नई जनरेशन है। चीन ने वर्ष 1997 में पूर्ववर्ती ‘फेंग्युन-2 शृंखला शुरू की थी।

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