Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 फरवरी, 2023 | 04 Feb 2023
विश्व कैंसर दिवस
विश्व के लोगों को कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एकजुट करने के लिये प्रतिवर्ष 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। यह एक वैश्विक कार्यक्रम है। विश्व कैंसर दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को इस बीमारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये जागरूक बनाकर कैंसर से होने वाली मौतों को कम करना है। यह अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ (UICC) की एक पहल है। इस दिवस की शुरुआत 4 फरवरी, 2000 को पेरिस में ‘वर्ल्ड समिट अगेंस्ट कैंसर फॉर न्यू मिलेनियम’ के दौरान हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल के रूप में वर्ष 1933 में पहला कैंसर दिवस जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था तब से प्रत्येक वर्ष कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम-''क्लोज़ द केयर गैप (Close The Care Gap)'' है। इसका प्रमुख उद्देश्य समुदाय के उस वर्ग तक कैंसर के इलाज की सुविधाएँ पहुँचाना है जो कि इससे वंचित है। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 27 लाख लोग कैंसर से ग्रसित होते है एवं 8 लाख लोगों की मौत इस बीमारी से हो जाती है। यदि कैंसर से लड़ने के लिये उचित कदम नहीं उठाए गए तो कैंसर से प्रभावित लोगों की संख्या वर्ष 2040 तक 30 मिलियन तक पहुँच सकती है।
टर्नरसुचस हिंगलेये (Turnersuchus Hingleyae )
हाल ही में जीवाश्म विज्ञानियों ने प्राचीन 'समुद्री मगरमच्छ टर्नरसुचस हिंगलेये' के जीवाश्मों की खोज की है। जो अपनी तरह का अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म हो सकता है। टेलर एंड फ्राँसिस द्वारा प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम में जुरासिक तट पर पाए गए जीवाश्मों में टर्नरसुचस हिंगलेये के सिर, रीढ़ की हड्डी जैसे अंगों का हिस्सा शामिल है। इसकी उम्र लगभग 185 मिलियन वर्ष पहले के प्रारंभिक जुरासिक, प्लिन्सबैचियन काल (Jurassic, Pliensbachian period) की मानी गई है। अपेक्षाकृत लंबे, पतले मुँह (Snouts) के कारण संभावना है कि वे वर्तमान में मौजूद घड़ियाल मगरमच्छों के समान दिखते रहे होंगे। घड़ियाल मगरमच्छ आमतौर पर उत्तरी भारत की प्रमुख नदी प्रणालियों में पाए जाते हैं। हालाँकि शोधकर्त्ताओं के अनुसार, थालाटोसुचियंस (Thalattosuchians) की खोपड़ी घड़ियाल मगरमच्छों के समान दिखती थी, लेकिन उनकी उत्पत्ति अलग तरीके हुई थी।
36वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला
हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति ने हरियाणा के फरीदाबाद में 36वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिये उपहार लेते समय स्थानीय रूप से निर्मित हस्तशिल्प वस्तुओं पर विचार करें, उन्हें वरीयता दें। यह मेला प्रतिवर्ष फरवरी महीने में सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन द्वारा केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र, संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य कुशल कारीगरों के समूहों को प्रोत्साहित करना है, ये समूह स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करते थे, लेकिन सस्ती मशीन-निर्मित नकल किये जाने की समस्या से परेशान थे। वर्ष 2023 के लिये थीम राज्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) है क्योंकि यह क्षेत्र भारत की लुक-ईस्ट और एक्ट-ईस्ट नीति में एक महत्त्वपूर्ण हितधारक है। मुद्रा योजना, वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट तथा यूनिटी मॉल जैसी पहलों के माध्यम से केंद्रीय बजट 2023-24 में PM विश्वकर्मा कौशल सम्मान की भी परिकल्पना की गई है, ताकि शिल्पकारों को उनकी कृतियों की पहुँच और गुणवत्ता का विस्तार करने में मदद मिल सके।
और पढ़ें…सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला
विहंगम ड्रोन तकनीक
महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL), कोयला मंत्रालय के तहत प्रमुख CPSE (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज़) ने ड्रोन और ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम के साथ एक वेब-आधारित पोर्टल विहंगम लॉन्च करके कोयला खदानों में ड्रोन तकनीक की शुरुआत की है। यह पोर्टल एक अधिकृत व्यक्ति को खदान के वास्तविक समय/रियल टाइम ड्रोन वीडियो का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें एक कंट्रोल स्टेशन है जिसकी सहायता से ड्रोन उड़ाया जाता है जिसे पोर्टल के माध्यम से कहीं भी संचालित किया जा सकता है। यह पायलट परियोजना वर्तमान में तलचर कोलफील्ड्स (ओडिशा) की भुवनेश्वरी और लिंगराज ओपनकास्ट खदानों में चालू है। खनन प्रक्रिया के डिजिटलाइज़ेशन के लिये खदान की पर्यावरणीय निगरानी और फोटोग्राममेट्रिक मैपिंग के लिये ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अग्निशमन और धूल दमन जैसे कठिन कार्यों को पूरा करने के लिये MCL ने अपने कोयला स्टॉकयार्ड में एक रोबोटिक नोज़ल वॉटर स्प्रेयर भी पेश किया है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (MCL) भारत में उत्पादित कुल कोयले में 20% से अधिक का योगदान देती है।
और पढ़ें…विहंगम, ड्रोन तकनीक
ऑपरेशन सद्भावना
'ऑपरेशन सद्भावना' द्वारा लद्दाख के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिये भारतीय सेना कई कल्याणकारी गतिविधियाँ चला रही है, जैसे कि आर्मी गुडविल स्कूल, इन्फ्रा-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, एजुकेशन टूर आदि। भारतीय सेना वर्तमान में लद्दाख क्षेत्र में 'ऑपरेशन सद्भावना' के तहत 7 आर्मी गुडविल स्कूल चला रही है। इन स्कूलों में वर्तमान में 2,200 से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। इस पहल के माध्यम से (वित्त वर्ष 22-23 में) लद्दाख में विभिन्न दूरदराज़ के स्थानों पर चिकित्सा शिविर, पशु चिकित्सा शिविर, चिकित्सा उपकरण, चिकित्सीय बुनियादी ढाँचे का उन्नयन के साथ चिकित्सा सहायता केंद्रों को स्टाफ भी प्रदान किये गए हैं। लद्दाख के दूरदराज़ के क्षेत्रों में महिलाओं को ऑपरेशन सद्भावना के माध्यम से वित्तपोषित व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों, महिला सशक्तीकरण केंद्रों और कंप्यूटर केंद्रों में भी शामिल किया जा रहा है।ऑपरेशन सद्भावना भारतीय सेना द्वारा शुरू की गई एक अनूठी मानवीय पहल है और आतंकवाद से प्रभावित लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु 1990 के दशक में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में इसे औपचारिक रूप प्रदान किया गया था।
विश्व खाद्य कीमतों पर FAO के निष्कर्ष
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, विश्व खाद्य कीमतों में जनवरी 2023 में लगातार 10वें महीने गिरावट आई है। FAO खाद्य मूल्य सूचकांक, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक कारोबार वाली खाद्य वस्तुओं को ट्रैक करता है, जनवरी 2023 में औसतन 131.2 अंक रहा (जबकि दिसंबर 2023 में यह 132.2 अंक था) जो सितंबर 2021 के बाद से सबसे कम है। अलग-अलग अनाज आपूर्ति और मांग अनुमानों में FAO ने वर्ष 2022 में वैश्विक अनाज उत्पादन हेतु अपने पूर्वानुमान को 2.756 बिलियन टन से बढ़ाकर 2.765 बिलियन टन कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय गेहूँ की कीमतों में 2.5% की गिरावट आई क्योंकि ऑस्ट्रेलिया एवं रूस में उत्पादन उम्मीद से अधिक हुआ। FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भूख को मिटाने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्त्व करती है। यह रोम (इटली) में स्थित संयुक्त राष्ट्र खाद्य सहायता संगठनों में से एक है। इसकी सहयोगी संस्थाएँ विश्व खाद्य कार्यक्रम और कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष (IFAD) हैं।
और पढ़ें… खाद्य और कृषि संगठन (FAO), विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक: FAO