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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 अगस्त, 2020

  • 04 Aug 2020
  • 7 min read

हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र

हिम तेंदुओं (Snow Leopards) के संरक्षण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तराखंड के उत्तरकाशी वन प्रभाग (Uttarkashi Forest Division) में भारत का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र खोला जाएगा। हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का उद्देश्य स्थानीय समुदाय की मदद से हिम तेंदुओं की रक्षा करना है, साथ ही पर्यटन के माध्यम से आसपास के गाँवों के स्थानीय लोगों को रोज़गार देना है। इस संरक्षण केंद्र की स्थापना उत्तराखंड वन विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के साथ मिलकर की जाएगी। इस केंद्र का निर्माण एक छह वर्षीय प्रोजेक्ट सिक्योर हिमालयाज़ (SECURE Himalayas) के तहत किया जाएगा, विदित हो कि वर्ष 2017 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आजीविका को सुरक्षित करने, संरक्षण तथा स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने और हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली करना है। यह प्रोजेक्ट हिमालय में पाए जाने वाले हिम तेंदुओं और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण पर भी ध्यान देता है। 

इंदिरा रसोई योजना

राजस्थान सरकार ने 20 अगस्त, 2020 से राज्य के शहरी क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना शुरू करने का निर्देश दिया है। एक अनुमान के अनुसार, राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस योजना के तहत राज्य के शहरी गरीब लोगों को मात्र 8 रुपए में गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस योजना को सार्वजनिक सेवा, पारदर्शिता और जन भागीदारी की भावना के साथ लागू किया जाना चाहिये ताकि यह देश में गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक उदाहरण बन सके। यह योजना राज्य के सभी 213 शहरी स्थानीय निकायों में चलाई जाएगी। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से शुरू हो रही इस योजना को राज्य के सभी 213 शहरी स्थानीय निकायों में शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्ज़ियाँ, 250 ग्राम चपाती और अचार परोसने का निर्णय लिया गया है। इस योजना से राज्य के तकरीबन 4.87 करोड़ लोगों के लाभान्वित होने की संभावना है। योजना के कार्यान्वयन के दौरान कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रयास को रोकने संबंधी उपायों पर भी ध्यान दिया जाएगा। 

संस्कृत दिवस 

प्रत्येक वर्ष हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा (Poornima) को संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस 03 अगस्त, 2020 को आयोजित किया गया। संस्कृत दिवस का मुख्य उद्देश्य इस प्राचीन भारतीय भाषा के पुनरुद्धार को बढ़ावा देना है। गौरतलब है कि इस दिवस का आयोजन सर्वप्रथम वर्ष 1969 में किया गया था। संस्कृत दिवस की शुरुआत इस प्राचीन भारतीय भाषा के संबंध में जागरुकता फैलाने, इससे बढ़ावा देने और इसे पुनर्जीवित करने के प्रयासों को तेज़ करने के लक्ष्य के साथ हुई थी। ध्यातव्य है कि प्रत्येक वर्ष इस दिवस के अवसर पर संस्कृत भाषा के महत्त्व और इसके प्रभाव से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किये जाते हैं। माना जाता है कि भारत में संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3500 पूर्व हुई थी। संस्कृत को लगभग सभी भारतीय भाषाओं की जननी माना जाता है और भारत में बोली जाने वाली प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। एक भाषा के तौर पर संस्कृत की खूबसूरती को इसी बात से समझा जा सकता है कि अंग्रेज़ी भाषा में जिस भाव को व्यक्त करने के लिये चार से छह शब्दों की आवश्यकता होगी उसे संस्कृत में मात्र एक शब्द के माध्यम से व्यक्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि संस्कृत को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के सबसे अनुकूल वैज्ञानिक भाषा माना जाता है।

जॉन ह्यूम

03 अगस्त, 2020 को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और उत्तरी आयरलैंड के राजनीतिज्ञ जॉन ह्यूम (John Hume) का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। अपने 30 वर्ष से भी अधिक लंबे राजनीतिक कैरियर के दौरान जॉन ह्यूम उत्तरी आयरलैंड के प्रमुख राजनेताओं में से एक रहे। वे वर्ष 1970 में सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी (SDLP) के संस्थापक सदस्य बने और वर्ष 1979 से वर्ष 2001 तक पार्टी का नेतृत्त्व भी किया। जॉन ह्यूम ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिये शुरू हुई वार्ता में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जिसके कारण वर्ष 1998 में गुड फ्राइडे समझौता (Good Friday Agreement) हुआ था। इसी समझौते के कारण उत्तरी आयरलैंड में तीन दशकों की हिंसा समाप्त हुई थी। जॉन ह्यूम का जन्म 18 जनवरी, 1937 को उत्तरी आयरलैंड में हुआ था। जॉन ह्यूम को उत्तरी आयरलैंड में किये गए उनके कार्य और शांति प्रयासों के लिये काफी सराहा गया एवं वर्ष 1998 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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