Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 04 अप्रैल, 2022 | 04 Apr 2022
अंबेडकर युवा उद्यमी-संरक्षक कार्यक्रम
अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के इच्छुक उद्यमियों की सहायता के लिये सरकार जल्द ही ‘अंबेडकर युवा उद्यमी-संरक्षक’ नामक एक ‘मेंटरशिप’ कार्यक्रम लॉन्च करेगी, जिसका उद्देश्य मौजूदा उद्योगपतियों एवं प्रबंधकों को अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के उद्यमियों की सहायता हेतु प्रेरित करना है। प्रस्तावित ‘अंबेडकर युवा उद्यमी-संरक्षक’ कार्यक्रम का लक्ष्य सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित ‘वेंचर कैपिटल फंड’ (VCF) योजना को सक्षम करने के बावजूद कौशल एवं धन जुटाने में चुनौतियों का सामना कर रहे अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के युवाओं की सहायता करना है। इस मेंटर कार्यक्रम के तहत IFCI वेंचर, जो VCF योजना की प्रबंधक कंपनी है, स्थापित और ख्याति प्राप्त व्यवसायियों या कंपनियों के प्रमुखों एवं बैंकिंग तथा वित्तीय संस्थानों के दिग्गजों को 'संरक्षक' के रूप में सूचीबद्ध करेगा। जब उम्मीदवार ‘वेंचर कैपिटल फंड’ (VCF) योजना का लाभ उठाने हेतु आवेदन करेंगे, तो IFCI उन्हें एक 'मेंटर' के साथ संलग्न करेगा, जो नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके प्रोटोटाइप बनाने में उनकी सहायता करेगा, साथ ही उन्हें समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता विकसित करने में भी मदद करेगा।
सेना चिकित्सा कोर
हाल ही में भारतीय सेना की सेना चिकित्सा कोर ने अपनी 258वीं वर्षगाँठ मनाई। सेना चिकित्सा कोर अपनी स्थापना के बाद से ही सशस्त्र कर्मियों के लिये स्क्रीनिंग और उपचार सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। प्राकृतिक आपदाओं में भी सेना चिकित्सा कोर ने आम नागरिकों की मदद के लिये चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की हैं। सेना चिकित्सा कोर की स्थापना वर्ष 1764 को बंगाल मेडिकल सर्विस के रूप में की गई थी। इसके पश्चात् वर्ष 1943 में इसे इंडियन आर्मी मेडिकल कोर के नाम से पुनः स्थापित किया गया। इंडियन आर्मी मेडिकल कोर को 3 अप्रैल, 1943 को तीन सेवाओं- इंडियन मेडिकल सर्विस, इंडियन मेडिकल डिपार्टमेंट और इंडियन हॉस्पिटल कोर को समेकित करके बनाया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात् इंडियन आर्मी मेडिकल कोर का नाम बदलकर सेना चिकित्सा कोर कर दिया गया। सेना चिकित्सा कोर वर्तमान में देश की सशस्त्र सेनाओं को देशव्यापी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर रही है। सेना चिकित्सा कोर का आदर्श वाक्य है: 'सर्वे संतु निरामया'।
मानव तस्करी रोधी प्रकोष्ठ
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मानव तस्करी रोधी एक प्रकोष्ठ की शुरुआत की है। यह प्रकोष्ठ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जागरूकता के प्रसार और उनकी क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य करेगा तथा क्षेत्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर पुलिस अधिकारियों एवं अभियोजकों को मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिये प्रशिक्षण व कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। आयोग को प्राप्त मानव तस्करी से संबंधित शिकायतों का समाधान इसी प्रकोष्ठ द्वारा किया जाएगा। साथ ही यह प्रकोष्ठ निगरानी तंत्र में सुधार करेगा और तस्करी की रोकथाम एवं पीड़ितों के पुनर्वास के लिये किये जा रहे उपायों के संबंध में सरकारी एजेंसियों को प्रोत्साहित करेगा। राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। इस आयोग का गठन 31 जनवरी, 1992 को ‘जयंती पटनायक’ की अध्यक्षता में किया गया था। आयोग में एक अध्यक्ष, एक सदस्य सचिव और पाँच अन्य सदस्य होते हैं। NCW के अध्यक्ष को केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है।
‘मंथन’ आइडियाथॉन
सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने नवाचारों को बढ़ावा देने के लिये ‘मंथन’ आइडियाथॉन लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य प्रतिभूति बाज़ार में वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) का प्रयोग कर हितधारकों के लिये महत्त्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करना है। मंथन का आयोजन छह सप्ताह की अवधि के लिये किया जाएगा। इसका आयोजन SEBI द्वारा NSE, BSE, CDSL, NSDL, CAMS, KFintech, MCX और LinkInTime के सहयोग से किया जा रहा है। यह आयोजन विभिन्न नवीन समाधानों के साथ-साथ देश के प्रतिभूति बाज़ार के इर्द-गिर्द घूमने वाले विचारों के निर्माण में मदद करेगा। ‘मंथन’ द्वारा प्राप्त विभिन्न व्यावहारिक विचारों को हैकाथॉन के माध्यम से विभिन्न प्रोटोटाइप और संभावनाओं में अपग्रेड किया जा सकता है। सेबी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित एक वैधानिक निकाय है। सेबी का मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना, प्रतिभूति बाज़ार को बढ़ावा देना तथा विनियमित करना है। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में हैं।