लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अप्रैल, 2023

  • 03 Apr 2023
  • 7 min read

मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने तस्करी की गई भारतीय मूर्तियों को लौटाया  

न्यूयॉर्क में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने घोषणा की है कि वह तस्करी और बेची गई 15 भारतीय मूर्तियों को वापस करेगा। ये कृतियाँ पहली शताब्दी ईसा पूर्व से 11वीं शताब्दी ईस्वी तक की हैं एवं इसमें टेराकोटा, ताँबा तथा पत्थर की कलाकृतियाँ शामिल हैं जैसे कि एक सेलेस्टियल डांसर (अप्सरा) जिसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर से अधिक है और 8वीं शताब्दी के प्रेम के देवता कामदेव की एक पत्थर की आवक्ष प्रतिमा। संग्रहालय ने अपनी ग्रीक और रोमन दीर्घाओं से तीन तुर्की कलाकृतियाँ को भी हटा दिया है। मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट ने पुरावशेषों की ज़िम्मेदार खरीद का पालन करने का संकल्प लिया है और नए अधिग्रहण एवं इसके मौजूदा संग्रह हेतु सख्त मानकों को लागू किया है। आज़ादी से पहले, पुरावशेष (निर्यात नियंत्रण) अधिनियम 1947 यह सुनिश्चित करने हेतु पारित किया गया था कि बिना लाइसेंस के किसी भी पुरावशेष का निर्यात नहीं किया जा सकता है। भारत में पुरावशेष और कला निधि अधिनियम, 1972 द्वारा पुरावशेष शासित होते हैं जो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI), केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के दायरे में आते हैं। 

और पढ़ें… भारत में लुप्त पुरावशेषों का खतरा

भारतीय विभाजन शरणार्थी सहायता योजना

वर्ष 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब से भारत आए 5,000 से अधिक हिंदू और सिख परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की केंद्र सरकार की योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 5,764 पात्र परिवारों में से केवल 903 को ही अनुदान प्राप्त हुआ है और शरणार्थी कार्ड जैसे मूल कागज़ात उपलब्ध नहीं होने के कारण कई दावों पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। भ्रष्टाचार तथा राजस्व अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग का भी योजना पर असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त परिवार के कई सदस्यों के बीच अनुदान राशि के बँटवारे के परिणामस्वरूप कुछ परिवारों को कम भुगतान प्राप्त हुआ है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने परिवारों को अनुदान के लिये आवेदन करने में मदद हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया परंतु कई परिवार इसमें आवश्यक दस्तावेज़ पेश नहीं कर पाए। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा किये गए रिकॉर्ड के सत्यापन के आधार पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को धन की प्रतिपूर्ति गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है। इस योजना को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें 2023-24 के बजट में इसके लिये 25 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।

और पढ़ें… भारत और शरणार्थी नीति

ह्यू एंड क्राई/हो-हल्ला (Hue and Cry): 

हाल ही में पंजाब सरकार ने भगोड़े खालिस्तान समर्थक प्रचारक अमृतपाल सिंह के खिलाफ 'ह्यू एंड क्राई नोटिस' जारी किया है। 'ह्यू एंड क्राई' वाक्यांश आमतौर पर जनता के आक्रोश से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसकी उत्पत्ति इंग्लैंड की 13वीं और 14वीं शताब्दी की पुलिसिंग प्रणाली में निहित है। वर्ष 1285 में किंग एडवर्ड प्रथम द्वारा हस्ताक्षरित 'लॉ ऑफ विंचेस्टर' ने अनिवार्य किया था कि जो भी व्यक्ति कोई अपराध देखता है, उसे न केवल इसकी रिपोर्ट करनी होगी, बल्कि पुलिस को सतर्क करने के लिये चिल्लाना होगा। 'ह्यू एंड क्राई' के नियम का सीधा सा अर्थ था कि यदि कोई संदिग्ध या अपराधी कुछ राहगीरों के सामने सड़क पर भाग रहा हो, तो उनमें से प्रत्येक को पुलिस को उसकी पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद करने के लिये चिल्लाना पड़ता था। यह सामुदायिक पुलिसिंग दृष्टिकोण छोटे समुदायों में सफल रहा और यह प्रथा भारत सहित विश्व के कुछ हिस्सों में जारी रही है, जहाँ लापता व्यक्तियों का पता लगाने या संदिग्धों की पहचान करने जैसे मामलों में सार्वजनिक सहायता लेने हेतु 'ह्यू एंड क्राई नोटिस' का उपयोग अभी भी किया जाता है। ये नोटिस विशिष्ट नियमों और प्रक्रियाओं द्वारा शासित होते हैं और मामले की गंभीरता पर बल देने तथा जनता के बीच हलचल पैदा करने के लिये संयम से उपयोग किये जाते हैं। हालाँकि समकालीन समय में 'ह्यू एंड क्राई' वाक्यांश का उपयोग कम हो गया है, लेकिन यह एक कानूनी प्रक्रिया बनी हुई है जिसका पालन अन्य राज्यों के भगोड़ों के बारे में सचेत करने के लिये किया जाना चाहिये। 

गुप्त धन

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन के गुप्त भुगतान से जुड़े आरोपों का सामना करने के लिये न्यायालय में पेश होना पड़ा। गुप्त धन उन व्यक्तियों या संस्थानों को शांत कराने या खरीदने के उपयोग को संदर्भित करता है जिनके पास उपयोगकर्त्ता की ख्याति को क्षति पहुँचाने लायक जानकारी या आरोप हो सकते हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2