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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 सितंबर, 2021

  • 01 Sep 2021
  • 7 min read

भक्तिवेदांत स्‍वामी प्रभुपाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भक्तिवेदांत स्‍वामी प्रभुपाद’ जी की 125वीं जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से 125 रुपए का विशेष स्‍मारक सिक्का जारी किया। ‘भक्तिवेदांत स्‍वामी प्रभुपाद’ ने इस्‍कॉन की स्‍थापना की थी जिसे हरे कृष्‍ण मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है। ‘इस्‍कॉन’ ने भगवद्‌ गीता और अन्‍य वैदिक साहित्‍य का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराया है और इस तरह विश्‍व भर में वैदिक साहित्‍य के प्रचार-प्रसार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘भक्तिवेदांत स्‍वामी प्रभुपाद’ का जन्म 1896 में कलकत्ता (भारत) में हुआ था। वह अपने आध्यात्मिक गुरु- ‘श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती गोस्वामी’ से पहली बार वर्ष 1922 में कलकत्ता में मिले थे। महत्त्वपूर्ण धार्मिक विद्वान और चौंसठ गौड़ीय मठों (वैदिक संस्थानों) के संस्थापक ‘भक्तिसिद्धांत सरस्वती’ ने ‘भक्तिवेदांत स्‍वामी प्रभुपाद’ को वैदिक ज्ञान सिखाने के लिये अपना जीवन समर्पित करने को राज़ी कर लिया। ‘श्रील प्रभुपाद’ की दार्शनिक शिक्षा और भक्ति को पहचानते हुए गौड़ीय वैष्णव समाज ने उन्हें वर्ष 1947 में ‘भक्तिवेदांत’ की उपाधि से सम्मानित किया। स्‍वामी प्रभुपाद ने एक सौ से अधिक मंदिरों की स्‍थापना की और विश्‍व को भक्ति योग के मार्ग की शिक्षा देने के लिये कई पुस्‍तकें लिखीं। 14 नवंबर, 1977 को अपने निधन से पूर्व उन्होंने सोसाइटी का मार्गदर्शन किया और इसे एक सौ से अधिक आश्रमों, स्कूलों, मंदिरों, संस्थानों तथा कृषि समुदायों के विश्वव्यापी संघ के रूप में विकसित होते देखा।

राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस

भारतीय समाज में छोटे और लघु उद्योगों के महत्त्व को मान्यता देने हेतु प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम लोगों को रोज़गार प्रदान करने में छोटे व्यवसायों के महत्त्व को मान्यता प्रदान करता है और उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु समर्पित है। भारत जैसे विकासशील देश में छोटे पैमाने के उद्योग आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे क्षेत्रों की सामरिक प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए इनके विकास की आवश्यकता पर विशेष बल दिया गया है। परिणामस्वरूप छोटे उद्योगों के लिये सरकारी नीतिगत सहायता की प्रवृत्ति लाभकारी रही है और छोटे उद्यमों के विकास के अनुकूल रही है। 30 अगस्त, 2000 को लघु उद्योग क्षेत्र के लिये एक व्यापक नीति पैकेज की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में छोटी फर्मों को महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करना था। 30 अगस्त, 2001 को लघु उद्योग मंत्रालय ने नई दिल्ली में लघु उद्यमियों के लिये एक ‘लघु उद्योग सम्मेलन’ आयोजित किया, साथ ही लघु उद्योग के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किये गए, तभी से प्रतिवर्ष 30 अगस्त को ‘राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस’ का आयोजन किया जाता है।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे मार्ग पर ‘टॉय-ट्रेन सफारी’ की शुरुआत

भारतीय रेलवे ने कोविड के कारण प्रभावित पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये ‘सिलीगुड़ी’ जंक्शन से पश्चिम बंगाल के ‘रोंगटोंग’ स्टेशन तक एक नियमित जंगल टी टॉय-ट्रेन सफारी शुरू करने का निर्णय लिया है। विश्व प्रसिद्ध ‘दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे’ (DHR) का संचालन करने वाले भारतीय रेलवे के ‘पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे’ (NFR) ने नई सेवा की घोषणा की है। इस मार्ग पर संचालित टॉय ट्रेन को वर्ष 1999 में यूनेस्को की 'विश्व धरोहर स्थल' सूची में शामिल किया गया था। यहाँ टॉय ट्रेन के लिये वर्ष 1889 और वर्ष 1927 के बीच निर्मित हेरिटेज स्टीम इंजनों के साथ-साथ आधुनिक डीज़ल इंजनों, दोनों का उपयोग किया जाता है, जो विदेशी पर्यटकों और घरेलू यात्रियों के बीच व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। देश में कोविड-19 महामारी के कारण लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व नियमित टॉय ट्रेन सेवाओं को निलंबित किये जाने के बाद रेलवे अधिकारी पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।

कुश्ती को गोद लेगी उत्तर प्रदेश सरकार

भारतीय कुश्ती को व्यापक पैमाने पर बढ़ावा देने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खेल को वर्ष 2032 तक गोद लेने का निर्णय लिया है और इसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार पहलवानों को बुनियादी अवसंरचना प्रदान करने तथा ओलिंपिक तक पहुँचने में खिलाड़ियों का समर्थन करने हेतु 170 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व ओडीशा सरकार ने हॉकी के खेल का समर्थन किया था, जिसके बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। इस समझौते के माध्यम से देश भर में कुश्ती खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान की जा सकेंगी और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण के लिये विदेश भी भेजा जा सकेगा। साथ ही कैडेट और जूनियर पहलवानों के प्रशिक्षण पर भी निवेश किया जा सकेगा।

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