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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 अगस्त, 2022

  • 01 Aug 2022
  • 6 min read

मुस्लिम महिला अधिकार

1 अगस्त को भारत में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस (Muslim Women Rights Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस 1 अगस्त को तीन तलाक बिल की पृष्ठभूमि में मनाया जाता है, जिसे 1 अगस्त, 2019 को संसद से मंज़ूरी मिली थी। तीन तलाक बिल, मुस्लिम महिलाओं को तलाक की शर्तों की सामाजिक बुराई की बेड़ियों से मुक्त करने में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। शाह बानो बेगम एवं अन्य बनाम मो. अहमद खान’ तथा ‘शायरा बानो बनाम भारत संघ और अन्य’ ने इस कदम की आधारशिला रखी। शायरा बानो ने अपनी रिट याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से तीन प्रथाओं तलाक-ए-बिद्दत, बहुविवाह, निकाह-हलाला को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 तथा अनुच्छेद 25 के उल्लंघन के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। तीन तलाक कानून ने ‘तीन तलाक’ को एक आपराधिक कृत्य घोषित किया। इस कानून को एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जाता है क्योंकि इसने ‘तलाक’ की प्रथा को कानूनी रूप से अपराध घोषित करके लैंगिक असमानता के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण को सुनिश्चित किया। इसलिये इस दिन को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह कानून महिलाओं की आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने का प्रयास करता है क्योंकि यह मुस्लिम महिलाओं के मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को मज़बूत करता है। तीन तलाक कानून के तहत तलाक की घोषणा को संज्ञेय अपराध (cognizable offence) माना जाएगा। इस कानून में ज़ुर्माने के साथ-साथ 3 साल के कैद की सज़ा का प्रावधान है। मिस्र वर्ष 1929 में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश था। मिस्र के बाद सूडान, पाकिस्तान (वर्ष 1956 में), मलेशिया (वर्ष 1969 में), बांग्लादेश (वर्ष 1972 में), इराक (वर्ष 1959 में) और सीरिया (वर्ष 1953 में) में भी तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया है। हाल के वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को, ईरान, साइप्रस, कतर, जॉर्डन, ब्रुनेई, अल्जीरिया तथा साथ ही भारत ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में कानून पारित होने के बाद से तीन तलाक के मामलों में 82% की कमी आई है।

शहीद उधम सिंह

हाल ही में प्रधानमंत्री ने शहीद उधम सिंह की पुण्‍यतिथि 31 जुलाई, 2022 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्‍होंने अपना सर्वस्‍व देश के लिये न्‍यौछावर कर दिया। उधम सिंह वर्ष 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में पैदा हुए, उन्हें ‘शहीद-ए-आजम’ सरदार उधम सिंह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है 'महान शहीद'। इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड से प्रभावित होकर वे क्रांतिकारी गतिविधियों और राजनीति में सक्रिय  हो गए। वे भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे। वे वर्ष 1924 में औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से प्रवासी भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1927 में क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सहयोगियों और हथियारों के साथ भारत लौटते समय उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई। 13 मार्च, 1940 को उधम सिंह ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की कैक्सटन हिल में एक बैठक में जनरल डायर के स्थान पर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी। उधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।

इंडिया हाउस

हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (RIL) ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पहली बार इंडिया हाउस स्थापित करने हेतु भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के साथ भागीदारी की है। RIL-IOA साझेदारी भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन को बढ़ाने पर केंद्रित है। साथ ही साझेदारी भविष्य में ओलंपिक खेलों की मेबानी करने एवं वैश्विक खेल राष्ट्र के रूप में भारत की साख का निर्माण करने में सहयोग करेगी। RIL एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक खेलों जैसे प्रमुख बहु-खेल आयोजनों में भारतीय एथलीटों का भी सहयोग करेगी। इसके अलावा भारत, पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले जून 2023 में मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में 140वें प्रतिष्ठित IOC सत्र की मेज़बानी करेगा। खेल शासन के भारतीय मॉडल में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (MYAS), भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), राज्य ओलंपिक संघ (SOA), राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF), भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) जैसे कई हितधारक शामिल हैं।

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