प्रारंभिक परीक्षा
रानी दुर्गावती
- 28 Jun 2023
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हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने 16वीं शताब्दी की रानी दुर्गावती, जिन्होंने मुगलों से युद्ध लड़ा था, के जीवन और विरासत को याद करने के लिये रानी दुर्गावती गौरव यात्रा नामक छह दिवसीय रैली का शुभारंभ किया।
रानी दुर्गावती:
- परिचय:
- वर्ष 1524 में महोबा के चंदेल राजवंश (वर्तमान में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की सीमा के पास) में जन्मी रानी दुर्गावती भारत की स्वाधीनता की प्रतीक थीं।
- चंदेलों को 11वीं शताब्दी में प्रसिद्ध खजुराहो मंदिरों के निर्माण के लिये जाना जाता था।
- दुर्गावती का विवाह गोंड राजा संग्राम शाह के बेटे दलपत शाह से हुआ और वर्ष 1550 में पति की मृत्यु के बाद उन्होंने बड़ी बहादुरी और साहस के साथ गढ़-कटंगा राज्य पर शासन किया।
- गढ़-कटंगा साम्राज्य में नर्मदा घाटी का क्षेत्र और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल थे।
- गोंड जनजाति मध्य भारत की एक प्रमुख जनजाति है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और दृढ़ता के लिये जानी जाती है।
- सरकार के अभिलेखों के अनुसार, रानी ने 16 वर्षों तक राजकीय कार्यभार संभाला।
- वर्ष 1524 में महोबा के चंदेल राजवंश (वर्तमान में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश की सीमा के पास) में जन्मी रानी दुर्गावती भारत की स्वाधीनता की प्रतीक थीं।
- गढ़-कटंगा पर मुगल आक्रमण:
- गढ़-कटंगा की बहादुर रानी दुर्गावती ने 16वीं शताब्दी के मध्य में मुगल साम्राज्य के विस्तार का विरोध किया।
- रानी दुर्गावती ने अकबर के सेनापति आसफ खान और पड़ोसी मालवा के सुल्तान बाज बहादुर के विरुद्ध लड़ाई में मज़बूत नेतृत्व का प्रदर्शन किया। प्रारंभ में अपने राज्य पर आसफ खान के हमले के विरुद्ध लड़ाई में जीत हासिल की।
- हालाँकि बाद में मुगलों ने फिर से संगठित होकर उनकी सेना पर विजय प्राप्त कर ली, जबकि रानी दुर्गावती ने आत्मसमर्पण करने के बजाय अपने प्राण त्यागने का निर्णय लिया।
- विरासत और पहचान:
- एक देशभक्त शासक के रूप में प्रतिष्ठित वह भारत की स्वाधीनता की प्रतीक थीं।
- अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फज़ल ने उन्हें सुंदरता, अनुग्रह, साहस और बहादुरी के संयोजन के रूप में वर्णित किया है।
- उन्हें बलिदान एवं संस्कृति के रक्षक के रूप में याद किया जाता है।