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'रामसे हंट सिंड्रोम'

  • 13 Jun 2022
  • 6 min read

हाल ही में पॉप सिंगर जस्टिन बीबर ‘रामसे हंट सिंड्रोम’ से प्रभावित हो गए हैं। 

रामसे हंट सिंड्रोम: 

  • परिचय: 
    • रामसे हंट सिंड्रोम, जिसे ‘हरपीज ज़ोस्टर ओटिकस’ के नाम से भी जाना जाता है, चेहरे की तंत्रिका के ‘जीनिकुलेट गैंग्लियन’ (7वीं कपाल तंत्रिका) पर एक वायरस का संक्रमण है, ये तब होता है जब संक्रमण चेहरे की तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। 
    • इससे नसों में सूजन हो जाती है, तो वे कार्य करने की क्षमता खो देती हैं, जिससे अस्थायी रूप से चेहरे पर पक्षाघात हो जाता है। 
      • शरीर में 12 कपाल तंत्रिकाएँ होती हैं। ‘रामसे हंट सिंड्रोम’ एक वायरल संक्रमण है जो चेहरे की गतिविधियों में शामिल 7वीं कपाल तंत्रिका को प्रभावित करता है। 
    • हर 1,00,000 लोगों में से केवल पाँच से 10 लोग ही हर साल ‘रामसे हंट सिंड्रोम’ से ही प्रभावित होते हैैं, जिससे यह एक अत्यंत दुर्लभ विकार बन जाता है। 
  • कारण:  
    • रामसे हंट सिंड्रोम वैरीसेला ज़ोस्टर वायरस (Varicella Zoster Virus) के पुनर्सक्रियन (Reactivation) होने के कारण होता है जो पहले रोगी में चिकनपॉक्स (Chickenpox) और दाद (Shingles) का कारण बना है। 
    • यह वायरस हर्पीसवायरस समूह से संबंधित है जो शरीर में एक गुप्त या अप्रत्यक्ष संक्रमण (Latent Infection) के रूप में पाया जा सकता है। 
    • वैरीसेला ज़ोस्टर वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के कमज़ोर होने के कारण पुनः सक्रिय हो सकता है। 
    • हालाँकि यह एक संक्रामक रोग नहीं है, लेकिन उन लोगों में यह चिकनपॉक्स का कारण हो सकता है जिन्हें इस बीमारी का टीका नहीं लगाया गया है 
  •  लक्षण: 
    • यह रोग लाल रंग के पैच के रूप में शुरू होता है जो लगातार पैच के दानों में सूजन का कारण बन है। कभी-कभी दाने प्रभावित तंत्रिका के साथ ईयरड्रम, ईयर कैनाल, ईयर लोब, जीभ और मुंँह तक को प्रभावित कर सकते हैं। 
  • उपचार: 
    • आमतौर पर इस स्थिति का इलाज करने हेतु एंटीवायरल थेरेपी (Antiviral Therapies) और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग) का उपयोग किया जाता है।   

विगत वर्षों के प्रश्न  

प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 

  1. एडेनोवायरस में सिंगल-स्ट्रैंडेड डीएनए जीनोम होते हैं जबकि रेट्रोवायरस में डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए जीनोम होते हैं।
  2. कभी-कभीसामान्य सर्दी एडेनोवायरस के कारण होती है जबकि एड्स रेट्रोवायरस के कारण होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • वायरस संक्रामक कण होते हैं जो यूकेरियोटिक और प्रोकैरियोटिक होस्ट दोनों को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं। वे होस्ट विशिष्ट रोगजनक होस्ट हैं जिससे कई बीमारियों के एजेंट माने जाते हैं। मानव होस्ट को संक्रमित करने वाले वायरस को एडेनोवायरस एवं रेट्रोवायरस के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। 
  • एडेनोवायरस एक प्रकार का वायरस है जिसमें कोई एनवेलप (envelope) नहीं होता है जबकि रेट्रोवायरस को एनवेलप (envelope) वायरस के रूप में जाना जाता है। एडेनोवायरस में डबल-स्ट्रैंडेड लीनियर डीएनए होता है और ये दो प्रमुख कोर प्रोटीन से जुड़े होते हैं। एक रेट्रोवायरस एक वायरस है जो आरएनए को अपनी आनुवंशिक सामग्री के रूप में उपयोग करता है। जब एक रेट्रोवायरस किसी कोशिका को संक्रमित करता है, तो वह अपने जीनोम की एक डीएनए प्रतिलिपि बनाता है जिसे होस्ट कोशिका के डीएनए में स्थांतरित करता है। अतः कथन 1 सही नहीं है। 
  • एडेनोवायरस आम वायरस हैं जो कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं। इनसे सर्दी, बुखार, गले में खराश, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, दस्त, और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis) आदि समस्याएँ होतीे हैं। जबकि, रेट्रोवायरस कई मानव रोगों जैसे कैंसर और एड्स के कुछ रूप का कारण बन सकते हैं। अत: कथन 2 सही है। 

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। 

स्रोत-इंडियन एक्सप्रेस 

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