प्रारंभिक परीक्षा
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2025
- 13 Nov 2024
- 5 min read
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2025 में उच्च शिक्षा के संदर्भ में भारत की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें भारत के शीर्ष 50 में 2 संस्थान और शीर्ष 100 में 7 संस्थान शामिल हैं। यह एशिया भर में भारतीय संस्थानों की बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा को दर्शाता है।
QS एशिया रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन कैसा है?
- उच्च शिक्षा में उन्नति: शीर्ष 50 में भारत के 2 संस्थान हैं, जिनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT-D) 44 वें स्थान पर तथा IIT बॉम्बे 48 वें स्थान पर है, जिससे एशिया की उच्च शिक्षा में इनकी प्रमुखता पर प्रकाश पड़ता है।
- इसके अतिरिक्त शीर्ष 100 में 5 भारतीय संस्थान शामिल हैं अर्थात IIT मद्रास (56वें स्थान पर), IIT खड़गपुर (60वें स्थान पर), भारतीय विज्ञान संस्थान (62वें स्थान पर), IIT कानपुर (67वें स्थान पर) तथा दिल्ली विश्वविद्यालय (81वें स्थान पर)।
- अन्य उल्लेखनीय संस्थान जैसे IIT गुवाहाटी, IIT रुड़की, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भारत की अकादमिक उत्कृष्टता पर प्रकाश डालते हैं, इनमें से कई संस्थान विश्व स्तर पर शीर्ष 150 में स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
- भारत की रैंकिंग में वृद्धि के पीछे प्रमुख कारक: भारत का मज़बूत प्रदर्शन उच्च शोध उत्पादकता से प्रेरित है जिसमें अन्ना विश्वविद्यालय जैसे संस्थान प्रति संकाय शोधपत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
- अकादमिक उत्कृष्टता पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जहाँ कई विश्वविद्यालयों में उच्च पीएचडी स्टाफ है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क में भी वृद्धि हो रही है जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में वृद्धि, जिससे इसकी वैश्विक मान्यता बढ़ी है।
भारत के शिक्षा क्षेत्र के संदर्भ में QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग के निहितार्थ
- वैश्विक मान्यता: भारतीय विश्वविद्यालयों की बेहतर रैंकिंग से उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ने के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छात्र और शिक्षक आकर्षित होते हैं। यह मान्यता भारत को उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक है।
- भारत के शैक्षिक क्षेत्र में काफी उन्नति हुई है यहाँ के 46 संस्थान QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में शामिल हुए हैं जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या केवल 11 थी, यानी पिछले दशक से 318% की वृद्धि हुई है।
- FDI: उन्नत शैक्षिक मानक और वैश्विक मान्यता से शिक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि हो सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा एवं रोज़गार के अधिक अवसर सृजित होंगे।
- बेहतर शैक्षणिक मानक: उच्च रैंकिंग की आशा से भारतीय विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक मानकों में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित होते हैं जिसमें पाठ्यक्रम विकास, शिक्षण पद्धतियाँ और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 जैसी शैक्षिक नीतियाँ शामिल हैं। इससे एक अधिक मज़बूत एवं प्रतिस्पर्द्धी शैक्षिक ढाँचा सुनिश्चित होता है।
क्वाक्वेरेली साइमंड्स
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) एक लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक है जो अपनी व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के लिये जाना जाता है।
- यह चार व्यापक श्रेणियों में छह संकेतकों के आधार पर विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करता है: अनुसंधान प्रतिष्ठा, सीखने और पढ़ाने का वातावरण, अनुसंधान प्रभाव और अंतर्राष्ट्रीयकरण।