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क्वाक्वेरेली साइमंड्स विश्व रैंकिंग 2024

  • 28 Jun 2023
  • 4 min read

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे ने क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में विश्व के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में जगह बनाकर एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि आठ वर्ष बाद प्राप्त हुई है जब भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बंगलूरू ने इसी प्रकार की उपलब्धि हासिल की थी।

  • हालाँकि रैंकिंग सूची में उतार-चढ़ाव देखा गया है तथा IISc में 70 स्थान की गिरावट दर्ज की गई है। इन परिवर्तनों का श्रेय यूनाइटेड किंगडम स्थित रैंकिंग एजेंसी क्वाक्वेरेली साइमंड्स द्वारा पेश किये गए संशोधित रैंकिंग मापदंडों को दिया जाता है।

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के मुख्य बिंदु:

  • वैश्विक रैंकिंग अवलोकन:
    • मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने लगातार बारहवीं बार विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
    • नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर शीर्ष 10 में प्रवेश करने वाला पहला एशियाई विश्वविद्यालय बन गया है।
  • क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालय:
    • 45 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के साथ भारत विश्व स्तर पर सातवाँ सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश है।
    • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर 149वाँ स्थान हासिल करते हुए IIT बॉम्बे ने अब तक की अपनी सर्वोच्च रैंक हासिल की है।
      • IIT बॉम्बे ने रोज़गार प्रतिष्ठा और प्रति संकाय शोध में उत्कृष्टता प्रदर्शित की है। प्रति संकाय शोध में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, यह 55.1 से बढ़कर 73.1 हो गई है।
    • दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में पहली बार शामिल हुए हैं।

क्यूएस में संशोधित रैंकिंग पैरामीटर:

  • क्यूएस ने तीन नए संकेतक प्रस्तुत किये: स्थिरता, रोज़गार परिणाम और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, प्रत्येक का भार 5% है।
  • समायोजन वर्तमान मापदंडों: शैक्षणिक प्रतिष्ठा, संकाय-छात्र अनुपात तथा नियोक्ता प्रतिष्ठा के अनुसार किया गया।
  • संकाय-छात्र अनुपात के लिये वेटेज में कमी।
  • भारतीय संस्थाओं पर प्रभाव:
    • संकाय-छात्र अनुपात वेटेज में कमी से भारतीय संस्थानों को समग्र रूप से लाभ होता है।
    • हालाँकि IISc जैसे अनुसंधान-केंद्रित संस्थानों को वेटेज में कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
    • रोज़गार परिणाम संकेतक कई भारतीय संस्थानों को लाभान्वित करते हैं।

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग:

  • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रतिवर्ष क्वाक्वेरेली साइमंड्स द्वारा जारी की जाती है।
  • इस रैंकिंग में विश्व भर के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है।
  • यह कार्यप्रणाली शैक्षणिक प्रतिष्ठा, संकाय-छात्र अनुपात, नियोक्ता प्रतिष्ठा, स्थिरता, रोज़गार परिणाम, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, प्रति संकाय उद्धरण, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात जैसे संकेतकों पर विचार करती है।
  • इसके तहत विषय, क्षेत्र, छात्र शहर, बिज़नेस स्कूल और स्थिरता के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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