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पुरुलिया छऊ

  • 17 Feb 2024
  • 1 min read

हाल ही में केरल के कोझिकोड में पुरुलिया छऊ, एक लोक नृत्य, प्रस्तुत किया गया था। 

  • छऊ आदिवासी और लोक मूल के समन्वय वाला पूर्वी भारत का एक अर्ध-शास्त्रीय नृत्य रूप है। इसके प्रदर्शन में कलाबाज़ी से लेकर मार्शल-आर्ट तक शामिल होते हैं और इसमें ऐसे नृत्य भी शामिल होते हैं जो धार्मिक विषयों के आधार पर संरचित होते हैं। 
  • पुरुलिया छऊ नाम बंगाल के पुरुलिया ज़िले से आया है जो छऊ का गढ़ है। यह छऊ नृत्य की तीन अलग-अलग शैलियों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है, अन्य दो झारखंड से सरायकेला छऊ और ओडिशा से मयूरभंज छऊ हैं।. 
    • वेशभूषा विभिन्न शैलियों के बीच अलग-अलग होती है, पुरुलिया और सेराकेला पात्रों की पहचान करने के लिये मुखौटे का उपयोग करते हैं। 
  • इसे 2010 में यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था।

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