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पराली दहन के विरुद्ध पंजाब का रणनीतिक प्रयास

  • 11 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: TOI

पराली दहन की समस्या से निपटने के प्रयास को गति देने की दिशा में पंजाब सरकार द्वारा बेलर मशीनों के आयात की सुविधा प्रदान करके सब्सिडी वाली फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें (CRM) स्थापित की जा रही हैं।

  • पंजाब का लक्ष्य इन-सीटू/स्वस्थाने और एक्स-सीटू/बाह्य स्थाने CRM पद्धतियों का विस्तार करके धान के 20 मिलियन मीट्रिक टन अवशेषों/पराली का प्रबंधन करना है। गत वर्ष पराली दहन की घटनाएँ घटकर 35,000 के स्तर पर पहुँच गई, जो कोविड-पूर्व स्तर से कम है।
  • राज्य द्वारा इस सीज़न में 22,000 सब्सिडी वाली CRM मशीनें वितरित की जाएँगी, जो वर्ष 2018 से पूर्व प्रदान की गई 1,30,000 मशीनों के अतिरिक्त होंगी। CRM उपकरणों के लिये किसानों को व्यक्तिगत तौर पर 50% सब्सिडी दी जाती है, जबकि सहकारी समितियाँ, किसान उत्पादक संगठन और पंचायतें 80% सब्सिडी हेतु पात्र हैं।
  • नवंबर 2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद राज्य सरकार ने उल्लंघन के लिये जुर्माना और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई सहित सख्त नियम लागू किये।
    • सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान) से पराली दहन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। 
    • न्यायालय ने राज्य सरकारों को तत्काल फसल अवशेष अर्थात् पराली दहन पर रोक लगाने का निर्देश दिया, साथ ही यह भी कहा कि पराली दहन के खिलाफ लड़ाई राजनीतिक नहीं होनी चाहिये तथा इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी एवं संधारणीय कृषि के दृष्टिकोण से किया जाना चाहिये। 

और पढ़ें: पराली दहन पर रोक

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