रैपिड फायर
MWPSC अधिनियम, 2007 के तहत संपत्ति की बहाली
- 04 Jan 2025
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण एवं कल्याण (MWPSC) अधिनियम, 2007 पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि यदि बच्चे अपने देखभाल संबंधी दायित्वों में लापरवाही बरतते हैं तो न्यायाधिकरण माता-पिता को संपत्ति लौटाने के लिये सशक्त हो सकते हैं।
- MWPSC अधिनियम 2007 की धारा 23 न्यायाधिकरणों को संपत्ति हस्तांतरण को शून्य घोषित करने की अनुमति देती है, यदि हस्तांतरितकर्त्ता सहमत बुनियादी आवश्यकताओं को प्रदान करने में विफल रहता है।
- यदि कोई वरिष्ठ नागरिक इन अधिकारों को लागू नहीं कर सकता, तो एक अधिकृत संगठन (ट्रिब्यूनल) उनकी ओर से कार्य कर सकता है।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रशासित MWPSC अधिनियम 2007, वृद्ध नागरिकों को वैधानिक संरक्षण प्रदान करता है, तथा यदि वे स्वयं अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं तो उन्हें बच्चों या विधिक उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग करने की अनुमति देता है।
- MWPSC अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ: इस अधिनियम को कुशल प्रसंस्करण के लिये ज़िला और उप-मंडल स्तर पर न्यायाधिकरणों एवं अपीलीय न्यायाधिकरणों के माध्यम से लागू किया जाता है।
- न्यायाधिकरण भरण-पोषण राशि का भुगतान न करने वाले व्यक्तियों पर ज़ुर्माना लगा सकते हैं या कारावास का आदेश दे सकते हैं।
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देखभालकर्त्ताओं द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को त्यागने पर ज़ुर्माना या 3 माह तक कारावास हो सकता है।
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