लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 21 दिसंबर,2020

  • 21 Dec 2020
  • 7 min read

बंदर पुनर्वास केंद्र

Monkey Rehabilitation Centre

हाल ही में तेलंगाना में बंदरों के लिये एक बचाव और पुनर्वास केंद्र (Monkey Rehabilitation Centre) की स्थापना की गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह प्राइमेट के लिये देश में इस प्रकार का दूसरा ऐसा केंद्र है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में ऐसा केंद्र स्थापित किया गया था।
    • प्राइमेट के अंतर्गत ऐसे समूह के स्तनपायी आते हैं जिसमें लीमर (Lemurs), लॉरीज़ (Lorises), टार्सियर (Tarsiers), बंदर, वानर (Apes) और मनुष्य शामिल हैं।
  • इससे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में बंदरों (रीसस मैकाक) को ‘वर्मिन’ घोषित किया था।
    • इसके तहत स्थानीय अधिकारियों को एक वर्ष तक शिमला में कुछ चिह्नित गैर-वन क्षेत्रों में इस जानवर को मारने की अनुमति दी गई।
    • राज्य सरकार ने जंगलों के बाहर इस प्रजाति की अधिकता के कारण बड़े पैमाने पर कृषि को क्षति पहुँचने सहित जीवन और संपत्ति के नुकसान की भी सूचना दी।
    • रीसस मैकाक (Rhesus Macaque) बंदर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है। यदि यह मानव जीवन या संपत्ति के लिये खतरा होता है, तो कानून एक विशिष्ट अवधि के लिये इसे ’वर्मिन’ घोषित करके इसका शिकार करने की अनुमति देता है।
  • वर्मिन पशु:
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 62 के अनुसार, राज्यों द्वारा केंद्र को वन्यजीवों की एक सूची भेजी जाती है, जिसमें यह अनुरोध किया जाता है कि चयनित पशु को वर्मिन घोषित कर उसके वध की अनुमति दी जाए।
    • वन्यजीव कानून में प्रजातियों को I से V तक अनुसूचियों में विभाजित किया गया है। अधिनियम की अनुसूची 1 और अनुसूची 2 के दूसरे भाग वन्य जीवों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसलिये इसमें कठोरतम सज़ा का प्रावधान है।
    • जंगली सूअर, नीलगाय और रीसस मैकाक अनुसूची II और III के तहत संरक्षित हैं, परंतु विशिष्ट परिस्थितियों में इनका शिकार किया जा सकता है।

गोवा मुक्ति दिवस

Goa Liberation Day

प्रधानमंत्री ने गोवा के लोगों को गोवा मुक्ति दिवस (Goa Liberation Day) पर शुभकामनाएँ दीं, यह प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को मनाया जाता है।

Goa-Liberation-Day

प्रमुख बिंदु:

  • वर्ष 1961 में भारतीय सशस्त्र बलों ने 450 साल के पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराया था उसी की याद में यह दिवस मनाया जाता है।
    • पुर्तगालियों ने वर्ष 1510 में भारत के कई हिस्सों पर अपना उपनिवेश स्थापित किया परंतु 19वीं शताब्दी के अंत तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश केवल गोवा, दमन व दीव, दादरा एवं नगर हवेली और अंजेडिवा द्वीप तक ही सीमित रह गया।
    • जैसे ही भारत ने 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की उसने पुर्तगालियों से अपने क्षेत्र को वापस लौटाने का अनुरोध किया परंतु पुर्तगालियों ने ऐसा करने से मना कर दिया।
    • गोवा मुक्ति आंदोलन ने पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन को समाप्त करने की मांग की और यह आंदोलन छोटे पैमाने पर एक विद्रोह के साथ शुरू हुआ लेकिन वर्ष 1940 से 1960 के बीच यह अपने चरम पर पहुँच गया
  • राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारतीय नौसेना, वायु सेना और थल सेना द्वारा गोवा में ‘ऑपरेशन विजय' चलाकर 19 दिसंबर,1961 को यह राज्य पुर्तगालियों से मुक्त करा लिया गया।
    • 30 मई, 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य तथा दमन व दीव को केंद्रशासित प्रदेश का दर्ज़ा दिया गया।
    • इसलिये 30 मई के दिन को गोवा के राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गोवा के संबंध में:

  • यह कोंकण क्षेत्र के भीतर भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है, और भौगोलिक रूप से दक्कन उच्च भूमि से पश्चिमी घाट द्वारा अलग होता है।
  • राजधानी: पणजी।
  • आधिकारिक भाषा: कोंकणी।
    • कोंकणी आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से एक है।
    • इसे इस सूची में मणिपुरी और नेपाली के साथ वर्ष 1992 के 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था।
  • सीमाएँ: यह उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व और दक्षिण में कर्नाटक से घिरा हुआ है तथा अरब सागर इसके पश्चिमी तट का निर्माण करता है।
  • भौगोलिक विशेषताएँ:
    • गोवा का उच्चतम बिंदु सोंसोगोर (Sonsogor) है।
    • गोवा के उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है, राज्य की अन्य प्रमुख नदियों में मांडवी, जुआरी, चपोरा, रखोल, गलगिबाग, कुम्बरजुआ नहर, तलपोना और साल आदि शामिल हैं।
    • गोवा की अधिकांश मृदा का आवरण लेटराइट से बना है।
  • वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान:
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2