राष्ट्रपति की स्लोवाक गणराज्य की यात्रा | 16 Apr 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्लोवाक गणराज्य (जिसे स्लोवाकिया के नाम से भी जाना जाता है) की यात्रा 29 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली यात्रा थी, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना था।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सार्वजनिक सेवा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय में उनके योगदान के लिये स्लोवाकिया में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
भारत-स्लोवाक गणराज्य संबंध:
- व्यापार संबंध: वर्ष 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 1.28 बिलियन यूरो को पार कर गया, जिससे भारत ने अनुकूल व्यापार संतुलन बनाए रखा।
- स्लोवाकिया को भारत के प्रमुख निर्यातों में मोबाइल फोन, जूते, वस्त्र, मोटर वाहन पार्ट्स, दवाएँ शामिल हैं।
- स्लोवाकिया द्वारा भारत को किये जाने वाले प्रमुख निर्यातों में मोटर वाहन, मशीनरी, पंप, ट्रांसमिशन शाफ्ट शामिल हैं।
- भारत-स्लोवाकिया वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिये वर्ष 1995 में एक संयुक्त आर्थिक समिति (JEC) की स्थापना की गई।
- अंतरिक्ष सहयोग: पहला स्लोवाक उपग्रह, SKcube, वर्ष 2017 में भारतीय PSLV-XL पर लॉन्च किया गया था।
- परमाणु सहयोग: भारत और स्लोवाकिया के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- स्लोवाक गणराज्य: यह मध्य यूरोप में एक स्थल-रुद्ध देश है। इसकी सीमा दक्षिण में हंगरी, उत्तर में पोलैंड, उत्तर-पश्चिम में चेक गणराज्य, पश्चिम में ऑस्ट्रिया और पूर्व में यूक्रेन से लगती है।
- वेलवेट रिवोल्यूशन (वर्ष 1989) ने चेकोस्लोवाकिया में साम्यवादी शासन को समाप्त कर दिया और वर्ष 1993 में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया में देश का शांतिपूर्ण विघटन हुआ (जिसे अक्सर "वेलवेट डिवोर्स" के रूप में जाना जाता है)।
- स्लोवाकिया एक उच्च आय वाली विकसित अर्थव्यवस्था है जिसकी राजधानी ब्रातिस्लावा है और यह संसदीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली का पालन करती है।
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