प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 8 मई, 2020
- 08 May 2020
- 13 min read
बिष्णु सेंदरा पर्व
BISHNU SENDRA PARVA
झारखंड के ‘दलमा वन्यजीव अभयारण्य’ (Dalma Wildlife Sanctuary-DWS) के वन अधिकारियों ने बताया कि 4 मई, 2020 को पहली बार ऐतिहासिक रूप से ‘बिष्णु सेंदरा पर्व’ (BISHNU SENDRA PARVA) के अवसर पर झारखंड में एक भी शिकार नहीं किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- ‘बिष्णु सेंदरा पर्व’ झारखंड, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के आदिवासियों द्वारा मनाया जाने वाला एक वार्षिक शिकार उत्सव है।
- इस वर्ष आदिवासियों ने अपने घरों में ही रहकर सदियों पुराने इस पर्व का जश्न मनाया क्योंकि COVID-19 के कारण झारखंड राज्य में लाॅकडाउन शुरू है।
- गौरतलब है कि लॉकडाउन जारी रहने के कारण कई आदिवासी शिकारी इस पर्व के अवसर पर जानवरों का शिकार करने के लिये जंगलों तक नहीं पहुँच पाए।
दलमा वन्यजीव अभयारण्य
(Dalma Wildlife Sanctuary):
- दलमा वन्यजीव अभयारण्य, झारखंड राज्य में दलमा पहाड़ियों की श्रंखलाओं पर स्थित है।
- यह अभयारण्य जमशेदपुर से लगभग 13 किलोमीटर और रांची शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है।
- यह झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूमि एवं सरायकेला-खरसावां ज़िलों में लगभग 195 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इस अभयारण्य का उद्घाटन वर्ष 1975 में संजय गांधी द्वारा किया गया था।
- इस अभयारण्य के प्राकृतिक आवास में भारतीय हाथी, भौंकने वाले हिरण, स्लोथ बीयर(Sloth Bear) एवं साहिल जैसे जंगली जानवर प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
- इस अभयारण्य की दलमा पहाड़ी के ऊपर भगवान शिव का एक मंदिर अवस्थित है जहाँ शिवरात्रि के दिन प्रार्थना सभा का आयोजन होता है। यह मंदिर पर्यटक आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
वंदे भारत मिशन और ऑपरेशन समुद्र सेतु
Vande Bharat Mission and Operation Samudra Setu
हाल ही में भारत सरकार ने COVID-19 के मद्देनज़र लाॅकडाउन जैसी स्थिति के कारण विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) और ऑपरेशन समुद्र सेतु (Operation Samudra Setu) प्रारंभ किया है।
वंदे भारत मिशन
(Vande Bharat Mission):
- इस मिशन के अंतर्गत विदेशों में फंसे लगभग 15000 भारतीय नागरिकों को वापस भारत लाया जाएगा।
- इसके लिये भारत सरकार द्वारा 7-13 मई तक 64 हवाई उड़ानों का संचालन किया जाएगा।
- इस मिशन के तहत विदेश से लगभग 2000 लोग रोजाना भारत वापस आयेंगे।
- वर्ष 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से 1.7 लाख लोगों के निकासी ऑपरेशन के बाद यह मिशन अब तक का सबसे बड़ा निकासी ऑपरेशन हो सकता है।
ऑपरेशन समुद्र सेतु
(Operation Samudra Setu):
- भारतीय नौसेना ने राष्ट्रीय प्रयास के एक भाग के रूप में विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ (Operation Samudra Setu) लॉन्च किया है।
- इस निकासी अभियान के प्रथम चरण में भारतीय नौसैनिक पोत जलशवा (Jalashwa) एवं मगर (Magar) महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
- INS जलशवा, नौसेना का सबसे बड़ा एम्फिबियस प्लेटफॉर्म है और यह विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय के अंतर्गत आता है।
- INS मगर, भारतीय नौसेना में ‘मगर श्रेणी’ के एम्फिबियस युद्धपोतों में एक प्रमुख जहाज़ है।
- इस ऑपरेशन के तहत 08 मई, 2020 को शुरू हो रही पहली यात्रा के दौरान लगभग 1000 लोगों को वापस लाने की योजना बनाई गई है।
फ्लाइटनाउ-इंटरनेट ऑफ ड्रोन प्लेटफॉर्म
FlytNow- Internet of Drones (IoD) platform
हाल ही में एक ड्रोन ऑटोमेशन कंपनी ‘फ्लाइटबेस’ (FlytBase) ने ‘फ्लाइटनाउ-इंटरनेट ऑफ ड्रोन प्लेटफॉर्म’ (FlytNow- Internet of Drones (IoD) platform) विकसित किया है जो क्लाउड-आधारित व्यावसायिक अनुप्रयोगों के साथ ड्रोन के ‘इंटेलीजेंट फ्लीट्स’ के सहज एकीकरण की अनुमति देता है।
प्रमुख बिंदु:
- ‘इंटरनेट ऑफ ड्रोन (IoD) प्लेटफॉर्म’ पुलिस अधिकारियों को कई ड्रोन के माध्यम से उनके नियंत्रण कक्ष में ‘मल्टी-वीडियो लाइव स्ट्रीमिंग’ की सुविधा प्रदान करता है।
- इस प्रकार यह प्लेटफॉर्म पुलिस विभाग को स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करता है तथा उन्हें आपात स्थितियों हेतु त्वरित प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाता है।
- COVID-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में भी फ्लाइटनाउ ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने के लिये सक्षम बनाया है।
- वर्तमान में इसका उपयोग महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों की पुलिस द्वारा किया जा रहा है।
‘फ्लाइटबेस’ (FlytBase):
- ‘फ्लाइटबेस’ (FlytBase) पुणे स्थित एक स्टार्ट-अप है जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology) द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
बुद्ध पूर्णिमा
Buddha Purnima
7 मई को देशभर में बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) मनाई गई।
प्रमुख बिंदु:
- इस बार देशभर में बुद्ध पूर्णिमा 7 मई, 2020 को मनाई गई। बुद्ध पूर्णिमा का दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख (अप्रैल या मई) महीने की पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र) को संदर्भित करता है।
- बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती है।
- बुद्ध पूर्णिमा को दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में वेसाक (Vesak) के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन भगवान बुद्ध के जन्म, मृत्यु और साथ ही आत्मज्ञान की याद दिलाता है।
गौतम बुद्ध:
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के लुंबिनी नामक स्थान पर हुआ था जो भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है।
- इनकी जन्मदात्री मायादेवी थी जबकि मायादेवी की मृत्यु के बाद इनका लालन-पालन सौतेली माता प्रजापति गौतमी ने किया था।
- इनके पिता शाक्य गण के प्रमुख थे। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
- इनका विवाह 16 वर्ष की अवस्था में यशोधरा के साथ हुआ। इनके पुत्र का नाम राहुल था।
- सांसारिक समस्याओं से व्यथित होकर सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया, जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया है।
- गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ के प्रथम गुरु वैशाली के आलारकलाम थे जिन्होंने इनको सांख्य दर्शन की शिक्षा दी। आलार कलाम के बाद सिद्धार्थ के दूसरे गुरु राजगीर के रुद्रकरामपुत्त थे।
- 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा की रात को निरंजना नदी के किनारे पीपल के वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई जिसके बाद सिद्धार्थ गौतम बुद्ध कहलाए और वह स्थान बोधगया के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
- ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ (ऋषिपत्तनम्) में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया।
- गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश जनसाधारण की भाषा ‘पाली’ में दिये।
- 80 वर्ष की अवस्था में 483 ईसा पूर्व में कुशीनारा (देवरिया, उत्तरप्रदेश) में गौतम बुद्ध ने देह त्याग दिया जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया है।
- बौद्ध धर्म में प्रमुख संप्रदाय हीनयान, थेरवाद, महायान, वज्रयान और नवयान हैं किंतु सभी बौद्ध संप्रदाय बुद्ध के सिद्धांतों को ही मानते हैं।
गौरतलब है कि बुद्ध पूर्णिमा प्रत्येक वर्ष मई महीने में मनाई जाती है किंतु दिलचस्प बात यह है कि बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति एवं उनका महापरिनिर्वाण भी मई के महीने में पूर्णिमा के दिन हुआ था
नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य
Netravali wildlife sanctuary
6 मई, 2020 को गोवा के मुख्यमंत्री ने नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य (Netravali Wildlife Sanctuary) में पहली बार ‘ब्लैक पैंथर’ (Black Panther) की उपस्थिति के बारे में बताते हुए उसकी एक तस्वीर ट्वीट की।
प्रमुख बिंदु:
- नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य पूर्वी गोवा के सुंगुम तालुका में काली नदी के बेसिन में स्थित है।
- नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य के उत्तर में ‘भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य’ और दक्षिण में ‘कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य’ स्थित है।
- यह अभयारण्य लगभग 211 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में विस्तृत है।
- नेत्रावली या नेतुरली (Neturli), जुआरी नदी की एक महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है जिसका उद्गम इस अभयारण्य में होता है।
- इस वन्यजीव अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण में ब्लैक पैंथर (Black Panther), विशालकाय गिलहरी (Giant Squirrel), स्लेंडर लोरिस (Slender Loris), ग्रेट पाइड हॉर्नबिल्स (Great Pied Hornbills) आदि शामिल हैं।
ब्लैक पैंथर (Black Panther):
- ‘ब्लैक पैंथर’ किसी भी पैंथेरा (Panthera), विशेष रूप से एशिया एवं अफ्रीका में तेंदुए तथा अमेरिका में जगुआर का मेलानिस्टिक (Melanistic) रूप है।
- पैंथेरा, फेलिडे (Felidae) परिवार के अंतर्गत एक वर्ग है जिसे वर्ष 1816 में लॉरेंज़ ओकेन (Lorenz Oken) ने नामित एवं वर्णित किया था जिन्होंने इस समूह में सभी चित्तीदार बिल्लियों को रखा था।
- मेलानिस्टिक (Melanistic) शब्द काले वर्णक को संदर्भित करता है। यह त्वचा या बालों में गहरे रंग के पिगमेंट मेलानिन (Melanin) की वृद्धि के कारण होता है।