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प्रिलिम्स फैक्ट: 31 मई, 2021

  • 31 May 2021
  • 3 min read

यलो फंगस

Yellow Fungus

ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद ‘यलो फंगस’ के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गए हैं।

प्रमुख बिंदु

परिचय

  • यलो फंगस, जिसे ‘म्यूकर सेप्टिक’ भी कहा जाता है, प्रायः शुरू में वातावरण में फफूँद (एक प्रकार का कवक) की उपस्थिति से विकसित होता है।
    • इसकी उपस्थिति में अनावश्यक थकान, चकत्ते, त्वचा पर जलन आदि समस्याएँ हो सकती हैं।
    • 30-40% से कम आर्द्रता का स्तर कवक के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
  • इसकी शुरुआत प्रायः फेफड़ों से नहीं होती है, किंतु यह शरीर के आंतरिक अंगों पर हमला करता है और शरीर की संपूर्ण कार्य प्रणाली को प्रभावित करता है।

संभावित कारण

  • स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग, दूषित वातावरण, अनियंत्रित मधुमेह, अस्वास्थ्यकर आदतें, कम प्रतिरक्षा, सहरुग्णताएँ।
  • कोविड-19 के उपचार में स्टेरॉयड और इम्यूनोसप्रेसेन्ट शामिल हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर करते हैं।

लक्षण:

  • वजन कम होना, भूख कम लगना, सुस्ती ‘यलो फंगस संक्रमण’ के सामान्य लक्षण हैं।
  • यदि समय पर पता नहीं लगाया जाए तो मवाद रिसाव, धँसी हुई आँखें, अंग विफलता, घावों का धीमा उपचार और नेक्रोसिस (जीवित ऊतकों में कोशिकाएं समय से पहले मर जाती हैं) सहित लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।

उपचार:

  • अब तक यलो फंगस संक्रमण के लिये एकमात्र ज्ञात उपचार एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन है, जो एक एंटिफंगल दवा है जिसका उपयोग ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिये भी किया जा रहा है।

बचाव:

  • स्वच्छता बनाए रखना, बासी भोजन का सेवन न करना, कमरे में नमी को नियंत्रण में रखना आदि।

ब्लैक फंगस:

  • म्यूकोर्मिकोसिस, जिसे पहले जाइगोमाइकोसिस के रूप में जाना जाता था और कभी-कभी ब्लैक फंगस के रूप में जाना जाता है। यह आम तौर पर सांस लेने, दूषित भोजन खाने या खुले घाव के माध्यम से फैलता है।

व्हाइट फंगस:

  • व्हाइट फंगस या कैंडिडिआसिस एक कवक संक्रमण है जो कैंडिडा नामक खमीर (एक प्रकार का कवक) के कारण होता है।
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