प्रीलिम्स फैक्ट्स: 29 नवंबर, 2019 | 29 Nov 2019
35वाँ इन्फैंट्री कमांडर सम्मेलन
35th Infantry Commanders Conference
हाल ही में इन्फैंट्री स्कूल महू में 35वाँ इन्फैंट्री कमांडर सम्मेलन (35th Infantry Commanders Conference) का आयोजन किया गया। यह एक द्विवार्षिक आयोजन था।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य इन्फैंट्री के संचालन, प्रशिक्षण और प्रबंधन पहलुओं की समग्र समीक्षा करना है, जो इसकी भूमिका को बरकरार रखने तथा बढ़ोतरी करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
प्रमुख बिंदु:
- इस सम्मेलन की अध्यक्षता थलसेना प्रमुख द्वारा की गई।
- इस सम्मेलन में इन्फैंट्री के गठन कमांडर और कमांडिंग अधिकारियों सहित विभिन्न सेक्शनों के अधिकारियों ने भाग लिया।
- यह सम्मेलन प्रख्यात वक्ताओं और पेशेवरों को अपने विचारों को साझा करने तथा एक निर्भीक और स्पष्ट रूप में इन्फैंट्री से संबंधित मामलों का नए परिप्रेक्ष्य में आत्मनिरीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है।
- इस सम्मेलन के दौरान हुआ विचार-विमर्श राष्ट्र की सुरक्षा की उभरती चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिये इन्फैंट्री के योगदान को सुनिश्चित करने हेतु नवीन विचारों को व्यक्त करता है।
लोकटक अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजना
Loktak Inland Water ways project
हाल ही में केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय (Ministry Of Shipping) ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत मणिपुर में लोकटक अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजना (Loktak Inland Water ways project ) के विकास को मंज़ूरी दी है।
बजट:
- इस परियोजना पर 25.58 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
लाभ:
पूर्वोत्तर अत्यंत आकर्षक भू-परिदृश्य वाला एक मनोरम क्षेत्र है और यहाँ पर्यटन के लिये अपार अवसर हैं। इस परियोजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में अंतर्देशीय जल परिवहन कनेक्टिविटी को विकसित किया जाएगा और इससे पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
लोकटक झील की भौगोलिक स्थिति:
- लोकटक झील पूर्वोत्तर में ताज़े पानी की सबसे बड़ी झील है।
- यह मणिपुर के मोइरंग (Moirang) शहर में स्थित है। तैरते हुए द्वीप इस झील की मुख्य विशेषता है।
- विश्व का एकमात्र तैरता हुआ कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान (Keibul Lamjao National Park) इसी झील में स्थित है।
- यह आर्द्र्भूमियों की रामसर सूची में भी शामिल है।
- इस झील को ‘लाइफलाइन ऑफ मणिपुर’ (Life Line Of Manipur) भी कहा जाता है।
साक्षर भारत
Saakshar Bharat
हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले की महिला साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।
पृष्ठभूमि:
- जिला प्रशासन ने “अम्माकु अक्षर माला” (माँ के लिये वर्णमाला ‘माला’) विकसित कर कक्षा 7 से 10 तक के छात्रों को इसमें शामिल किया था।
- इन बच्चों को घर पर अपनी माताओं (अधिकतर स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को, जो साक्षर नहीं हैं) को तेलुगु वर्णमाला को पढ़ने और लिखने में सक्षम बनाने के लिये कहा गया।
- यह प्रयास साक्षर भारत मिशन (Saakshar Bharat Mission-SBM) के सहायतार्थ किया गया क्योंकि साक्षर भारत कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये पर्याप्त संख्या में समन्वयकों की कमी थी।
साक्षर भारत (Saakshar Bharat):
- ‘साक्षर भारत’ कार्यकम की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर, 2009 को की गई थी।
- इसके अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को आच्छादित किया जा रहा है।
- इसका विज़न राष्ट्रीय स्तर पर 80 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करना है।
- इसके अलावा साक्षरता दर में वर्तमान लैंगिक अंतर को कम करते हुए 10 प्रतिशत तक लाने का प्रयास किया जा रहा है।
लक्ष्य:
- इस कार्यक्रम के केंद्र में महिलाएँ हैं। इसका लक्ष्य प्रौढ़ शिक्षा, विशेष रूप से प्रौढ़ महिलाओं की शिक्षा को समुन्नत और सुदृढ़ करना है।
उद्देश्य:
- निरक्षर वयस्कों को कार्यात्मक साक्षरता और गणित की जानकारी देना।
- नवसाक्षर वयस्कों को उनकी बुनियादी साक्षरता से आगे की शिक्षा जारी रखने तथा औपचारिक शिक्षा व्यवस्था के समतुल्य शिक्षा ग्रहण करने योग्य बनाना।
- जीवन स्तर तथा आर्थिक स्थिति में सुधार लाने हेतु नवसाक्षरों और निरक्षरों में आवश्यक कौशल विकसित करना।
- नवसाक्षर वयस्कों के साथ-साथ पंचायत की पूरी आबादी को सतत् शिक्षा के लिये अवसर प्रदान करते हुए समाज को अध्ययन की दिशा में अग्रसर करना।
एलबी-1 ब्लैक होल
LB-1 Black Hole
हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों द्वारा सूर्य से 70 गुना बड़े एलबी-1 ब्लैक होल (LB-1 Black Hole) की खोज की गई है।
पृष्ठभूमि:
- मिल्की वे आकाशगंगा में लगभग 100 मिलियन तारकीय ब्लैक होल होने की संभावना है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, अभी तक मिल्की वे आकाशगंगा में कोई भी ब्लैक होल सूर्य से 20 गुना बड़ा नहीं है त्तथा LB- 1 द्रव्यमान अनुमानित से लगभग 2 गुना ज्यादा है।
नामकरण:
- LB-1 ब्लैक होल का नामकरण चाइनीज विज्ञान अकादमी ( Chinese Academy of Sciences- NAOC) की राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।
अवस्थिति:
- यह पृथ्वी से लगभग 15000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर मिल्की वे आकाशगंगा में स्थित है।
लाभ:
- LB-1 का प्रत्यक्ष दर्शन यह साबित करता है कि अति-विशाल तारकीय ब्लैक होल की यह आबादी हमारी अपनी आकाशगंगा में भी है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार यह खोज उन्हें बड़े ब्लैक होल बनने के मॉडल की फिर से जाँच करने के अध्ययन को चुनौती देगी।