प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 दिसंबर 2019 | 27 Dec 2019
राजस्व आसूचना निदेशालय
Directorate of Revenue Intelligence
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा राजस्व आसूचना निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence- DRI) की विशिष्ट सेवा और राष्ट्र की रक्षा में गौरवशाली योगदान की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया।
DRI का गठन:
- इसका गठन 4 दिसंबर, 1957 को किया गया था।
- यह भारत की प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जाँच और संचालन एजेंसी है।
- यह वित्त मंत्रालय के तहत कार्यरत केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes & Customs) के अधीन तस्करी के खतरे से निपटने के लिये एक शीर्ष आसूचना निकाय है।
- वस्तु और सेवा कर (Goods & Service Tax- GST) के लागू होने के बाद वर्ष 2018 में केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs- CBEC) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs- CBIC) कर दिया गया था।
- CBIC सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, CGST और IGST शुल्क की चोरी की रोकथाम के संबंध में नीति निर्माण के कार्यों से संबंधित है।
DRI के कार्य:
- इसका कार्य नशीले पदार्थों की तस्करी और वन्यजीव तथा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील वस्तुओं के अवैध व्यापार एवं तस्करी का पता लगा कर उन पर अंकुश लगाना है।
- इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा शुल्क की चोरी से निपटना है।
DRI को राष्ट्रीय तस्करी विरोधी समन्वय केंद्र ( Anti-Smuggling National Coordination Centre- SCord) के लिये प्रमुख एजेंसी के रूप में भी नामित किया गया है।
पंडित मदन मोहन मालवीय जयंती
Pandit Madan Mohan Malviya Jayanti
25 दिसंबर, 2019 को पंडित मदन मोहन मालवीय (Pandit Madan Mohan Malviya) की 158वीं जयंती मनाई गई।
मालवीय जी के बारे में:
- इनका जन्म 25 दिसंबर, 1861 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था।
- इन्होने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और वर्ष 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University- BHU) की स्थापना की।
- इन्हें विशेष रूप से कैरिबियन क्षेत्र में भारतीय करारबद्ध प्रणाली (Indian Indenture System) को समाप्त करने में, उनकी भूमिका के लिये भी याद किया जाता है-
- यह एक प्रकार की श्रम बंधुआ मजदूरी प्रणाली थी जिसे वर्ष 1833 में दासता उन्मूलन के बाद स्थापित किया गया था।
- इसके तहत वेस्टइंडीज, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया की ब्रिटिश उपनिवेशों में चीनी, कपास, चाय बागानों तथा रेल निर्माण परियोजनाओं में काम करने के लिये अप्रत्यक्ष रुप से श्रमिकों की भर्ती की जाती थी।
- इन्होंने 'सत्यमेव जयते' शब्द को लोकप्रिय बनाया। हालाँकि, यह वाक्यांश मूल रूप से मुंडको उपनिषद से लिया गया है।
- इन्हें रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 'महामना' की उपाधि दी गई और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने इन्हें 'कर्मयोगी' का उपाधि दी थी।
- मालवीय जी ने ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर देवनागरी को ब्रिटिश-भारतीय न्यायालयों में प्रमुख स्थान दिलाया। इसे उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।
- जातिगत भेदभाव और ब्राह्मणवादी पितृसत्ता पर अपने विचार व्यक्त करने के लिये मदन मोहन मालवीय को ब्राह्मण समुदाय से निकाल दिया गया था।
- इन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता को बढावा देने के लिये बहुत काम किया। मालवीय जी को सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रसिद्ध भाषण देने के लिये याद किया जाता है।
- इन्होंने वर्ष 1915 में हिंदू महासभा की स्थापना में अहम भूमिका निभाई की। जिसके द्वारा विभिन्न स्थानीय हिंदू राष्ट्रवादी आंदोलनों को एक पटल पर लाने में आसानी हुई।
- मालवीय जी के द्वारा संपादित पत्र: हिंदी-भाषा साप्ताहिक अभ्युदय (1907), हिंदी मासिक पत्रिका मर्यादा (1910) तथा अंग्रेजी में दैनिक द लीडर (1909)
- इन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया और इसके हिंदी संस्करण को भी प्रकाशित करने में मदद की।
- 12 नवंबर, 1946 को 84 वर्ष की आयु में इनका निधन हो गया।
- वर्ष 2014 में मालवीय जी को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस- 2019
National Consumers Right Day 2019
24 दिसंबर, 2019 को उपभोक्ता आंदोलन के महत्त्व और प्रत्येक उपभोक्ता को उनके अधिकारों तथा ज़िम्मेदारियों के बारे में अधिक जागरूक करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस (National Consumers Right Day) मनाया गया।
थीम:
- इस वर्ष उपभोक्ता दिवस की थीम- ‘उपभोक्ता शिकायत/विवाद के समाधान की वैकल्पिक प्रणाली’ (Alternate Consumer Grievance/Dispute Redressal’) है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य उपभोक्ता आंदोलन के महत्व और प्रत्येक उपभोक्ता को उसके अधिकारों तथा ज़िम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित करना है।
पृष्ठभूमि:
- 24 दिसम्बर को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 लागू हुआ था। इस अधिनियम का उद्देश्य खराब सामान, त्रुटिपूर्ण सेवाओं और अनुचित व्यापार परिपाटियों जैसे विभिन्न प्रकार के शोषण से उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को बदलने के लिये अगस्त 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया।
- इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumers Right Day) के रूप में मनाया जाता हैं। इसकी घोषणा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी (John F. Kennedy) द्वारा की गई थी, जिसमें चार मूलभूत अधिकार बताए गए हैं-
- सुरक्षा का अधिकार
- सूचना पाने का अधिकार
- चुनने का अधिकार
- सुनवाई का अधिकार
ईट राइट मेला
Eat Right Mela
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Minister of Health & Family Welfare) द्वारा दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में ईट राइट मेले (Eat Right Mela) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया गया।
- भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) द्वारा ईट राइट मेले का आयोजन किया जाता है।
- यह नागरिकों को शुद्ध भोजन करने की दिशा में उन्हें प्रेरित करने के लिये एक प्रयास है। यह नागरिकों को विभिन्न प्रकार के भोजन के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित लाभों से अवगत कराने के लिये आयोजित किया जाता है।
मेले के विषय में:
- इस अवसर पर ‘PURPLE Book’ नामक एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। जो विभिन्न रोगों के लिए मुख्य आहार के दिशा-निर्देशों से संबंधित है-
- यह पुस्तिका एक सरल प्रारूप में सामान्य चिकित्सा स्थितियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, आँत के विकार आदि के लिये उपयुक्त आहार पर अस्पतालों को सामान्य दिशा-निर्देश प्रदान करती है।
- इसे भोजन एवं पोषण क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा विकसित एवं निरीक्षित किया गया है।
- इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा और अनुप्रयुक्त पोषण हेतु वैज्ञानिक सहयोग के लिये एक नेटवर्क (Network for Scientific Co-operation for Food Safety and Applied Nutrition- NetSCoFAN) भी लाॅन्च किया गया।
- यह NetSCoFAN के दिशा-निर्देश के साथ-साथ खाद्य एवं पोषण के क्षेत्र में काम करने वाले अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों का एक नेटवर्क है जिसका कार्य प्रमुख निदेशकों एवं वैज्ञानिकों की विस्तृत जानकारी को कवर करना तथा इससे संबद्ध संस्थानों का नेतृत्व करना है।
- इसमें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले जैविक, रासायनिक, पोषण एवं लेबलिंग, पशुओं से संबंधित भोजन, पौधों से संबंधित भोजन, जल एवं पेय पदार्थ, खाद्य परीक्षण, और सुरक्षित एवं स्थायी पैकेजिंग जैसे संस्थानों के आठ समूह शामिल होंगे।
- यह संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान अंतराल की पहचान करेगा और जोखिम मूल्यांकन गतिविधियों के लिये खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर डेटाबेस को इकट्ठा, एकत्र तथा विकसित करेगा।
- इस अवसर पर 'सेव फूड शेयर फूड' (Save Food Share Food) के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया।
- इस संदर्भ में, इंडियन फूड शेयरिंग एलायंस (Indian Food Sharing Alliance- IFSA) खाने की बर्बादी तथा भुखमरी को कम करना, ज़रूरतमंदों को खाना खिलाना और भूखों को व्यवस्थित तरीके से अधिशेष भोजन देने की मांग करता है।