प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26- 07- 2019
- 26 Jul 2019
- 7 min read
सिक्यूरिटीपीडिया और CISF Tube
Securitypedia And CISF Tube
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force- CISF) ने सिक्यूरिटीपीडिया (Securitypedia) नामक एक ऑनलाइन विश्वकोश (Encyclopedia) की शुरुआत की है।
- CISF ने अपने कर्मचारियों के लिए CISFTube नामक अनुकूलित वीडियो इंटरफ़ेस भी लॉन्च किया है।
- इसका उद्देश्य सिंगल बटन क्लिक करके CISF के कर्मचारियों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराना एवं उन्हें सशक्त बनाना है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
Central Industrial Security Force- CISF
- CISF (Central Industrial Security Force) एक केंद्रीय सशस्त्र बल है जिसे ‘केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम, 1968’ के तहत गठित किया गया था।
- यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
- CISF पूरे भारत में स्थित औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं और सुविधाओं तथा प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, खदानों, तेल क्षेत्रों और रिफाइनरियों, मेट्रो रेल, प्रमुख बंदरगाहों आदि जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा का ज़िम्मा CISF ही उठाता है।
भारत में अन्य केंद्रीय सशस्त्र बलों में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force-CRPF), सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force-BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police-ITBP), सशस्त्र सीमा बल (Sashastra Seema Bal-SSB) शामिल हैं।
कारगिल विजय दिवस
Kargil Vijay Diwas
26 जुलाई, 1999 को कारगिल युद्ध (Kargil War) में विजय हासिल करने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है।
- इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है जिसकी थीम 'रिमेंबर, रिजॉइस एंड रिन्यू' (Remember, Rejoice and Renew) है।
- कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है।
- भारत और पाकिस्तान के बीच मई से जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में हुए सशस्त्र संघर्ष को ही कारगिल युद्ध (Kargil War) कहा जाता है। यह लगभग 60 दिनों तक चला तथा 26 जुलाई, 1999 को समाप्त हुआ था।
- इस युद्ध को जीतने के लिये भारतीय सेना ने दुर्गम बाधाओं, दुश्मन के इलाकों, विपरीत मौसम एवं अन्य कठिनाइयों को पार करते हुए विजय प्राप्त की थी।
- इस युद्ध में भारतीय सेना के बहुत से जवान शहीद और घायल हुए। सेना के अदम्य साहस एवं बलिदान के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है।
‘ट्रांस फैट फ्री’ लोगो
‘Trans Fat Free’ Logo
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिसूचित मानदंडों के अंतर्गत पैकेज्ड फूड कंपनियों को अब उनके आउटलेट तथा उत्पादों पर ‘ट्रांस फैट फ्री’ लोगो का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि FSSAI ने बेकरी, मिठाई की दुकानों, रेस्तरां को पहले से ही ‘ट्रांस फैट फ्री’ लोगो जारी करने की अनुमति दी हुई है।
- FSSAI ने बेकरी, मिठाई की दुकानों और अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों/प्रतिष्ठानों को खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैट सामग्री को कम करने हेतु स्वस्थ वसा या तेल का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया है।
- FSSAI के नए मानदंडों के अनुसार, ‘ट्रांस फैट फ्री’ लोगो लगाने की अनुमति केवल उन्हीं को दी जा सकती है, जिनके उत्पादों में प्रति 100 ग्राम या भोजन के 100 मिलीलीटर में ट्रांस फैट की मात्रा 0.2 ग्राम से कम है।
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण
Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI
- इसकी स्थापना खाद्य संरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई है जो उन विभिन्न अधिनियमों एवं आदेशों को समेकित करता है जिसने अब तक विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों में खाद्य संबंधी विषयों का निपटान किया है।
- FSSAI की स्थापना खाद्य वस्तुओं के लिये विज्ञान आधारित मानकों का निर्धारण करने और मानव उपभोग के लिये सुरक्षित और पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उनके विनिर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री तथा आयात को विनियमित करने के लिये की गई है।
- FSSAI के कार्यान्वयन के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रशासनिक मंत्रालय है।
ट्रांस फैट
Trans Fat
- तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य के भंडारण एवं उपयोग अवधि (Shelf Life) में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है, इस प्रकार संतृप्त वसा या ट्रांस फैट का निर्माण होता है।
- ट्रांस फैट बड़े पैमाने पर वनस्पति, नकली या कृत्रिम मक्खन (Margarine), विभिन्न बेकरी उत्पादों में मौजूद होते हैं तथा ये तले हुए या पके हुए खाद्य पदार्थों में भी पाए जा सकते हैं।
- FSSAI 2022 तक चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैटी एसिड को 2% से कम करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- वैश्विक स्तर पर ट्रांस फैट के सेवन से हर साल 500,000 से अधिक लोगों की मौत हृदय संबंधी बीमारियों (Cardiovascular Disease) के कारण होती है।