प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23 दिसंबर, 2019 | 23 Dec 2019
इस्लामिक सहयोग संगठन
Organisation for Islamic Cooperation
इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation for Islamic Cooperation- OIC) द्वारा भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 [Citizenship (Amendment) Act, 2019] और सर्वोच्च न्यायालय के राम जन्म भूमि विवाद पर फैसले को चिंता का मुद्दा बताया गया है।
OIC की स्थापना:
- OIC की स्थापना मोरक्को के रबात, में 25 सितंबर, 1969 को हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के निर्णय के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में हुई थी।
सदस्य देश:
- OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है तथा इसके सदस्य देशों की संख्या 57 है।
उद्देश्य:
- यह विश्व के विभिन्न लोगों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की भावना से मुस्लिम जगत के हितों की रक्षा तथा संरक्षण का प्रयास करता है।
- OIC के पास संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के स्थायी प्रतिनिधिमंडल हैं। इसका प्रशासनिक केंद्र (मुख्यालय) जेद्दा, सऊदी अरब में स्थित है।
भारत के स्थिति:
- भारत, OIC का सदस्य देश नहीं है।
- पहली बार मार्च 2019 में OIC ने भारत को 'गेस्ट ऑफ़ ऑनर' के तौर पर विदेशमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया था।
- पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान OIC के संस्थापक सदस्य देश हैं।
स्पंदन
SPANDANA
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम् (Prakasham) ज़िले के पुलिस अधीक्षक को स्पंदन (SPANDANA) परियोजना के लिये 7वाँ जी-फाइल (G-Files) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- प्रकाशम् ज़िले की जनसंख्या लगभग 40 लाख है और यह यह 18,000 वर्ग किमी. में फैला हुआ है।
परियोजना के विषय में:
- स्पंदन परियोजना की शुरुआत राज्य के पुलिस स्टेशनों को जनता की पहुँच के लिये सुगम बनाने हेतु विशेषकर महिलाओं के लिये जुलाई, 2019 में हुई थी।
- इसमें लगभग 52% शिकायतकर्त्ता महिलाएँ थीं।
- यह परियोजना ज़िलों के उन लोगों के लिये भी है जो उस ज़िले, राज्य या देश से बाहर रह रहे हैं ऐसे लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस से बातचीत कर सकते हैं और अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
- जी-फाइल पुरस्कार के अलावा, स्पंदन को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (Bureau of Police Research and Development- BPR&D) द्वारा भी नामित किया जा चुका है।
परियोजना की सफलता के कारण:
- स्पंदन परियोजना के सफल होने के दो व्यापक कारण हैं-
- इसके क्रियान्वयन में प्रौद्योगिकी का उपयोग।
- महिला शिकायतकर्ताओं पर विशेष ध्यान।
जी-फाइल पुरस्कार के विषय में :
- जी-फाइल पुरस्कार शासन में अभिनव सुधारों के लिये सिविल सेवकों को प्रत्येक वर्ष दिया जाता है।
BPR&D के विषय में:
- इसकी स्थापना पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से 28 अगस्त,1970 को की गई थी।
- यह गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत एक परामर्शदायी संगठन है।
मिशन शत-प्रतिशत
Mission Shat Pratishat
पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सितंबर 2019 में सरकारी स्कूलों की कक्षा 5, 8, 10 और 12 में 100% परिणाम प्राप्त करने के लिये मिशन शत-प्रतिशत (Mission Shat Pratishat) की शुरुआत की गई थी।
मिशन का नारा:
- इस मिशन को “असंभव नु संभव बनाइये, शत प्रतिशत नतीजा लाइए” (Make Impossible Possible and Secure 100 Percent Result) नारा दिया गया है।
लक्ष्य:
- इस मिशन का लक्ष्य 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में सरकारी स्कूलों के परिणामों में पास प्रतिशत के आँकड़ों में सुधार करना है।
मिशन के तहत उठाये गए कदम:
- विभिन्न विषयों के शिक्षकों द्वारा अच्छी प्रथाओं को साझा करने और उनका उचित समन्वय सुनिश्चित करने हेतु शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा अभिभावकों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है।
- शिक्षकों और छात्रों को एडुसैट (शिक्षा उपग्रह) के माध्यम से प्रश्नपत्र की संरचना के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
- छात्रों के लिये हल करने हेतु प्रत्येक विषय के मॉडल प्रश्न पत्र तैयार करना है।
- सरकारी स्कूल के शिक्षक स्वेच्छा से न केवल काम के दिनों में बल्कि रविवार और छुट्टियों के दौरान भी अतिरिक्त कक्षाएँ ले रहे हैं।
संबंधित मुद्दे:
- सैकड़ों प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूल ज़्यादातर ऐसे हैं जिनमें पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं।
रिया उपग्रह
Rhea Satellite
23 दिसंबर, 1672 को जियोवानी कैसिनी (Giovanni Cassini) द्वारा रिया उपग्रह (Rhea Satellite) की खोज की गई थी।
रिया उपग्रह के विषय में:
- यह टाइटन के बाद शनि का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
- रिया, जियोवानी कैसिनी द्वारा खोजे गये शनि के चार उपग्रहों में से दूसरा था।
- जियोवानी कैसिनी द्वारा खोजे गए चार उपग्रहों का नाम इस प्रकार है-
- आइपिटस (Iapetus)
- रिया (Rhea)
- टेथिस (Tethys)
- डायोन (Dione)
- रिया, टेथिस तथा डायोन की तरह स्थानबद्ध (Tidally Locked) है यानी इसका एक हिस्सा सदैव शनि के सम्मुख रहता है
- रिया की औसत त्रिज्या 764 किमी है, जो पृथ्वी के लगभग 10वें हिस्से के बराबर है।
- रिया के मैदानों की औसत आयु लगभग चार बिलियन वर्ष है।
- वर्ष 2010 में, कैसिनी नामक एक अंतरिक्ष यान ने रिया के चारों ओर एक बहुत ही पतले वातावरण का पता लगाया जिसे बहिर्मंडल के रूप में जाना जाता है यह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का मिश्रण है।
- कार्बन डाइऑक्साइड की उत्पत्ति का स्रोत निश्चित नहीं है परंतु माना जाता है कि ऑक्सीजन तब उत्पन्न होती है जब रिया शनि का चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में आ जाता है।
- इस उपग्रह की सतह पर ऊर्जावान कणों की उपस्थिति है जो शनि के चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ करते हैं जिससे इसकी सतह विघटित होती है और ऑक्सीजन का निर्माण होता है।
कैसिनी मिशन:
- यह शनि और उसकी प्रणाली को देखने वाला पहला समर्पित अंतरिक्ष मिशन था।
- 15,अक्तूबर 1997 को नासा द्वारा इस मिशन को प्रारंभ किया गया तथा यह 15 सितंबर, 2017 को समाप्त हो गया।
- इसका नामकरण 17वीं शताब्दी के खगोलशास्त्री जियोवानी कैसिनी (Giovanni Cassini) के नाम पर किया गया था।
- जियोवानी कैसिनी एक इटैलियन खगोलशास्त्री, गणितज्ञ और इंजीनियर थे।